Author name: Ek Janta Ki Awaaz

CG Irrigation Project Board: The 33rd meeting of the Chhattisgarh Irrigation Project Board concluded under the chairmanship of the Chief Minister; in-principle approval was given to 14 new irrigation projects in the state.
Chhattisgarh

CG Irrigation Project Board : मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना मंडल की 33वीं बैठक संपन्न, प्रदेश में 14 नई सिंचाई परियोजनाओं को मिली सैद्धांतिक सहमति

रायपुर, 14 नवंबर। CG Irrigation Project Board : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना मंडल की 33वीं तथा वर्तमान सरकार के कार्यकाल की पहली बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश की सिंचाई क्षमता बढ़ाने, भूजल स्तर सुधारने और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ बनाने पर विस्तृत विमर्श किया गया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के लिए 14 नई परियोजनाओं को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादन बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से सिंचाई नेटवर्क का लगातार विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिंचाई रकबा बढ़ने से न केवल किसानों को लाभ मिलेगा बल्कि भूजल स्तर में सुधार होगा और पेयजल आपूर्ति को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जा सकेगा। बैठक में सरगुजा, बस्तर सहित मैदानी इलाकों तक सिंचाई सुविधाओं के विस्तार पर व्यापक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं की रूपरेखा, लागत और उनके लाभों की विस्तृत जानकारी ली और कहा कि प्रदेशभर में संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए इन परियोजनाओं को गति प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि इन परियोजनाओं के माध्यम प्रदेश में लगभग 01 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। इन परियोजनाओं में बस्तर जिले के अंतर्गत देउरगांव बैराज सह उदवहन सिंचाई परियोजना, बस्तर जिले के अंतर्गत मटनार बैराज सह उद्धवहन सिंचाई परियोजना, रायपुर जिले के विकासखण्ड आरंग में महानदी पर मोहमेला सिरपुर बैराज योजना, अहिरन से गाजरीनाला जल संवर्धन निर्माण (खारंग अहिरन लिंक परियोजना) कार्य, बिलासपुर जिले के कोटा विकासखण्ड अंतर्गत छपराटोला फीडर जलाशय परियोजना, कुम्हारी जलाशय जल क्षमता वृद्धि (जलावर्धन) योजना के अंतर्गत समोदा बैराज से कुम्हारी जलाशय तक पाईप लाईन बिछाने का कार्य, दुर्ग जिले के विकासखण्ड धमधा के सहगांव उद्धवहन सिंचाई योजना, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में लमती फीडर जलाशय एवं नहरों का निर्माण कार्य, राजनांदगांव जिले में स्थित मोहारा एनीकट में पेय जल हेतु चौकी एनीकट से मोहारा एनीकट तक पाईप लाईन के माध्यम से जल प्रदाय योजना, जशपुर जिले के मैनी नदी में बगिया बैराज सह दाबयुक्त उद्ववहन सिंचाई योजना की स्वीकृति, जांजगीर-चांपा जिले के हसदेव बांगों परियोजना अंतर्गत वृहद परियोजना ऑगमेण्टेशन के अंतर्गत परसाही दाबयुक्त उद्ववहन सिंचाई परियोजना, कोरबा जिले के अंतर्गत मड़वारानी बैराज निर्माण सह उदवहन सिंचाई योजना, गरियाबंद जिले के पैरी परियोजना के अंतर्गत सिकासार जलाशय से कोडार जलाशय लिंक नहर (पाईप लाईन) योजना तथा बिलासपुर जिले के खारंग जलाशय योजना के बाएं तट नहर के आर्वधन हेतु पाराघाट व्यपवर्तन योजना से उद्धवहन फीडर सिंचाई का निर्माण कार्य शामिल किया गया है।  बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी, मुख्य सचिव श्री विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा  विभाग के सचिव श्री रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश कुमार बंसल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उइके सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

