CHEETAH MITRA : गंभीर आरोप…! चीतों की लगातार मौत से आहत ‘चीता मित्र’ ने दिया इस्तीफा…बोले-डॉक्टरों को फर्जी बिल की चिंता

Spread the love

श्योपुर, 19 अगस्त। CHEETAH MITRA : कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए ​​​​चीतों की सुरक्षा के लिए तैनात पूर्व डकैत रमेश सिंह सिकरवार ने चीता मित्र का पद छोड़ दिया है। उन्होंने इसके पीछे की वजह पार्क प्रबंधन की लापरवाही को बताया है। रमेश सिंह का आरोप है कि कूनो में चीतों को सड़ा-गला मांस खिलाया जा रहा है। उन्हें क्वारंटाइन बाड़ों में दो से तीन दिन तक भूखा रखा जाता है। भूखा होने की वजह से वे ये मांस खा लेते हैं और बीमार हो जाते हैं। चीतों की मौत की असली वजह भी यही है।

रमेश सिंह ने कहा कि खुले जंगल या बड़े बाड़े में चीते भाग-दौड़ करके जानवर का शिकार 3-4 दिन में कर लें तो ठीक, नहीं तो उन्हें भूखा ही रहना होता है। वे एक के बाद एक लगातार हो रही चीतों की मौत से आहत हैं इसलिए चीता मित्र का पद छोड़ रहे हैं।

डॉक्टरों को चीतों के उपचार से ज्यादा फर्जी बिल की चिंता

चीता मित्र पूर्व दस्यु रमेश सिंह ने चीतों की मौत को लेकर खुलासा करते हुए कहा है कि, खराब इंतजाम और चीतों को सड़ा-गला माँस खिलाने से उनकी मौत हो रही है। स्थिति नहीं सुधारी गई तो एक-एक करके सभी चीतों की मौत हो जाएगी। उनका आरोप है कि, कूनो नेशनल पार्क में चीतों की देखरेख करने वाला कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है। डॉक्टरों को चीतों के उपचार से ज्यादा दवाओं के फर्जी बिल लगाकर पैसे निकालने की चिंता ज्यादा है। 

महीनों तक रखा हुआ मांस खिलाया जाता

सिकरवार ने बताया कि चीतों को पंद्रह दिन से महीने भर तक फ्रिजों में भरकर रखकर रखे गए मीट को खिलाया जाता है, इससे उनकी मौत हो रही है। चीते 200-300 किलोमीटर दूर तक जंगल से वाहर निकल जाते हैं और इन्हें पता तक नहीं लगता, यह कोई इंतजाम हैं क्या ? जब मैं कूनों के अधिकारियों से इस बारे में कहता था तब रेंजर से लेकर डीएफओ तक सभी को बुरा लगता था, वह कहने लगते कि, मुखिया जी आपको क्या करना, इन सभी बातों से में आहत हुआ और मैनें चीता मित्र की जिम्मेदारी छोड़ दी। मैनें ही नहीं बल्कि, ज्यादातर लोगों ने यह जिम्मेदारी छोड़ दी है। 

90 गांवों के 457 लोगों को बनाया था चीता मित्र

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की सुरक्षा के लिए सितंबर 2022 में 90 गांवों के 457 लोगों को चीता मित्र बनाया गया था। इनमें सबसे बड़ा नाम रमेश सिकरवार का ही है, जो पहले डकैत थे। उन पर करीब 70 हत्याओं का आरोप था। उनका दावा है कि अधिकतर चीता मित्र पद छोड़ चुके हैं। अब 50 से कम चीता मित्र (CHEETAH MITRA) ही बचे हैं।