13 November 2024

Ayushman Bharat Yojana: This scheme is not being implemented in Chhattisgarh Ayushman Bhava, now there is a danger of being 'swaha'..!
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Ayushman Bharat Yojana : छत्तीसगढ़ में इस योजना का नहीं हो रहा आयुष्यमान भव:, अब ‘स्वाहा’ होने का खतरा..!

CG Ayushman : छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat Yojana) शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना में नियमित भुगतान नहीं होने से कुछ निजी अस्पताल मरीजों के फ्री इलाज करने में आनाकानी कर रहे हैं। दरअसल, योजना के तहत करीब 1400 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हुआ है। इसमें आंबेडकर व डीकेएस अस्पताल का भुगतान भी शामिल है। अस्पतालों के अनुसार, आखिरी पेमेंट सितंबर में आया था। लगभग दो माह से योजना के तहत एक रुपया नहीं आया है। इससे अस्पताल संचालन में दिक्कत होने लगी है। आने वाले दिनों में इलाज करने से मना करने पर मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। प्रदेश में शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना में बीपीएल परिवारों का सालाना 5 लाख व एपीएल परिवारों को 50 हजार रुपए तक फ्री इलाज हो रहा है। आईएमए के दोनों गुट इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से मिलकर बकाया भुगतान की मांग पहले ही कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक दीवाली के समय भी सरकारी व निजी अस्पतालों को फूटी कौड़ी भुगतान नहीं किया गया। इससे वेंडर से लेकर कर्मचारियों के वेतन को लेकर कुछ दिक्कतें हुई हैं। विजिटिंग डॉक्टरों का पेमेंट हर माह हो जाता है, लेकिन अस्पतालों का भुगतान अटकने से एक तरह से गरीब मरीजों पर दोहरा भार पड़ता है। कुछ अस्पताल लंबे समय से भुगतान नहीं होने का हवाला देकर फ्री इलाज के बजाय कैश से इलाज करने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि जब आयुष्मान (Ayushman Bharat Yojana) का पेमेंट आ जाएगा तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा। हालांकि जरूरतमंद मरीजों को इसमें दिक्कतें हो रही हैं। बड़ी सर्जरी के लिए वे कैश जमा करने में सक्षम नहीं है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की इस योजना का स्वाहा होने का खतरा मंडरा रहा है।

Ajit Pawar: By being in Mahayuti, 'Pawar' is slandering BJP in this way, the public is enjoying a lot...!
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Ajit Pawar : महायुति में रहकर बीजेपी की इस तरह लंका लगा रहे हैं ‘पवार’, पब्लिक को आ रहा बहुत मजा….!