150th Birth Anniversary: ​​To commemorate the 150th birth anniversary of Bhagwan Birsa Munda, Tribal Pride Day will be celebrated in all districts of the state on November 15. The Prime Minister's address will be broadcast and the Chief Minister's message will be read.
Chhattisgarh

150th Birth Anniversary : भगवान बिरसा मुण्डा के 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी जिलों में 15 नवंबर को होगा जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन, प्रधानमंत्री के संबोधन का प्रसारण और मुख्यमंत्री के संदेश का होगा वाचन 

रायपुर, 14 नवंबर। 150th Birth Anniversary : भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती 15 नवम्बर को छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में गरिमामय ढंग से मनायी जाएगी। इस अवसर पर जिलों में विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, सांसद एवं विधायकगण मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण अधिकारिक यू-ट्यूब चैनल एवं डीडी न्यूज के माध्यम से होगा, जिसे देखने और सुनने की व्यवस्था भी कार्यक्रम स्थल पर होगी। कार्यक्रम के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी का संदेश पत्र वाचन होगा तथा “पीएम जनमन”, “आदि कर्मयोगी”, “धरती आबा” जैसी योजनाओं पर आधारित लघु फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी। राज्य शासन द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन के संबंध में जारी कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में जनजातीय गौरव दिवस का गरिमामय आयोजन होगा। इस मौके पर वनमंत्री श्री केदार कश्यप और विधायक श्री किरण सिंह देव विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।  दुर्ग जिले में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, रायपुर में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री तोखनलाल साहू और राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, बलरामपुर में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, बेमेतरा में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, कोरबा में उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, रायगढ़ में राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सरगुजा में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, जांजगीर-चांपा में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, महासमुंद में कौशल विकास तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, कांकेर में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, कोरिया में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल मुख्य अतिथि होंगे।  इसी तरह बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, सूरजपुर में सांसद श्री चिंतामणि महाराज, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में सांसद श्री विजय बघेल, कबीरधाम में सांसद श्री संतोष पाण्डेय, बालोद में सांसद श्री भोजराज नाग, गरियाबंद में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, जशपुर में सांसद श्री राधेश्याम राठिया, सक्ती में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, बीजापुर में सांसद महेश कश्यप, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में राज्य सभा सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह मोहला-मानपुर चौकी में विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, धमतरी में विधायक श्री अजय चन्द्राकर, कोण्डागांव में विधायक सुश्री लता उसेण्डी, मुंगेली में विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, नारायणपुर में विधायक श्री विक्रम उसेंण्डी, सुकमा में विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, दंतेवाड़ा में विधायक श्री चैतराम अटामी और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में विधायक श्री प्रणव कुमार मरपच्ची मुख्य अतिथि होंगे।  जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, जनजातीय समुदाय के प्रमुखों एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। जनजातीय संस्कृति, कला, व्यंजन, हस्तशिल्प और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी एवं लाभार्थी संवाद कार्यक्रम भी जिला स्तरीय समारोह का प्रमुख आकर्षण होंगे। स्कूलों, आश्रम शालाओं और आवासीय विद्यालयों में भी इस अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। 

India International Trade Fair: India International Trade Fair will become a platform for the progress of Chhattisgarh, stalls will be set up from forest produce to millet.
Business

India International Trade Fair : भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला बनेगा छत्तीसगढ़ की प्रगति का मंच, वनोपज से मिलेट तक सजेगा स्टॉल

