अमृतसर, 24 जून। Spying for the ISI : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले भारतीय सेना के जवान गुरप्रीत सिंह और उसके साथी साहिल मसीह के मामले ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। जांच में सामने आया है कि दोनों को पिछले दो महीनों में दो लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे। यह रकम गुरप्रीत ने अपने साथी साहिल के बैंक खाते में डलवाई थी।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की भेजी सूचनाएं
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गुरप्रीत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कई सैन्य ठिकानों की संवेदनशील जानकारी आईएसआई को भेजी थी। वह जम्मू, दिल्ली कैंट और मेरठ कैंट जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में तैनात रह चुका है और वहीं से सूचनाएं लीक की गईं।
आईएसआई एजेंट राणा जावेद से संपर्क दुबई के नशा तस्कर ने करवाया
गुरप्रीत का संपर्क आईएसआई एजेंट राणा जावेद से गांव के दुबई में रह रहे नशा तस्कर अर्जन ने करवाया था। पुलिस ने बताया है कि अर्जन के खिलाफ जल्द ही एलओसी (लुक आउट सर्कुलर) जारी किया जाएगा। यह भी सामने आया है कि गुरप्रीत का पिता एक गुरुद्वारे में सेवादार है, जिससे गांव में सनसनी फैल गई है।
दोनों आरोपी पुलिस रिमांड पर, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
गिरफ्तार किए गए गुरप्रीत और साहिल फिलहाल फताहपुर जेल में बंद हैं। उन्हें कोर्ट ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है और मंगलवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। अमृतसर स्थित ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (JIC) में इनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।
जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है मामला
वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि यह मामला कोई एकल घटनाक्रम नहीं, बल्कि एक व्यापक जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। इसी कारण देश की कई खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां अमृतसर में डेरा डाले हुए हैं और इस नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हैं।
सेना के भीतर से ही देश की सुरक्षा (Spying for the ISI) जानकारी का लीक होना गंभीर खतरे का संकेत है। जासूसी जैसे मामलों में शामिल तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई जरूरी हो गई है, ताकि देश की सीमाएं और सैन्य प्रतिष्ठान हर स्थिति में सुरक्षित रहें।