Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Bank Workload Crisis: Bank of Baroda's Chief Manager commits suicide...! Apologized to wife and daughter... Said- donate my eyes... See the suicide note here
National

Bank Workload Crisis : बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक ने की आत्महत्या…! पत्नी-बेटी से मांगी माफी…कहा- मेरी आंखें दान कर देना…यहां देखें Suicide नोट

पुणे, 19 जुलाई। Bank Workload Crisis : महाराष्ट्र के बारामती में बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर ने बैंक में ही अपनी जान दे दी है। मृतक का नाम शिवशंकर मित्रा है। घटना से पहले उन्होंने बैंक में ही बैठकर एक चिट्ठी लिखी थी। इसके जरिए उन्होंने बताया कि वो काम के दबाव से तंग आकर ये फैसला ले रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही बारामती पुलिस मौके पर पहुंची थी। उन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।  मामला 17 जुलाई की रात का है। इलाके में इस तरह की पहली घटना हुई है। इसके कारण लोगों में इसकी चर्चा है। 52 साल के मैनेजर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले थे।  90 दिनों का नोटिस पीरियड मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने 11 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बारामती सिटी पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर विलास नाले ने बताया कि मैनेजर ने स्वास्थ्य और काम के दबाव को इस्तीफे का कारण बताया था, लेकिन बैंक ने 90 दिनों के नोटिस पीरियड का हवाला देते हुए उन्हें तत्काल ही काम से मुक्त नहीं किया। पुलिस का कहना है, मैनेजर ने किसी भी बैंक अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया है। उन्होंने काम के दबाव की बात की है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले को लेकर अन्य संभावित कारणों की भी जांच की जाएगी। मैनेजर ने लेटर में ये आग्रह किया कि बैंक अपने कर्मचारियों पर भारी दबाव न डाले। उन्होंने कहा कि हर कोई अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह जागरूक है और अपना 100 प्रतिशत योगदान देता है। उन्होंने अपनी पत्नी प्रिया से अपने इस फैसले के लिए माफी मांगी। शिवशंकर मित्रा ने इच्छा जताई कि अगर संभव हो तो उनकी आंखें दान कर दी जाएं। बारामती पुलिस आगे की जांच कर रही है। इस बात का पता लगाया जा रहा है कि मृतक पर काम का अतिरिक्त दबाव डाला गया था या नहीं। सुसाइड नोट में क्या कहा? शिवशंकर मित्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “मैं शिवशंकर मित्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा, बारामती शाखा का मुख्य प्रबंधक, आज बैंक के अत्यधिक काम के दबाव के चलते आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी बैंक से विनती है कि कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव न डाला जाए। सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और पूरी मेहनत से काम करते हैं। वह अपना 100 फीसदी देते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपनी इच्छा से आत्महत्या कर (Bank Workload Crisis) रहे हैं। इसमें उनके परिवार का कोई दोष नहीं है। वह सिर्फ बैंक के अत्यधिक दबाव के चलते यह कदम उठा रहें है। उन्होंने आगे लिखा, “मेरी पत्नी प्रिया और बेटी माही मुझे माफ करना। हो सके तो मेरी आंखें दान कर देना”

Kanwar Yatra: During the Kanwar Yatra, DSP Rishika Singh pressed the feet of Kanwariyas...pictures went viral...see the video here
National

Kanwar Yatra : कांवड़ यात्रा के दौरान DSP ऋषिका सिंह कावड़ियों के दबाए पैर…वायरल हुई तस्वीरें…यहां देखिए VIDEO