रायपुर, 14 नवंबर। India International Trade Fair : नईदिल्ली के भारत मण्डपम में 14 नवंबर से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास की छटा बिखरेगी। यहां 27 नवंबर तक भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की थीम पर छत्तीसगढ़ का आकर्षक पवेलियन बनाया जा रहा है। इस मेले में देश के सभी राज्यों सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उद्योगपति और निवेशक भी आयेंगे। मेले में बने छत्तीसगढ़ पवेलियन में राज्य के औद्योगिक विकास की झलक दिखाई जायेगी। यहां छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, उद्योगों के लिए व्यापक अनुकूल माहौल और व्यवस्थाऐं तथा नई औद्योगिक नीति के बारे में आगंतुकों को पूरी जानकरी दी जायेगी। इस मेले में राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति में उपलब्ध निवेश प्रोत्साहन, सुक्ष्म लघु एवं मध्यम ईकाईयों की स्थापना, उनके उत्पादों से संबंधित जानकारियों का भी प्रदर्शन किया जायेगा। मेला अवधि में छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए निवेशेकों के साथ बैठकें, इन्वेस्टर कनेक्ट आदि भी किये जायेंगे। इस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और पर्यटन की संभावना का भी प्रदर्शन किया जायेगा, ताकि संस्कृति और पर्यटन पर आधारित रोजगार मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। मेले में बने पवेलियन में छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प, वनोपज उत्पादों, खादी ग्रामोद्योग क्षेत्र में उद्योग शुरू करने की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी जायेगी। पवेलियन में बस्तर क्षेत्र को फोकस करते हुए डिजिटल तकनीकों से सुसज्जित प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान 24 नवंबर को भारत मण्डपम दिल्ली में छत्तीसगढ़ दिवस भी मनाया जायेगा। शाम 6 बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित मंत्रीमण्डल के सदस्य भी शामिल होंगे। यह आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा किया जायेगा। छत्तीसगढ़ पवेलियन में हर दिन राज्य की सांस्कृतिक छटा का प्रदर्शन नृतक दलों के माध्यम से किया जायेगा।  यहां छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग हस्तकला, हथकरघा, चरखा आदि का जीवंत प्रदर्शन, उत्कृष्ट उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की भी व्यवस्था रहेगी। छत्तीसगढ़ पवेलियन में मिलेट से संबंधी उत्पादों के प्रदर्शन के साथ-साथ मिलेट कैफे भी लगाया जायेगा। इससे लोगों को छत्तीसगढ़ में उगाये जाने वाले लघु धान्यों कोदो, कुटकी, रागी, संवा आदि के उत्पादन, उनके व्यवसाय के लिये आकर्षित किया जा सकेगा। इस मेले में छत्तीसगढ़ में उपलब्ध जैविक और एक्जॉटिक खाद्यन्नों का भी प्रदर्शन होगा, ताकि इन उत्पादकों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल सके। लघु वनोपज संघ के द्वारा अपने वनोपजों से बने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री भी कि जायेगी। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एफएमसीजी कंपनियों के माध्यम से इन उत्पादों की मार्केटिंग करने की व्यवस्था का प्रयास किया जायेगा। पवेलियन में छत्तीसगढ़ के आकर्षक पर्यटन स्थलों, उपलब्ध अधोसंरचना और ईको-टूरिज्म के बारे में भी जानकारी दी जायेगी। ताकि अधिक से अधिक लोग छत्तीसगढ़ के बारे में जान सके।

PM Awaas: Badri's dream comes true with Pradhan Mantri Awas Yojana, gets a permanent house
Chhattisgarh