Maharashtra Elections : महाराष्ट्र के चुनाव में इस बार अजित पवार (Ajit Pawar) सबसे कमजोर चेहरे हो सकते हैं पर सबसे मजेदाऱ और चर्चित खबरें उनके पास से ही आ रहीं हैं. महायुति में रहते हुए जिस तरह वो बीजेपी की लंका लगा रहे हैं उसमें पब्लिक को बहुत मजा आ रहा है. 2019 में  अविभाजित एनसीपी में अपने छोटे से विद्रोह और फिर बाद में बीजेपी को धोखा देकर एनसीपी में वापसी को सुनियोजित बताकर एक बार फिर उन्होंने बखेड़ा कर दिया है. पर 2019 में महाराष्ट्र में सरकार बनवाने में देश के सबसे बड़े उद्योगपित का दर्जा प्राप्त कर चुके गौतम अडानी का नाम लेकर उन्होंने बीजेपी को मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है. ये कुछ-कुछ वैसी ही परिस्थिति है, जैसी हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद थी. अजित पवार की बातें कितनी सच है, यह कोई नहीं जानता, लेकिन उनके बयान ने महाराष्‍ट्र चुनाव में भूचाल ला दिया है.  अजित पवार (Ajit Pawar) की यही कला उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में अपने चाचा शरद पवार का असली उत्तराधिकारी साबित करा रही है. अजित पवार के दावे के चलते विपक्ष को मौका मिल गया है कि वह उन आरोपों को और हवा दे कि गौतम अडानी और मोदी सरकार के बीच बहुत मधुर संबंध यूं ही नहीं है.  गौरतलब है कि अजित पवार ने एक वेबसाइट को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि हर कोई जानता है कि 2019 में महाराष्ट्र की सरकार बनवाने के लिए बैठक कहां हुई थी… सभी लोग वहां थे. अजित कहते हैं कि मुझे फिर से कहने दीजिए. अमित शाह वहां थे, गौतम अडानी वहां थे, प्रफुल पटेल वहां थे, देवेंद्र फडणवीस वहां थे, अजित पवार वहां थे, पवार साहेब (शरद पवार) वहां थे. उन्होंने यह भी कहा कि उस समय बीजेपी के साथ जाने का निर्णय शरद पवार की जानकारी में किया था, और एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपने नेता का अनुसरण किया था. 2019 में महाराष्ट्र की सरकार बनाने के लिए हो रही बैठक में अगर देश के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी उपस्थित थे तो इसका मतलब है कि सरकार बनवाने में उनकी भूमिका भी रही होगी. अगर ये बात साबित होती है तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बातों पर मुहर लग जाएगी. राहुल गांधी बहुत समय से ये मुद्दा उठा रहे हैं कि अडानी और अंबानी सरकार चला रहे हैं. जाहिर इस तरह की बातें अगर अजित पवार ऐन चुनावों के मौके पर करेंगे तो बीजेपी के लिए नुकसान तय है. इस पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले लोगों में राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी थीं, जिन्होंने X पर पोस्ट किया कि कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म को दिए गए साक्षात्कार के अनुसार, गौतम अडानी ने महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए असंभव गठबंधनों को बनाने की बातचीत में हिस्सा लिया था. यह गंभीर सवाल उठाता है कि क्या वह बीजेपी के अधिकृत वार्ताकार थे? क्या उन्हें गठबंधन बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी? एक व्यवसायी महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए इतनी गहरी दिलचस्पी क्यों ले रहा था? अजित पवार (Ajit Pawar)के खुलासे ने महायुति, खासकर बीजेपी के लिए धर्मसंकट की स्थिति बना दी है. केंद्र सरकार और अडानी के बीच मिलीभगत के आरोपों को मोदी के खिलाफ विपक्ष की साजिश बताने वाली बीजेपी अब किस मुंह से कहेगी कि उसके अपने सहयोगी अजित पवार जो कह रहे हैं, वो गलत है. इस मामले में बीजेपी यदि चुप्‍पी साधना भी चाहे, तो वह ऐसा कब तक कर पाएगी? अजित पवार की बात और उनके शब्‍दों पर गौर करें, तो यह नजर आता है कि उन्‍होने अडानी का उल्‍लेख बीजेपी को उलझाने के लिए ही किया है. यदि वे अडानी का नाम नहीं भी लेते तो भी NCP और BJP के बीच गठबंधन की किस्‍सा मुकम्‍मल हो जाता. लेकिन अडानी का नाम लेने से कहानी में एक्स्ट्रा ट्विस्‍ट आ गया. यदि अडानी वाकई उस बैठक में मौजूद थे, तो यह भी साबित होता है कि ऐसा दोनों पक्षों से उनकी करीबी के कारण हुआ होगा. लेकिन, इस समय सवाल तो उनके और बीजेपी के रिश्ते पर उठ रहा है. अजित पवार के खुलासे से अकेले बीजेपी ही क्‍यों, एकनाथ शिंदे के लिए भी संकट खड़ा हो गया है. सीएम रहते शिंदे अडानी के धारावी प्रोजेक्‍ट की वकालत कर चुके हैं. अब जबकि अजित पवार के बयान ने अडानी की भूमिका को चर्चा में ला दिया है तो शिंदे और उनकी पार्टी किस तरह अपने आप को इस विवाद से दूर रख पाती है, देखना दिलचस्‍प होगा. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने इस साक्षात्कार में जिस तरह अपने चाचा शरद पवार को भी घसीटा है, वो इस बुजुर्ग मराठा नेता के लिए एक तरीका सेटबैक ही है. क्योंकि 2019 की इस घटना के बाद शरद पवार कई बार कह चुके हैं कि 2019 के उस राजनीतिक घटनाक्रम के जिम्मेदार वो नहीं थे. जबकि उनके भतीजे अजित कहते हैं कि मुझे फिर से कहने दीजिए. अमित शाह वहां थे, गौतम अडानी वहां थे, प्रफुल पटेल वहां थे, देवेंद्र फडणवीस वहां थे, अजित पवार वहां थे, पवार साहेब (शरद पवार) वहां थे. उन्होंने यह भी कहा कि उस समय बीजेपी के साथ जाने का निर्णय शरद पवार की जानकारी में किया था, और एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपने नेता का अनुसरण किया था. हालांकि जो लोग शरद पवार और अजित पवार को अच्छी तरह से जानते हैं उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है. ये सभी जानते हैं कि शरद पवार और गौतम अडानी अकसर मिलते रहे हैं. दूसरे महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) के लिए जरूरी है कि प्रदेश सरकार में उनके घर से कोई न कोई सत्ता में बना रहे है. दूसरी बात अजित पवार में आज भी इतनी कूवत नहीं है कि वो प्रदेश के डिप्टी सीएम भी बन सकें. लोकसभा चुनावों में अकेले लड़कर अजित पवार अपनी हैसियत देख चुके हैं.  