मुजफ्फरनगर, 19 जुलाई। Kanwar Yatra : कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान सुरक्षा और सेवा का एक अद्वितीय उदाहरण उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सामने आया है, जहां महिला पुलिस अधिकारी ऋषिका सिंह ने ड्यूटी के साथ-साथ भक्ति और मानवता का ऐसा परिचय दिया कि हर कोई उनकी सराहना कर रहा है। वायरल हुआ सेवा भाव यात्रा मार्ग की निगरानी कर रहीं डीएसपी ऋषिका सिंह, जो फुगाना क्षेत्र की सीओ के तौर पर तैनात हैं, की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में वह थकी हुई महिला कांवड़ियों के पैर दबाती नजर आ रही हैं। यह दृश्य उस समय का है जब ऋषिका सिंह यात्रा मार्ग पर निरीक्षण के दौरान एक स्थान पर विश्राम करतीं महिला कांवड़ियों से मिलीं और उन्होंने खुद झुककर पैर दबाकर सेवा का भाव व्यक्त किया। ड्यूटी के साथ भक्ति की मिसाल इस कृत्य से न केवल उन्होंने फर्ज और श्रद्धा का सुंदर समन्वय दिखाया, बल्कि यह भी साबित किया कि पुलिसकर्मी सिर्फ कानून व्यवस्था के रक्षक नहीं, बल्कि संवेदनशील और मानवीय भावना से युक्त सेवक भी होते हैं। सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी यह वीडियो शेयर करते हुए ऋषिका सिंह की तारीफ की।ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग कह रहे हैं, “ये है असली पुलिसिंग”, “सेवा और सुरक्षा दोनों का अद्भुत मेल”। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने ऋषिका सिंह की इस विनम्रता और सेवा भावना को कांवड़ यात्रा की सच्ची आत्मा बताया है। कुछ ने इसे “राष्ट्र सेवा के साथ धर्म सेवा” का अनूठा उदाहरण कहा है। कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस व्यवस्था (Kanwar Yatra) की तारीफ तो होती ही है, लेकिन डीएसपी ऋषिका सिंह जैसे अधिकारियों की वजह से यह यात्रा सिर्फ सुरक्षित ही नहीं, बल्कि संवेदनशील और यादगार भी बन जाती है। श्रद्धा, सेवा और समर्पण की इस तस्वीर ने यह सिद्ध कर दिया कि पुलिस वर्दी के पीछे भी एक करुणामयी इंसान होता है।

Public Confidence Bill: Important news for liquor lovers of Chhattisgarh...! There will be no jail for drinking alcohol at these places... What if you get caught for the second time...? See here
Chhattisgarh

Public Confidence Bill : छत्तीसगढ़ के मदिरा प्रेमियों के जरूरी खबर…! इन जगहों पर शराब पीने पर नहीं होगी जेल…दूसरी बार पकड़ गए तो…? यहां देखिए

रायपुर, 19 जुलाई। Public Confidence Bill : छत्तीसगढ़ में व्यापारियों और आम नागरिकों को बड़ी राहत देने वाला जनविश्वास विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कई कठोर कानूनों को व्यावहारिक और संवेदनशील नीति में बदलने का निर्णय लिया है। क्या है जनविश्वास विधेयक? इस विधेयक का उद्देश्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना है। इसमें ऐसे कई प्रावधानों को संशोधित किया गया है, जो छोटी तकनीकी गलतियों को भी आपराधिक श्रेणी में लाकर आम लोगों को अवांछित मुकदमों में फंसा देते थे। सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने पर अब जेल नहीं अब छत्तीसगढ़ में पहली बार सार्वजनिक स्थान पर शराब पीते पकड़े जाने पर केवल जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। यह बदलाव छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम, 1915 में किया गया है। किराया वृद्धि की सूचना नहीं देने पर अब सिर्फ जुर्माना मकान मालिक द्वारा किराया वृद्धि की जानकारी नगरीय प्रशासन को न देना अब आपराधिक अपराध नहीं रहेगा। इसके बजाय अब 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा। सोसायटी और सहकारी संस्थाओं के लिए भी राहत वार्षिक प्रतिवेदन दाखिल करने में देरी पर अब आपराधिक मामला नहीं होगा। इसके बदले नाममात्र का जुर्माना लगेगा, खासकर महिला समूहों के लिए जुर्माना और भी कम रखा गया है। गलती से “सहकारी” शब्द का उपयोग करने पर अब कोई दंडात्मक मुकदमा नहीं, सिर्फ प्रशासनिक आर्थिक दंड। किन कानूनों में हुए बदलाव? जनविश्वास विधेयक के तहत 8 अलग-अलग अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इनमें शामिल हैं: मुख्यमंत्री का बयान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे “विकसित भारत – विकसित छत्तीसगढ़” की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह विधेयक राज्य को मध्यप्रदेश के बाद देश का दूसरा ऐसा राज्य बनाता है, जिसने भारतीय न्याय संहिता की तर्ज पर जनविश्वास विधेयक को अपनाया है।” क्या होंगे इसके फायदे? जनविश्वास विधेयक (Public Confidence Bill) छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सहूलियत, कानूनी सहजता और नागरिक भरोसे को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। यह कानून अब छोटे-बड़े सभी व्यवसायों, मकान मालिकों, सोसायटियों और आम लोगों के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है, जहां नियम कठोर नहीं, संवेदनशील और व्यावहारिक होंगे।

