18 March 2025

Uncategorised

Killer Mother : 17 दिन की मासूम की हत्यारिन निकली मां…पानी के कुंड में डुबोकर उतारा मौत के घाट…वजह है हैरान करने वाली…पिता ने ही कराई FIR…

झुंझुनूं, 18 मार्च। Killer Mother : राजस्थान के झुंझुनूं जिले के वार्ड नंबर 53 नयाबास में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां ने अपनी ही 17 दिन की मासूम बच्ची को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। आरोपी महिला निशा उर्फ आचकी देवी दूसरी बार बेटी पैदा होने से नाराज थी। बेटे की चाहत में उसने नवजात को पानी की कुंड में डुबोकर मार डाला। परिवार वालों को सुनाई झूठी कहानी बताया जा रहा है कि घटना के समय घर में सिर्फ निशा, उसकी दो साल की बेटी और 17 दिन की नवजात थी। बाकी परिवार के सदस्य खेतों में काम करने गए हुए थे। सुबह करीब 9 बजे निशा ने अपने जेठ को फोन करके बताया कि कोई उसकी बेटी को उठा ले गया है। यह सुनते ही घर में हड़कंप मच गया। परिजन तुरंत घर पहुंचे और बच्ची की हर जगह तलाश करने लगे, लेकिन कोई सुराग नहीं (Killer Mother)मिला। जब पानी की होद का ढक्कन खोला गया, तो उसमें मासूम का शव तैरता हुआ मिला। शक होने पर पुलिस ने की पूछताछ परिजन पहले इसे हादसा मान रहे थे, लेकिन पुलिस को इसमें साजिश का अंदेशा हुआ। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई से जांच शुरू की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। दरअसल, घटना के समय घर का दरवाजा अंदर से बंद था। बच्ची इतनी छोटी थी कि वह खुद चारपाई से गिरकर कुंड तक नहीं पहुंच सकती थी। कुंड का ढक्कन बंद था, जिससे साफ था कि कोई बाहरी व्यक्ति उसे वहां नहीं डाल सकता था। घर की चारदीवारी भी ऊंची थी, जिससे किसी बाहरी व्यक्ति का अंदर घुसना संभव नहीं था। जब परिजनों ने निशा से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। बेटे की चाहत में की मासूम की हत्या पुलिस पूछताछ में निशा ने स्वीकार किया कि वह बेटे की चाहत रखती थी। उसकी पहली संतान बेटी थी, लेकिन दूसरी बार भी बेटी होने से वह नाराज (Killer Mother)थी। उसने परिजनों से कहा कि “बेटा होना चाहिए था, ये क्यों आ गई?” वहीं इस हृदयविदारक अपराध के बाद पुलिस ने आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया है। मासूम के पिता पंकज सैनी की शिकायत पर निशा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इस निर्मम हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।

Uncategorised

Police Constable Recruitment : पुलिस कांस्टेबल भर्ती…19000 से अधिक पदों के लिए आवेदन शुरू…अप्लाई करने की जान लें योग्यता…

पटना, 18 मार्च। Police Constable Recruitment : बिहार पुलिस में निकली कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन करने की इच्छा रखने वाले कैंडिडेट्स के लिए एक शानदार खबर है। बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया आधिकारिक वबेसाइट शुरू कर दी गई है। जिन कैंडिडेट्स को इसके लिए आवेदन करना है वे सभी आधिकारिक वेबसाइट csbc.bihar.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। इस भर्ती के लिए उम्मीदवार 18 मार्च तक ही अप्लाई कर सकते हैं, जोकि लास्ट डेट है।  कितने पदों को भरा जाएगा? इस भर्ती अभियान के माध्यम से कुल 19838 पदों को भरा (Police Constable Recruitment)जाएगा। इनमें महिला कैंडिडेट्स के लिए छह हजार 717 पद आरक्षित हैं। ऐलिजिबिलिटी क्राइटेरिया शैक्षिक योग्यता: इस भर्ती के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मिनिमम 12वीं उत्तीर्ण या इसके समकक्ष योग्यता होना चाहिए। आवेदन करने के लिए आयु सीमा: अप्लाई करने वाले सामान्य कैटेगरी के कैंडिडेट्स की आयु 18 से 25 वर्ष होनी चाहिए। अप्लाई करने वाले पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पुरुषों की आयु 18 से 27 वर्ष होनी (Police Constable Recruitment)चाहिए। आवेदन करने वाली पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की आयु 18 से 28 वर्ष होनी चाहिए। कैसे करें आवेदन बंधित विषय में ज्यादा जानकारी के लिए उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। सबसे पहले कैंडिडेट्स को आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद कैंडिडेट्स को होमपेज पर संबंधित लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद उम्मीवारों को पहले खुद को रजिस्टर करना होगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के बाद उम्मीदवार अपने आवेदन के लिए आगे बढ़ें। आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उम्मीदवार फॉर्म को सबमिट कर दें। फॉर्म सबमिशन के बाद उम्मीदवार पुष्टिकरण पेज डाउनलोड और फिर एक प्रिंट ले लें। डायरेक्ट लिंक सेलेक्ट होने पर सैलरी कितनी मिलेगी? इस भर्ती में सेलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को प्रतिमाह लेवल 3 के तहत 21700 रुपये से 69100 रुपये तक सैलरी मिलेगी।

CG Assembly: Debate in the assembly...! Home Minister admits there was rigging in the police recruitment exam at two places...see here
Uncategorised