PM Awaas : प्रधानमंत्री आवास योजना से बद्री का सपना हुआ साकार, मिला पक्का मकान

रायपुर, 13 नवम्बर। PM Awaas : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला, जो घने जंगलों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, अब विकास और बदलाव की नई कहानी लिख रहा है। यह कहानी है कोंटा विकासखंड के दूरस्थ ग्राम पंचायत मेहता की रहने वाली सुन्नम बद्री की, जिन्होंने सरकारी योजनाओं की मदद से अपने कच्चे झोपड़ी जैसे घर को एक सुंदर पक्के मकान में बदल दिया। संघर्षों से भरा था जीवन बद्री पहले मिट्टी और फूस से बनी झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहती थीं। बरसात के दिनों में छत टपकती थी और गर्मी में दीवारें दरक जाती थीं। ऐसे हालात में बच्चों की देखभाल और घर चलाना बहुत मुश्किल था। गाँव की दूरस्थ स्थिति के कारण निर्माण सामग्री पहुँचाना भी एक बड़ी चुनौती थी। योजना बनी जीवन की रोशनी वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत शुरू की गई “नियद नेल्ला नार योजना” (स्थानीय गोंडी भाषा में जिसका अर्थ है “आपका अच्छा घर”) ने उनके जीवन में नई उम्मीद जगाई। योजना के तहत उन्हें पक्का घर बनाने की स्वीकृति मिली। पंचायत प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीणों के सहयोग से तमाम कठिनाईयों के बावजूद उनका घर बनकर तैयार हुआ। गृहप्रवेश का खुशी भरा दिन 1 नवम्बर 2025 का दिन श्रीमती बद्री के जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया। जब उन्होंने अपने नए पक्के घर में गृहप्रवेश किया, तो उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे। अब उनका परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक घर में रह रहा है। “नियद नेल्ला नार योजना” बन रही मिसाल यह योजना केवल घर बनाने की पहल नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण और जीवन स्तर सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना ने यह साबित किया है कि अब विकास की किरण जंगलों और दुर्गम इलाकों तक पहुँच रही है। प्रशासन की भूमिका रही सराहनीय रही सुकमा कलेक्टर  ने बताया कि “नियद नेल्ला नार योजना” के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का क्रियान्वयन सुकमा के दूरस्थ इलाकों में भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। लगातार पात्र हितग्राहियों को पक्के घर स्वीकृत किए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि मेहता जैसे अंदरूनी गांव में योजना का सफल क्रियान्वयन केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन की मिसाल है। श्रीमती बद्री का घर यह प्रमाण है कि जब प्रशासन, पंचायत और जनता मिलकर काम करते हैं, तब असंभव भी संभव हो जाता है। सपनों का घर बना प्रेरणा का प्रतीक आज सुन्नम बद्री का यह घर सिर्फ ईंट और गारे का ढांचा नहीं, बल्कि उनके सपनों, संघर्ष और उम्मीदों की मजबूत नींव पर खड़ा एक प्रतीक है जो यह संदेश देता है कि सरकारी योजनाएँ जब सही नीयत और सहभागिता से लागू होती हैं, तो लोगों का जीवन सच में बदल जाता है।

CG News: The Chief Minister has given new hope to Poonam, who draws with her feet – she will now receive education and scholarships at a special school.
Chhattisgarh

CG News : पैरों से चित्र उकेरने वाली पूनम बिटिया के जीवन में मुख्यमंत्री ने भरी नई उम्मीद — अब विशेष विद्यालय में मिलेगा शिक्षण और छात्रवृत्ति

रायपुर, 12 नवंबर। CG News : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जनदर्शन में दूर-दूर से मुख्यमंत्री निवास पहुँच रहे लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान भी कर रहे हैं। आज जनदर्शन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने रायपुर के तेलीबांधा की रहने वाली 11 वर्षीय बिटिया पूनम से भेंट की।बिटिया पूनम की माता ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि वह सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रही है और बातचीत करने में भी असमर्थ है। उन्होंने बताया कि इस चुनौती के बावजूद पूनम अपने पैरों से बहुत सुंदर चित्र बनाती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अत्यंत आत्मीयता से बिटिया पूनम से बात की और उसे स्नेहपूर्वक दुलार किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूनम की माता को आश्वस्त करते हुए कहा कि “हम आपके साथ हैं, आपको बिटिया के लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।” मुख्यमंत्री ने पूनम बिटिया की पढ़ाई की उचित व्यवस्था के लिए उसे विशेष विद्यालय में भर्ती कराने और छात्रवृत्ति प्रदान करने के निर्देश दिए।

Token App: To facilitate paddy procurement, the 'Tuhar Token Mobile App' has been launched – farmers will get token facility from home and will be relieved from long queues at the committees.
Chhattisgarh