Chaitanya Baghel: 'Bhupesh's son's' investment expansion...! Evidence of financial transactions found in pen drive from Charton India...Video
Politics

Chaitanya Baghel : ‘भूपेश के बेटे’ का निवेश विस्‍तार…! चार्टन इंडिया से पेन‑ड्राइव में मिले वित्तीय लेन‑देन के सबूत…Video

रायपुर, 19 जुलाई। Chaitanya Baghel : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की कथित निवेश गतिविधियों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि उन्होंने देश के कई राज्यों में बड़े स्तर पर निवेश किया है, जिनके सबूत उनके करीबियों द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। एक पेन‑ड्राइव में वित्तीय लेन‑देन की “व्यापक जानकारी” मिली है, जो जांच एजेंसियों के लिए बेहद अहम हो सकती है। जांच की पड़ताल में सामने आया भूपेश बघेल के बेटे पर इल्जाम है कि उन्होंने बिना सार्वजनिक मंजूरी या पारदर्शिता के कई राज्यों में निवेश किया, उसकी जानकारी उनके नजदीकी लोगों द्वारा एक पेन‑ड्राइव में दी गई है। कथित तौर पर इसमें निवेश की तारीखें, राशि, लाभ‑हानि और लेन‑देन से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं, जो इस पूरे शंघर्ष को स्पष्ट रूप में उजागर कर सकते हैं। कौन से राज्य प्रभावित? बताया गया है कि भूपेश बघेल के बेटे के निवेश कथित रूप से दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश में फैले हुए हैं। कई मामलों में कंपनियों या संपत्तियों के नाम पर परिवार का प्रत्यक्ष स्वामित्व नहीं दिख रहा, जिससे मामला और भी संदेहास्पद बन गया है। इन जानकारियों के आधार पर जांच एजेंसियों को शक है कि यह मामला सिर्फ निवेश का नहीं, बल्कि संभावित मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी संपत्ति से भी जुड़ा हो सकता है। पेन-ड्राइव में है आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को चैतन्य को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने चैतन्य को 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है।

Yamuna Expressway: Sunday became a day of death on Yamuna Expressway...! 6 killed in 3 horrific accidents... more than 40 injured
Accident

Yamuna Expressway : यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार बना मौत का दिन…! 3 भीषण हादसों में 6 की मौत…40 से ज्यादा घायल