Dead Body Student: Dead body of an 18 year old student, who reached the hostel from home after Diwali, was found in the hostel bathroom.
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Dead Body Student : दीवाली के बाद घर से छात्रावास पहुंची 18 वर्षीय छात्रा की हॉस्टल के बाथरूम में मिली लाश

Kondagaon News : छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के कनेरा मार्ग स्थित आदर्श आवासीय कन्या महाविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष की 18 वर्षीय छात्रा का हॉस्टल के बाथरूम में शव ( Dead Body Student) मिला है। छात्रा का शव मिलने की खबर का पता चलते ही आश्रम के साथ ही आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घटना के तत्काल बाद कोतवाली पुलिस से लेकर आला अधिकारियों की टीम आश्रम आ पहुंची। छात्रा का शव बाथरूम के शॉवर के एंगल में लटका हुआ मिला। पुलिस ने बताया कि छात्रा नीलिमा साहू (18) के पिता मंगलवार को अपनी बेटी को सामान देने के लिए हॉस्टल आये हुए थे। यहां बेटी को खोजने पर कहीं भी दिखाई नहीं दी, जिसके बाद पिता ने उसके फोन पर कॉल किया। कॉल रिसीव नहीं करने पर खोजबीन शुरू की। थोड़ी देर बाद पता चला कि छात्रा का फोन कमरे में बज रहा है। कमरे में जाने के बाद बाथरूम में नीलिमा का शव ( Dead Body Student) फंदे में लटका हुआ था। वहीं, पास के बिस्तर पर एक सुसाइड नोट भी था, जिसमें छात्रा ने पढ़ाई नहीं हो पाने व पढ़ाई समझ मे नहीं आने की बात कहते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि छात्रा का स्थाई पता रानीतराई जिला बालोद है। वहीं, उनके रिश्तेदार फरसगांव में भी होने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि नीलिमा साहू के पिता चेतन लाल साहू पेशे से शिक्षक हैं। साथ ही उन्होंने कुछ दिन पहले ही दीपावली के बाद नीलिमा को हॉस्टल में पढ़ने के लिए छोड़ा था। वहीं, मंगलवार को नीलिमा का शव हॉस्टल के बाथरूम के अंदर एक एंगल में लटके हुए पाया गया। घटना के बाद से हॉस्टल में हड़कंप मच गया।

