भोपाल, 19 मई। Rebellion : मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक अजीब और असहज स्थिति का सामना कर रही है। राज्य की सत्ता में होने के बावजूद, पार्टी के कई विधायक लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं, जिससे न केवल प्रशासनिक अस्थिरता का संकेत मिल रहा है, बल्कि पार्टी की छवि को भी झटका लग रहा है।
इस बढ़ती नाराज़गी और अनुशासनहीनता को लेकर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा को सीधा निर्देश दिया है। सूत्रों के मुताबिक, नड्डा ने फोन पर कहा कि जो विधायक अनर्गल और सार्वजनिक रूप से सरकार विरोधी बयान दे रहे हैं, उन्हें तुरंत सख्त संदेश दिया जाए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना चिंगारी
हाल ही में कुछ मंत्रियों और विधायकों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिए गए विवादित बयानों ने इस अंदरूनी कलह को और उजागर कर दिया। इस ऑपरेशन को लेकर पार्टी के भीतर ही भ्रामक और तीखे बयान सामने आए, जिससे नेतृत्व की रणनीति पर सवाल खड़े हुए।
खुले मंचों से इन मंत्रियों ने की आलोचना
पिछले कुछ महीनों में कई विधायक सार्वजनिक रूप से सरकार की कार्यप्रणाली, योजनाओं और अफसरशाही की आलोचना करते दिखाई दिए हैं। कुछ विधायकों ने अपने क्षेत्रों की उपेक्षा, योजनाओं में भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी को लेकर मंचों से ही अपनी नाराज़गी जताई है।
गुना से BJP MLA पन्ना लाल शाक्य ने बुधवार को मीडिया से कहा कि स्थानीय प्रशासन उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। सिर्फ कुछ खास लोगों की ही सुनी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे SC वर्ग से हैं, इसलिए उनकी आवाज दबाई जाती है।
शिवपुरी MLA देवेंद्र जैन ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसमें एक SDM भी शामिल था। सरकार ने SDM को हटा दिया, लेकिन जैन और कार्रवाई चाहते हैं।
पिछोर MLA प्रीतम लोधी लगातार स्थानीय प्रशासन और प्रभारी मंत्री के खिलाफ आवाज (Rebellion) उठा रहे हैं। पार्टी ने उन्हें नोटिस भी दिया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।
सोहागपुर MLA विजयपाल सिंह और मऊगंज MLA प्रदीप पटेल ने भी कई स्थानीय मुद्दों पर प्रशासन की आलोचना की है। पटेल ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस से धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर छह घंटे तक विरोध प्रदर्शन भी किया।
पूर्व गृह मंत्री और खुरई MLA भूपेंद्र सिंह ने शुक्रवार को BJP और कांग्रेस दोनों के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वे ‘तंत्र-मंत्र’ के जरिए उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। वे उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को रोकना चाहते हैं। ये तो कुछ हालिया घटनाएं हैं, ऐसी लिस्ट बहुत लंबी है।
पार्टी के लिए शर्मिंदगी की वजह
पार्टी नेतृत्व को यह चिंता सता रही है कि ऐसी बयानबाज़ी से जनता में विकास कार्यों और सरकार की नीयत पर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी को चुनावी साल में ऐसी स्थितियों से बचना है, ताकि विपक्ष को मुद्दा न मिले।
सख्ती के संकेत
वीडी शर्मा को यह निर्देश मिला है कि वे विधायकों (Rebellion) को अंदरूनी बैठक में अपनी बात कहने के लिए प्रेरित करें, और मीडिया या पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ‘सरकार विरोधी बयान’ देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही ऐसे नेताओं को समझाइश या चेतावनी दी जा सकती है।