मथुरा/आगरा, 19 जुलाई। Yamuna Expressway : रविवार का दिन यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसों की काली सुबह लेकर आया। तेज रफ्तार और लापरवाही ने कुछ ही घंटों में तीन अलग-अलग जगहों पर भीषण सड़क दुर्घटनाओं को जन्म दिया, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक यात्री घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस और आपातकालीन सेवाएं राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। ईको कार-ट्रक टक्कर में 6 की मौत सबसे गंभीर हादसा थाना बलदेव क्षेत्र के माइलस्टोन 140 के पास हुआ, जहां दिल्ली से आगरा जा रही तेज रफ्तार ईको कार एक ट्रक से भिड़ गई। 8 लोग सवार थे कार में, जिनमें 6 की मौके पर मौत हो गई। 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। हादसे की वजह तेज रफ्तार और ड्राइवर की लापरवाही मानी जा रही है। बस पलटी, 8 घायल दूसरी दुर्घटना माइलस्टोन 151 के पास हुई, जहां आगरा की ओर जा रही एक प्राइवेट बस अनियंत्रित होकर पलट गई। 8 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, ड्राइवर को झपकी आने से बस पलटी। घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य किया। डिवाइडर से टकराई बस, 30 घायल तीसरी बड़ी दुर्घटना माइलस्टोन 131 के पास हुई, जहां दिल्ली से मध्य प्रदेश जा रही एक यात्री बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई। 45 यात्रियों में से 30 घायल हो गए, जिनमें 4 की हालत नाजुक है। बस तेज रफ्तार में मोड़ पर संतुलन खो बैठी। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से राहत कार्य किया गया। तीन बड़े हादसों ने एक बार फिर यमुना एक्सप्रेसवे की सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हाई स्पीड कॉरिडोर कहे जाने वाले इस मार्ग पर लगातार हो रहे हादसे प्रशासनिक सतर्कता और निगरानी पर सवाल उठा रहे हैं। अलर्ट मोड पर टोल और पेट्रोलिंग टीम मथुरा पुलिस और जिला प्रशासन ने हादसों पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी टोल प्लाजा और ट्रैफिक प्वाइंट्स को अलर्ट पर रखा गया है। तेज रफ्तार वाहनों पर निगरानी के लिए अतिरिक्त पेट्रोलिंग टीमें तैनात कर दी गई हैं। रविवार को यमुना एक्सप्रेसवे (amuna Expressway) पर हुए ये हादसे एक बार फिर बताते हैं कि तेज रफ्तार, लापरवाही और सतर्कता की कमी किस कदर जानलेवा साबित हो सकती है। जरूरत है कि प्रशासन सिर्फ अलर्ट तक सीमित न रहकर, स्थायी सुरक्षा उपायों और सख्त निगरानी तंत्र की दिशा में ठोस कदम उठाए।

UPS Implemented: Integrated Pension Scheme will be implemented in Chhattisgarh from August 1...! State government issued gazette... see here
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UPS Implemented : छत्तीसगढ़ में 1 अगस्त से लागू होगी एकीकृत पेंशन योजना…! राज्य सरकार ने जारी किया राजपत्र…यहां देखें

रायपुर, 19 जुलाई। UPS Implemented : राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को लागू करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। नई योजना आगामी 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी और इससे प्रदेश के शासकीय सेवकों को नवीन पेंशन योजना (NPS) के साथ एक और विकल्प मिलेगा। राजपत्र के अनुसार, 1 अगस्त 2025 से राज्य शासन की सेवा में सीधी भर्ती से चयनित कर्मचारियों को केवल NPS अथवा UPS में से किसी एक योजना को चुनने का विकल्प मिलेगा। राज्य सरकार ने यह निर्णय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की अधिसूचना (दिनांक 24 जनवरी 2025) के तहत लिया है, जिसमें UPS को पूरे देश में लागू किया गया है। इसी अधिसूचना को छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अंगीकृत कर लिया है। UPS के अंतर्गत प्रमुख बातें UPS योजना में नियुक्त समस्त शासकीय सेवकों की लेखा संधारण और पेंशन से संबंधित समस्त कार्यवाही संचालनालय, पेंशन एवं भविष्य निधि के नियंत्रण में रहेगी। लेखा संधारण, प्रक्रिया और नियमन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द ही अलग से जारी किए जाएंगे। कर्मचारियों को मिलेगा विकल्प यह योजना उन नए कर्मचारियों के लिए है जो 1 अगस्त 2025 या उसके बाद सेवा में शामिल होंगे। इन्हें NPS या UPS में से किसी एक योजना को चुनने की सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर कर्मचारियों और संगठनों में उम्मीद और उत्सुकता दोनों बनी हुई है, क्योंकि UPS के जरिए सेवानिवृत्ति के बाद अधिक सुरक्षित और पारंपरिक पेंशन सुविधा का विकल्प उपलब्ध होगा। राज्य सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम, शासकीय सेवकों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

