नई दिल्ली। देश में बेरोजगारी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि देश में सबसे पहली समस्या का जिक्र होता है तो बेरोजगारी ही आती है। लोग सरकारी नौकरी के लिए अथक प्रयास करते हैं। क्योंकि लोगों को सरकारी नौकरी सुरक्षा की दृष्टि से बेहज ही सुरक्षित लगती है।
लोग सरकारी नौकरियों के सालों तक प्रयास करते रहते हैं और सालों-साल सरकारी नौकरी का इंतजार करते रहते हैं। लेकिन कुछ ही लोग होते हैं जिन्हे सरकारी नौकरी मिल पाती है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी शख्स को 12 सरकारी नौकरी मिले और अंत में देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा पास करके देश के सबसे बड़ी पोस्ट पर जाए। ऐसा ही राजस्थान के रहने वाले आईपीएस प्रेम सुख डेलू साथ हुआ है। जानिए इनकी कहानी-
राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले प्रेम सुख डेलू का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था, लेकिन कड़ी मेहनत से वे पहले पटवारी बने। हालांकि, वह यहीं नहीं रुके और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते रहे और आईपीएस अधिकारी बन गए। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी।
उनके पिता ऊंट गाड़ी चलाते थे और लोगों का सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाते थे। प्रेम बचपन से ही अपने परिवार को गरीबी से उबारना चाहते थे और उनका ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर था।
प्रेम सुख देलू ने अपने ही गांव के एक सरकारी स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई की, उसके बाद बीकानेर के सरकारी डूंगर कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। उन्होंने इतिहास में एमए किया और स्वर्ण पदक विजेता थे। साथ ही उन्होंने इतिहास में यूजीसी-नेट और जेआरएफ की परीक्षाएं पास कींष
प्रेम सुख डेलू के बड़े भाई राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल हैं और उन्होंने प्रेम को प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया। 2010 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने पटवारी भर्ती के लिए आवेदन किया और सफल हुए। हालांकि, उसके बाद, वह समझ गए कि उसकी क्षमता बहुत अधिक है। पटवारी के रूप में काम करते हुए, उन्होंने मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त की और नेट पास किया।
पटवारी बनने के बाद प्रेम सुख देलू ने राजस्थान ग्राम सेवक परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया, जिसके बाद उन्होंने राजस्थान भर में सहायक जेलर परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। जेलर के पद ग्रहण करने से पहले ही सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा का परिणाम आ गया और उसका चयन हो गया।
फिर भी वह नहीं रुके और NET और B.Ed की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद उन्हें कॉलेज में लेक्चरर का पद मिला। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया।
एक कॉलेज में पढ़ाने के दौरान, प्रेम सुख ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के तहत तहसीलदार के रूप में चुने गए। उन्होंने तहसीलदार का पद संभालते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।
अपनी शिफ्ट की नौकरी खत्म होने के बाद प्रेम ने पढ़ाई की और 2015 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्होंने AIR 170 हासिल किया और IPS बन गए। उन्हें गुजरात कैडर मिला और उनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के अमरेली में एसीपी के रूप में हुई।