Jai Shri Ram: Teacher beats students for saying Jai Shri Ram in school, huge ruckus occurs
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Jai Shri Ram : स्कूल में जय श्री राम बोलने पर शिक्षक ने की छात्रों की पिटाई, जमकर हुआ बवाल

Korba : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पाली पड़निया गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों को “जय श्रीराम” (Jai Shri Ram) कहने या टीका लगाने पर एक शिक्षक द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। इस घटना में शिक्षक राजकुमार ओगरे ने दो छात्रों की बुरी तरह पिटाई भी की, जिससे गांव में भारी आक्रोश फैल गया है। ग्रामीण अब इस घटनाक्रम के खिलाफ प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। पिता और अन्य ग्रामीणों ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षक की इस अमानवीय हरकतों से परेशान बच्चे ने अपने पालकों को पूरी जानकारी दी। इस पर आक्रोशित पालक स्कूल पहुंचे और शिक्षक को जमकर खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक ने क्षमा मांगने की कोशिश की, लेकिन उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ। घटना की जानकारी मिलने के बाद पालकों ने सर्वमंगला चौकी पुलिस और शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि इस स्कूल में तीन गांवों के बच्चे पढ़ाई करने आते हैं और अब इन तीनों गांवों के लोग एकजुट होकर इस मुद्दे का विरोध करने के लिए तैयार हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी इसी स्कूल में शिक्षक के द्वारा इस तरह की हरकत की जा चुकी है बार-बार की जा रही हरकत से वह नाराज है और निश्चित ही इस पर कार्रवाई होना चाहिए। पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली और संबंधित शिक्षा विभाग को पत्राचार किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामले की जांच जारी है। इस मामले में (Jai Shri Ram) शिक्षक राजकुमार ओगरे ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा है कि वह भविष्य में ऐसा कभी नहीं करेंगे और उन्होंने ग्रामीणों से माफी मांगी। हालांकि, ग्रामीण इस माफी को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं।

Chhattisgarh: Chhattisgarh tops the entire country in this scheme started by the Central Government regarding water.
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Chhattisgarh : पानी को लेकर शुरू की गई केंद्र सरकार की इस योजना में पूरे देश में छत्तीसगढ़ अव्वल

Raipur News : जनभागीदारी से जल संचय में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) पूरे देश में पहले स्थान पर है। केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में जल संचय, जनभागीदारी पहल के तहत जल संचय के एक लाख 53 हजार 533 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 10 हजार 872 कार्य प्रगतिरत हैं। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में देश के पहले 10 जिलों में छत्तीसगढ़ के 8 जिलों ने अपना स्थान बनाया है छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जनभागीदारी से जल संचय के कार्यों में राज्य में पहले स्थान पर रायपुर जिला है, जहां 35 हजार 758 जल संचय के कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 5064 कार्य प्रगतिरत हैं। दूसरे स्थान पर बिलासपुर है, जहां 16,389 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 1643 कार्य प्रगति पर हैं। तीसरे स्थान पर रायगढ़ जिला है, जहां 16,629 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 662 कार्य प्रगति पर हैं। चौथे स्थान पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है, जहां 16,730 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 300 कार्य प्रगति पर हैं। पांचवे स्थान बलरामपुर-रामानुजगंज जिला है, जहां 8618 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 586 कार्य प्रगति पर हैं। छठवें स्थान पर गरियाबंद जिला है, जहां 6899 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 634 कार्य प्रगति पर हैं। सातवें स्थान पर दुर्ग जिला है, जहां 4915 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 609 कार्य प्रगति पर हैं। दसवें स्थान पर धमतरी जिला है, जहां 3706 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 107 कार्य प्रगति पर हैं। गौरतलब है कि जल संचय जन भागीदारी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है। यह पहल जल संरक्षण में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देती है और सामूहिक पहल एवं एकजुटता से जलसंरक्षण की संकल्पना को साकार करती है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अन्य गतिविधियों के अलावा कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं, बोरवेल पुनर्भरण शाफ्ट के निर्माण पर विशेष बल दिया गया है, जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी और भू-जल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