Naxalites Killed: Big Breaking...Security forces got big success in Narayanpur encounter...! 6 Naxalites killed
BREAKING NEWS

Naxalites Killed : बिग ब्रेकिंग…नारायणपुर मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी…! 6 नक्सली ढेर

नारायणपुर, 18 जुलाई। Naxalites Killed : अबूझमाड़ के घने जंगलों में चलाए गए एक बड़े सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को माओवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 6 नक्सली मारे गए हैं, जबकि बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। मुठभेड़ के बाद का हाल सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादियों की सक्रियता बढ़ गई है। इसके बाद DRG, STF और ITBP की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन पर निकली। दोपहर के समय, जब टीम घने जंगलों की ओर बढ़ रही थी, तभी नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिसमें यह सफलता मिली। अबूझमाड़ क्षेत्र के जंगलों में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। संभावना है कि कुछ और नक्सली आसपास छिपे हो सकते हैं।नारायणपुर पुलिस और फोर्स ने इलाके को घेर लिया है। पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया, “इस अभियान में सुरक्षाबलों की सतर्कता और रणनीति के कारण बड़ी सफलता मिली है। सर्चिंग अभी जारी है, और विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी।” यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ (Naxalites Killed) चल रहे लगातार अभियानों की एक और बड़ी उपलब्धि है, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बरामद हथियार और सामग्री

Necrophilia: A very disgusting case came to light from Kawardha...! After killing a minor, her dead body was raped
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Necrophilia : कवर्धा से सामने आया बेहद घिनौना मामला…! नाबालिग की हत्या के बाद उसके शव के साथ किया दुष्कर्म

कवर्धा, 18 जुलाई। Necrophilia : कवर्धा जिले से एक बेहद घिनौना मामला सामने आया है। यहां एक दरिंदे ने 16 साल की नाबालिग लड़की के साथ घर में अकेली होने पर बलात्कार करने की कोशिश की और नाकाम होने पर उसकी हत्या कर दी। लेकिन दरिंदे की हैवानियत यहीं नहीं रुकी, बल्कि उसने उसके शव के साथ बलात्कार करने जैसा जघन्य अपराध किया। फिलहाल, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है। पूरा मामला पांडातराई थाना क्षेत्र के एक गांव का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक घर में नाबालिग का खून से लथपथ शव मिला। सूचना के बाद एसपी, पुलिस, एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड टीम भी जांच के लिए मौके पर पहुंची। पुलिस ने इलाके की नाकाबंदी कर संदेह के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की। साक्ष्यों और बयानों के आधार पर उसी गांव के आरोपी राजीव घृतलहरे (35 वर्ष) की पहचान हुई। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी राजीव घृतलहरे ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि लड़की के पिता से ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बात से नाराज़ होकर आरोपी कल सुबह करीब 11 बजे मृतक लड़की के घर गया। उस समय लड़की घर में अकेली थी और बाकी सदस्य खेतों पर गए थे, छोटा भाई स्कूल गया था। इस मौके का फायदा उठाकर उसने नाबालिग के साथ जबरन बलात्कार करने की कोशिश की, लेकिन जब उसने विरोध किया और भागने की कोशिश की, तो आरोपी उसे स्टोर रूम में घसीटकर ले गया और वहां रखे लोहे के डंडे से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने उसके शव के साथ भी बलात्कार किया। शव के साथ बलात्कार ‘नेक्रोफिलिया’ की एक श्रेणी बहरहाल, शव के साथ दुष्कर्म को ‘नेक्रोफिलिया’ की श्रेणी में आता है, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत भी गंभीर अपराध है। IPC में नेक्रोफिलिया को सीधे परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन धारा 297 (शव के साथ अमानवीय व्यवहार) और धारा 377 (अप्राकृतिक यौन कृत्य) के तहत इसे अपराध माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों ने ऐसे मामलों में इसे “अत्यंत घृणित और जघन्य अपराध” करार दिया है। ऐसी स्थिति में आरोपी पर हत्या (धारा 302), दुष्कर्म (धारा 376), और शव के साथ कुकर्म (धारा 297 और 377) के तहत कई धाराएं लगाई जाती हैं।