Token App : धान खरीदी में सुगमता हेतु ‘तुहर टोकन मोबाइल एप’ प्रारंभ — किसानों को मिलेगी घर बैठे टोकन सुविधा, समितियों में लंबी कतारों से मिलेगी मुक्ति

रायपुर, 12 नवम्बर। Token App : किसानों को धान विक्रय हेतु सुगम एवं बेहतर व्यवस्था प्रदाय किये जाने हेतु खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में ‘तुहर टोकन मोबाइल एप’ प्रारंभ किया गया है। इस एप के माध्यम से किसानों को घर बैठे धान विक्रय हेतु टोकन की व्यवस्था उपलब्ध होगी, जिससे समितियों में लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी। यह मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस ऐप में किसानों को सर्वप्रथम आधार आधारित ओटीपी के माध्यम से पंजीयन करना होगा। किसान प्रतिदिन सुबह 8.00 बजे से इस ऐप के माध्यम से टोकन हेतु आवेदन कर सकेंगे। खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने जानकारी दी कि धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए, सीमांत कृषक (2 एकड़ या 2 एकड़ से कम भूमि) को अधिकतम 1 टोकन, लघु कृषक ( 2 से 10 एकड़ तक) को अधिकतम 2 टोकन तथा दीर्घ कृषक (10 एकड़ से अधिक) को अधिकतम 3 टोकन प्रदान किये जायेंगे। नया टोकन बनाने हेतु समय-सीमा रविवार से शुक्रवार तक (प्रातः 8.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक) निर्धारित की गई है। जारी टोकन आगामी 07 खरीदी दिवसों के लिए मान्य रहेंगे। धान खरीदी केन्द्र की प्रतिदिन की खरीदी सीमा का 70 प्रतिशत हिस्सा मोबाइल एप के माध्यम से टोकन हेतु आरक्षित रहेगा। इस 70 प्रतिशत में से लघु एवं सीमांत कृषक हेतु 80 प्रतिशत तथा दीर्घ कृषक हेतु 20 प्रतिशत का आरक्षण किया गया है। उदाहरण स्वरूप यदि किसी उपार्जन केन्द्र की प्रतिदिन की खरीदी सीमा 1000 क्विंटल है, तो मोबाइल ऐप हेतु आरक्षित 700 क्विंटल में से 560 क्विंटल लघु एवं सीमांत कृषकों हेतु तथा 140 क्विंटल दीर्घ कृषकों हेतु आरक्षित रहेगा। शेष 30 प्रतिशत टोकन सोसाइटी स्तर पर भी किसानों हेतु उपलब्ध रहेंगे, जिससे सभी वर्ग के किसानों को धान विक्रय हेतु सहज और सुगम व्यवस्था प्राप्त हो सके। खाद्य विभाग द्वारा विकसित ‘तुहर टोकन मोबाइल एप’ राज्य के किसानों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाते हुए खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता, समान अवसर और समय की बचत सुनिश्चित करेगा।

Tribal Business Conclave 2025: Chhattisgarh becomes a leading state in tribal entrepreneurship and investment promotion. Startups from Chhattisgarh enhanced the state's pride at the Tribal Business Conclave 2025 in New Delhi.
Business

Tribal Business Conclave 2025 : जनजातीय उद्यमिता और निवेश संवर्धन में छत्तीसगढ़ बना अग्रणी राज्य, नई दिल्ली में ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव-2025 में छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स ने बढ़ाया राज्य का गौरव