Tiger Death In CG: Tiger's death, two forest guards and forest ranger suspended after Chief Minister's displeasure, notice to ranger
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Tiger Death In CG : टाइगर की मौत, मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद दो वनरक्षक व वनपाल निलंबित, क्षेत्रपाल को नोटिस

Chhattisgarh News : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कोरिया जिले में बाघ की मौत (Tiger Death In CG) की घटना को गंभीरता से लेते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव को दिए थे। इन निर्देशों के परिपालन में कोरिया वनमंडल बैकुण्ठपुर अंतर्गत परिक्षेत्र सोनहत के रामगढ़ सर्किल के वनरक्षक पिताम्बर लाल राजवाड़े और वनपाल रामप्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है वहीं सोनहत के वन क्षेत्रपाल विनय कुमार सिंह से टाईगर की मृत्यु (Tiger Death In CG) के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से वनों की रक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए मुस्तैदी से कर्तव्यों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी लापरवाही पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। मुख्य वन संरक्षक अम्बिकापुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार वनरक्षक बीट प्रभारी गरनई पिताम्बर लाल राजवाड़े और वनपाल वन परिक्षेत्र रामगढ़ रमन प्रताप सिंह के द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन में उदासीनता एवं घोर लापरवाही बरते जाने के कारण निलंबित किया गया है। वनपाल और वनरक्षक का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन/कदाचरण पाये जाने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुये मुख्यालय बैकुन्ठपुर, वनमण्डल कोरिया निर्धारित किया गया है।

CG Dhan Kharidi: Paddy purchase will start from tomorrow, number issued for any kind of problem and complaint…!
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CG Dhan Kharidi : कल से शुरू होगी धान खरीदी, किसी भी तरह की परेशानी व शिकायत के लिए नंबर जारी…!

Chhattisgarh News : राज्य में गुरुवार 14 नवंबर से धान की खरीदी (CG Dhan Kharidi) शुरू होने जा रही है। धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जाएगा। इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27 लाख एक हजार 109 हैं। इस वर्ष 1 लाख 35 हजार 891 नए किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है। कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 07 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी। धान खरीदी अवधि 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।

TIGER TERROR IN SURAJPUR: Tiger camp in Kudargarh, villagers living under the shadow of fear, now trying to catch the tiger in this way…
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TIGER TERROR IN SURAJPUR : कुदरगढ़ में बाघ का डेरा, खौफ के साये में जी रहे ग्रामीण, अब इस तरह बाघ को पकड़ने की कोशिश…