Chaitanya Baghel: 'Bhupesh's son's' investment expansion...! Evidence of financial transactions found in pen drive from Charton India...Video
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Ex CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 5 दिन की ED रिमांड…! कोर्ट ने दी पूछताछ की अनुमति…यहां देखें VIDEO

रायपुर, 18 जुलाई। Ex CM : छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए चैतन्य बघेल को रायपुर की विशेष अदालत ने 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को शुक्रवार को भिलाई स्थित निवास से ईडी ने हिरासत में लिया था। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें रायपुर लाया गया और अदालत में पेश किया गया, जहां ईडी ने 7 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने 5 दिन की मंजूरी दी। क्या हुआ कोर्ट में? ईडी ने कहा कि चैतन्य से शराब घोटाले की फंडिंग, फर्जी कंपनियों से लिंक, और प्रवर्तन के जरिए धन शोधन की जांच करनी है। बचाव पक्ष ने गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए विरोध किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड मंजूर की। भूपेश बघेल ने कहा कि, “जन्मदिन के दिन बेटा गिरफ्तार हुआ। ये जांच नहीं, बदले की राजनीति है। अब ईडी क्या पूछेगी?

CG Assembly Monsoon Session: Fierce debate in the assembly over the sack scam...! Minister Lakhanlal Dewangan made the announcement
Chhattisgarh

CG Assembly Monsoon Session : विधानसभा में बोरे बासी घोटाले को लेकर तीखी बहस…! मंत्री लखनलाल देवांगन ने की घोषणा

रायपुर, 18 जुलाई। CG Assembly Monsoon Session : छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में बोरे‑बासी घोटाले को लेकर तीखी बहस हुई और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस पर विधायकों की समिति द्वारा जांच कराने की घोषणा की। क्या है बोरे‑बासी घोटाला? यह मामला छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (भूपेश बघेल के कार्यकाल) की 1 मई मजदूर दिवस पर “छत्तीसगढ़ी खान‑पान” को बढ़ावा देने के आयोजन से जुड़ा है। RTI से मिली जानकारी के अनुसार, बिना निविदा के 8 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च रायपुर में बोरे‑बासी कार्यक्रम पर किया गया। विधायकों की उठाई आवाज भाजपा विधायकों राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, धर्मजीत सिंह ने सदन में जोर देकर मांग की कि इस “घोटाले” को जांचा जाए। मंत्री देवांगन की घोषणा श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि सदन की मांग को ध्यान में रखते हुए एक विशेष विधायकों की समिति जारी कर जांच करेगी । जांच से क्या निकल सकता है? यह कदम प्रदेश में जनहित और सत्ता पक्ष की जवाबदेही के लिहाज (CG Assembly Monsoon Session) से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जांच रिपोर्ट से सामने आने वाले निष्कर्ष राजनीतिक और प्रशासनिक दिशा दोनों में असर डाल सकते हैं।