रायपुर, 12 नवम्बर। Tribal Business Conclave 2025 : ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन नई दिल्ली स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में किया गया, जिसमें देशभर से आए उद्यमियों,नीति-निर्माताओं एवं स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स ने भी हिस्सा लेकर उनके द्वारा किए जा रहे नवाचारों को प्रदर्शित किया। ये स्टार्टअप्स न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि जनजातीय परंपराओं और पारंपरिक ज्ञान को नई पहचान भी दे रहे हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल उरांव ने छत्तीसगढ़ पवेलियन का किया निरीक्षण। इस अवसर पर उन्होंने सभी स्टार्टअप्स के स्टॉलों का अवलोकन किया, उद्यमियों से संवाद किया तथा उनके उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की। केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल ने छत्तीसगढ़ एग्रोफैब कंपनी के प्रतिनिधि श्री करण चंद्राकर से विशेष चर्चा करते हुए उनके नवाचारों की सराहना की। दोनों मंत्रियों ने छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स द्वारा प्रदर्शित उत्पादों को जनजातीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने वाला उत्कृष्ट उदाहरण बताया। कार्यक्रम में निवेश आयुक्त, छत्तीसगढ़ श्रीमती ऋतु सेन ने राज्य में उद्यमिता और निवेश को प्रोत्साहित करने वाली विभिन्न पहलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत उद्यमों एवं स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन, वित्तीय सहायता, परामर्श तथा विपणन सहयोग जैसी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक उद्यमिता से जोड़कर जनजातीय समुदायों के लिए सतत आजीविका के अवसर सृजित करना। उन्होंने कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले उद्यमियों को उनके उत्पादों के विस्तार एवं बाज़ार पहुँच बढ़ाने के लिए उपयोगी सुझाव दिए। छत्तीसगढ़ के अनेक स्टार्टअप्स – सिद्धार्थ एग्रोमार्केटिंग प्रा. लि., अंकुरण सीड्स, कोशल, शांति आनंद वेलनेस, बस्तर से बाज़ार तक, कोईतूर फिश कंपनी, कोया बाज़ार, एग्रोफैब तथा हेमल फूड प्रोडक्ट्स प्रा. लि. ने प्रदर्शनी में भाग लेकर अपने उत्पादों एवं नवाचारों का प्रदर्शन किया। इन स्टार्टअप्स ने कृषि विपणन, बीज उत्पादन, जनजातीय हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, वेलनेस उत्पादों तथा वनोपज आधारित व्यापार से जुड़ी अभिनव पहलें प्रस्तुत कीं। यह सम्मेलन जनजातीय उद्यमियों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करता है, जिससे छत्तीसगढ़ की छवि समावेशी एवं समुदाय-केन्द्रित उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले अग्रणी राज्य के रूप में और अधिक सुदृढ़ हुई है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उद्योग संचालनालय के संयुक्त संचालक श्री संजय गजघाटे तथा निवेश आयुक्त कार्यालय की महाप्रबंधक अंजली पटेल भी उपस्थित थीं।

National Water Awards 2024: Community efforts have yielded excellent results, with Sanskardhani receiving the Best District award. Rajnandgaon is set to be honored as the Best District in the East Zone of the country at the 6th National Water Awards.
Chhattisgarh

National Water Awards 2024 : सामुदायिक प्रयासों का रहा बेहतरीन परिणाम, संस्कारधानी को मिल रहा बेस्ट डिस्ट्रिक्ट का सम्मान, 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में देश के ईस्ट जोन के बेस्ट डिस्ट्रिक्ट के रूप में सम्मानित होने जा रहा राजनांदगांव