SURAJPUR NEWS : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र में बाघ की दहशत है. बाघ (TIGER TERROR IN SURAJPUR) को ट्रेस करने के लिए वन विभाग की टीम मुस्तैदी से जुटी हुई है. इस दौरान बाघ के मूवमेंट वाले क्षेत्रों से आम लोगों को दूर रहने की हिदायत दी गई है. संयुक्त वन मण्डलाधिकारी ओड़गी के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया है. वनपरिक्षेत्र अधिकारी कुदरगढ़ , परिक्षेत्र के सभी कर्मचारी, उड़नदस्ता सूरजपुर वन मण्डल और परिक्षेत्र अधिकारी बिहारपुर को मिलाकर चार टीमें बाघ को तलाश रही हैं इस दौरान सभी उपस्थित सदस्यों को वन मण्डल अधिकारी सूरजपुर एवं प्रभात दुबे वन्यप्राणी विशेषज्ञ द्वारा संबोधित कर बाघ की ट्रेकिंग हेतु आवश्यक जानकारियां दी। साथ ही बरतने वाली सावधानियों से भली भांति अवगत कराया गया। “एण्टी स्नेअर वाक” का प्रशिक्षण दिया गया। सभी चारों दलों द्वारा विगत दिवस बाघ द्वारा मवेशियों के शिकार स्थल के आस-पास वनक्षेत्रों का सघन भ्रमण कर बाघ के आने तथा जाने के मार्ग को ट्रेस करने का प्रयास किया गया। बाघ के लोकेशन पता करने के लिए ड्रोन कैमरे की सहायता भी ली जा रही है, ट्रेप कैमरा भी लगाया गया। विभिन्न दलों के द्वारा गश्ती करके बाघ की लोकेशन की जानकारी एकत्र करने की कोशिस की जा रही है, साथ साथ जंगल क्षेत्र में चरवाहों को मवेशी चराने के लिए न ले जाने हेतु समझाइस दिया गया तथा आस-पास के गांव से लगे वनक्षेत्रों में बाघ का विचरण हो रहा है, कोई भी जंगल में न जाने की मुनादी कराई गई। अलग-अलग दल गश्ती करके बाघ (TIGER TERROR IN SURAJPUR) का लोकेशन खोज रहे हैं. गश्ती करके बाघ की लोकेशन की जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है. साथ साथ जंगल क्षेत्र में चरवाहों को मवेशी चराने के लिए ना ले जाने के लिए समझाइस वन विभाग दे रहा है. आस-पास के गांव से लगे वनक्षेत्रों में बाघ का विचरण कर रहा है.इसलिए कोई भी गलती से भी जंगल के अंदर ना जाए इस बात को लेकर मुनादी कराई जा रही है.

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Raipur South Election : रायपुर में वोटिंग शुरू होने से पहले मतदान केंद्रों में लाइन…यहां देखें VIDEO

रायपुर, 13 अक्टूबर। Raipur South Election : रायपुर दक्षिण के बूथ क्रमांक 89 और 90 में सुबह 6 बजे से ही वोटर्स की लाइन लग गई। युवा, महिला और बुजुर्ग वोटर सुबह सुबह अपना वोट डालने पहुंचे। मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे से शुरू हुई वोटिंग रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर मतदान के लिए कुल 253 मुख्य मतदान केंद्र और 13 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुल 2 लाख 71 हजार 169 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इसमें में 1 लाख 33 हजार 800 पुरुष वोटर शामिल हैं। महिला वोटरों की संख्या कुल 1 लाख 37 हजार 317 है। थर्ड जेंडर के 52 मतदाता भी यहां वोट डालेंगे। मतदान केंद्रों पर सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए हैं जहां वोटर वोट कास्ट करने के बाद अपनी सेल्फी ले सकते हैं। सुनील सोनी और आकाश शर्मा के बीच मुकाबला रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर भाजपा ने सुनील सोनी को खड़ा किया है। सुनील सोनी पूर्व सांसद है। कांग्रेस ने युवा चेहरा आकाश शर्मा को मैदान में उतारा है। आकाश शर्मा युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है। भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं। सीएम विष्णुदेव साय की रायपुर दक्षिण के मतदाताओं से अपील छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय ने रायपुर दक्षिण के सभी मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करने की अपील की है। सीएम ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा “रायपुर दक्षिण के मतदाताओं से आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में भाजपा के पक्ष में मतदान कर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में (Raipur South Election) भागीदार बनें”।

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CG Police Transfer : पुलिस विभाग में TI, SI, ASI, प्रधान आरक्षकों का तबादल…देखें जंबो List

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, 13 अक्टूबर। CG Police Transfer : पुलिस विभाग में अस्थाई रूप से बड़ा फेरबदल किया गया है। पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने जिले के तीन थाना प्रभारीयों के प्रभार में बदलाव किया है, जिसमे निरीक्षक नवीन बोरकर को गौरेला थाना प्रभारी बनाया गया है। उप निरीक्षक गंगा प्रसाद बंजारे को पेण्ड्रा थाना प्रभारी बनाया गया है। निरीक्षक रणछोर सिंह सेंगर को मरवाही थाने का नया प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक सहित आरक्षकों के भी तबादले किए गये है।