रायपुर 12 नवम्बर। National Water Awards 2024 : जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 के विजेताओं की घोषणा की गई है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले को देश के ईस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक्ट श्रेणी में प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित किया गया। यह सम्मान जिले में जल संरक्षण, संवर्धन तथा जनभागीदारी आधारित सतत कार्यों के लिए 18 नवम्बर 2025 को देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु द्वारा प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस पुरस्कार में देशभर के विभिन्न जिलों के नामांकन के बाद सेन्ट्रल ग्राउण्ड वॉटर बोर्ड, सेन्ट्रल वॉटर कमिशन एवं विभिन्न दलों के निरीक्षण व विस्तृत अवलोकन के उपरांत छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं अपितु पूरे देश के ईस्ट जोन के पांच राज्यों के समस्त जिलों में से बेस्ट डिस्ट्रिक्ट श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में यह खिताब राजनांदगांव जिले को प्रदान किया जा रहा है। विगत वर्ष केंद्रीय भू-जल मंत्री द्वारा राजनांदगांव जिले का दौरा कर जिले में चल रहे इस अभियान के प्रयासों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए देश विभिन्न मंचों में राजनांदगांव जिले की प्रशंसा भी की गई थी। जनभागीदारी आधारित यह अभियान जल संरक्षण की दिशा में सफल पहल राजनांदगांव जिले में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के कार्यों को शासन-प्रशासन के साथ-साथ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, पंचायतों, महिला स्वसहायता समूहों, उद्योगपतियों, विद्यार्थियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से मिशन के रूप में सघन अभियान चलाया गया। गांवों से लेकर शहरों तक नागरिकों ने जल ही जीवन है और जल है तो कल है के संदेश को आत्मसात करते हुए मिशन जल रक्षा को एक जनआंदोलन का स्वरूप प्रदान किया है। किसानों द्वारा फसल चक्र परिवर्तन, वर्षा जल संचयन एवं भू-जल पुनर्भरण के कार्यों से जिले में जल स्तर में सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। केंद्रीय भू-जल बोर्ड की 2021-22 की रिपोर्ट में जिले के तीन ब्लॉकों को सेमी-क्रिटिकल जोन के रूप में चिन्हित किया गया था। सेमीक्रिटिकल जोन का अर्थ पानी के विषय में 70 प्रतिशत से अधिक पानी का उपयोग करने वाले क्षेत्र इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए मिशन जल रक्षा के व्यापक प्रयासों के साथ जिले ने यह अभियान प्रारंभ किया था, अब यह पूरे देश में मॉडल के रूप में जाना जाने लगा है। इस योजना में जिले की प्राथमिकता है कि पहले तो हम पानी के तेजी से घटते जल स्तर की गति को धीमा कर सके फिर उसे एक स्तर पर स्थिर कर सके तत्पश्चात् अत्यधिक जल दोहन को रोककर इस प्राकृतिक बहुमूल्य धरोहर को संधारित कर सके। इसके लिए अनिवार्य है कि प्रत्येक नागरिक आज से ही अपने आसपास के क्षेत्र में होने वाले जल दोहन को ध्यान में रख कर कम से कम भू-जल का उपयोग करें एवं कम से कम पानी उपयोग वाली फसलों को बढ़ावा दें। महिला समूहों ने नीर और नारी जल यात्रा जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण के लिए व्यापक जनजागरूकता के लिए कार्य किया गया। जिसमें जिले की पद्मश्री श्रीमती फूलबासन बाई यादव का विशेष सहयोग रहा। उन्होंने जिले के गांव-गांव में जाकर महिलाओं को एकजुट कर जल यात्राओं के माध्यम से मुहिम को बल प्रदान किया। जिले के समस्त विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने रैलियों, पौधारोपण विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को जल संरक्षण हेतु प्रेरित किया। मिशन जल रक्षा – सतत विकास की दिशा में अभिनव पहल के रूप में उभर कर आने लगा पानी के तेजी से घटते जल स्तर की इस चुनौती को प्रयासों में बदलते हुए जिले में जीआईएस आधारित तकनीकी योजनाओं, रिचार्ज संरचनाओं, रिचार्ज सॉफ्ट, बोरवेल सह इंजक्शनवेल, परकोलेशन टैंक, फार्म पॉन्ड और तालाबों के पुर्नजीवन जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी गई। मिशन के अंतर्गत भू- जल दोहन नियंत्रण, वर्षा जल संग्रहण तथा सामुदायिक प्रयासों को जल संरक्षण की प्रमुख रणनीति के रूप में अपनाया गया। सामुदायिक प्रयासों से मिली राष्ट्रीय पहचान राजनांदगांव जिले को प्राप्त होने वाला यह राष्ट्रीय सम्मान, जिले के नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। साझा प्रयासों से जल बचाओ, भविष्य बनाओ की भावना को व्यवहार में उतारते हुए जिले ने यह साबित किया है कि जनभागीदारी से किसी भी संसाधन का संरक्षण संभव है। साथ ही साथ 18 नवंबर 2025 को ही नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में राजनांदगांव जिले को एक अन्य जल संचय से जनभागीदारी के क्षेत्र में भी सम्मानित किया जाना है। राजनांदगांव की यह उपलब्धियां अब पूरे देश के सामने आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित हो रही है। यह सम्मान न केवल जिले की उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए सतत जल प्रबंधन और सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश भी देता है।

CM Jandarshan: Public Darshan will be held on Thursday, November 13 at the Chief Minister's residence.
Chhattisgarh

CM Jandarshan : मुख्यमंत्री निवास में 13 नवंबर गुरुवार को होगा जनदर्शन

रायपुर, 12 नवंबर। CM Jandarshan : मुख्यमंत्री निवास रायपुर में 13 नवंबर गुरुवार को जनदर्शन का आयोजन दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस अवसर पर प्रदेशवासियों से सीधे संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनदर्शन में प्राप्त प्रत्येक आवेदन का त्वरित और संवेदनशील निराकरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को समयबद्ध समाधान मिल सके। राज्य सरकार के जनदर्शन कार्यक्रम का उद्देश्य शासन और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है। यह पहल मुख्यमंत्री साय की जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता और पारदर्शी सुशासन के संकल्प को दर्शाती है, जिससे आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित हो सके।

CG Tourism: Kevadia is filled with Chhattisgarhi flavours, Ekta Nagar resonates with Chhattisgarh's tourism and culture, Chief Minister Vishnudev Sai visited the stall of Chhattisgarh Tourism Board.
Chhattisgarh

CG Tourism : छत्तीसगढ़िया स्वाद से महक उठा केवड़िया, एकता नगर में छत्तीसगढ़ के पर्यटन एवं संस्कृति की गूंज, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के स्टॉल का किया अवलोकन

रायपुर, 11 नवंबर। CG Tourism : गुजरात के केवड़िया स्थित एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की झलक हर आगंतुक के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भारत पर्व का अवलोकन किया तथा छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। उन्होंने पर्यटन मंडल के अधिकारियों से राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों और योजनाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, परंपराएं और लोककला पूरे भारत में अपनी अनोखी पहचान रखती हैं। छत्तीसगढ़ अब तेजी से भारत के उभरते हुए पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बना रहा है।” छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन खींच रहे हैं आगंतुकों का ध्यान: मुख्यमंत्री ने भी लिया छत्तीसगढ़िया व्यंजनों का स्वाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्टूडियो किचन में पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, रायपुर की छात्राओं द्वारा तैयार पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया। अमारी का शरबत, करील के कबाब, चौसेला रोटी, बफौरी और फरा जैसे व्यंजनों ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध पाक-कला और संस्कृति की झलक पेश की। मुख्यमंत्री श्री साय ने आईएचएम रायपुर की छात्राओं की सराहना करते हुए कहा कि “ये छात्राएं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर की संवाहक हैं, जो अपनी प्रतिभा से राज्य का गौरव बढ़ा रही हैं।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य एवं जीएम श्री वेदव्रत सिरमौर भी उपस्थित थे। हस्तकला और लोकसंस्कृति पर गर्व मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अंबिकापुर के बुनकरों द्वारा तैयार कोसा वस्त्रों की खरीदारी की और शिल्पियों से बातचीत की। उन्होंने भारत पर्व में प्रस्तुति देने आए छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक दल से भी मुलाकात कर उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, वेशभूषा और लोकनृत्य हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारा उद्देश्य है कि इन परंपराओं को राष्ट्रीय मंच पर और सशक्त रूप से प्रस्तुत किया जाए।” भारत पर्व में छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य, हस्तशिल्प, पारंपरिक खानपान और समृद्ध पर्यटन स्थलों की झलक देखने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंच रहे हैं और राज्य की सजीव संस्कृति से अभिभूत हो रहे हैं।