CG Assembly : विधानसभा में बहस…! गृहमंत्री ने माना दो जगह पुलिस भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी…यहां देखें

रायपुर, 18 मार्च। CG Assembly : पुलिस भर्ती में गड़बड़ी के मामले पर मंगलवार को विधानसभा में काफी बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिलासपुर और नांदगांव में पुलिस भर्ती में बड़े अधिकारी संलिप्त रहे हैं लेकिन छोटे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एक आरक्षक ने आत्महत्या भी की है। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने माना कि राजनांदगांव और बिलासपुर में भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी की जांच चल रही है, और 16 लोग जेल में हैं। श्री शर्मा ने आश्वस्त किया कि गड़बड़ी के लिए जो भी दोषी पाए जाएंगे, उसे जेल जाना होगा।  प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य द्वारिकाधीश यादव ने उठाया मामला प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य द्वारिकाधीश यादव ने मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि बिलासपुर और राजनांदगांव जिले में पुलिस भर्ती में गड़बड़ी पाई गई। श्री शर्मा ने बताया कि राजनांदगांव में डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर ने गड़बड़ी की शिकायत की थी, और इस आधार पर जांच की गई। इसी तरह बिलासपुर में दो शिकायत मिली थी, इनमें से एक शिकायतकर्ता अजय सिंह राजपूत, और दूसरे का नाम दुर्गेश है।  कांग्रेस सदस्य ने पूछा कि क्या केवल आरक्षक ने भर्ती कराई है? सक्षम अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई है? गृहमंत्री ने कहा कि खुद पुलिस अफसर ने गड़बड़ी की शिकायत की थी, और शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा राजनांदगांव के बजाय खैरागढ़ में कराई जा रही है।  श्री शर्मा ने बताया कि एडिशनल एसपी मानपुर-मोहला की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है जो कि गड़बडिय़ों की जांच कर रही है। गृहमंत्री ने बताया कि आरक्षक भर्ती की 95 हजार वीडियो रिकॉर्डिंग का परीक्षण किया गया है, जिसमें 129 में गड़बड़ी पाई गई है। यह प्रकरण न्यायालय में भी लंबित है।  जवाब से संतुष्ट नहीं कांग्रेस सदस्य कांग्रेस सदस्य द्वारिकाधीश यादव जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि क्या आरक्षक गड़बड़ी कर सकते हैं? श्री यादव ने कहा कि गड़बड़ी वही कर सकता है जो व्यवस्था में भागीदार हैं। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की।  गृहमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों पर विश्वास बढ़ा है, जबकि पिछली सरकार ने पांच वर्ष तक सीबीआई को बैन कर रखा था। उन्होंने कहा कि एक शिकायत पर पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। इसका कुछ नहीं छिपाया गया है।  गृहमंत्री ने बताया कि दौड़, गोला फेक, की परीक्षा में आरक्षक तैनात रहते हैं। इसकी वीडियोग्रॉफी कराई गई थी, और अतिरिक्त अंक देने पर गड़बड़ी पकड़ी गई।  कांग्रेस सदस्य चातुरीनंद (CG Assembly) ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाले आरक्षक ने अपने हाथ में लिखा कि छोटे कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि बड़े अफसर जिम्मेदार हैं। गृहमंत्री ने कहा कि प्रकरण की जांच चल रही है। 16 लोग जेल भेजे जा चुके हैं, जो भी दोषी होगा वह जेल जाएगा। 

Nagpur Violence: Hooliganism by rioters armed with swords and knives...8 bikes burnt at one place...20 stitches on DCP's hand...Watch the horrifying video here
Uncategorised

Nagpur Violence : तलवार-चाकू से लैस उपद्रवियों की गुंडागर्दी…एक स्थान पर 8 बाइक्स जली…DCP के हाथ पर लगे 20 टाके…यहां देखें भयावह Video 

नागपुर, 18 मार्च। Nagpur Violence : महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा भड़कने के बाद अबतक 47 लोगों को डिटेन किया गया है। इस हमले में तीन डीसीपी घायल हो गए हैं। इनमें डीसीपी अर्चित चांडक, डीसीपी निकेतन कदम, डीसीपी शशिकांत सातव शामिल हैं। इन तीनों डीसीपी का नागपुर के निजी हॉस्पिटल के इलाज जारी है। हमले में 3 DCP घायल डीसीपी निकेतन कदम को हाथ में 20 टाके लगे हैं। डीसीपी शशिकांत सातव को घुटने मे चोट लगी है। डीसीपी अर्चित चांडक को मामूली चोट है लेकिन उन्हें आब्जर्वेशन में रखा गया है। फिलहाल तीनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। इन्हें आज शाम तक हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने की संभावना है। इस बीच इस घटना के वीडियो सामने आ रहे हैं। इस वीडियो में उपद्रवियों को हिंसा करते देखा जा सकता है। एक वीडियो में 7-8 उपद्रवी  दिखते हैं और एक गली में खड़ी कारों पर डंडों से दनादन वार करने लगते हैं। जबकि कुछ लोग पत्थर फेंक रहे होते हैं। एक दूसरे वीडियो में उपद्रवियों का हुजूम एक मोड पर इकट्ठा दिखता है। यहां ये हंगामा कर रहे होते हैं। यहां उपद्रवी दुकानों का गेट पीट रहे दिख रहे हैं। इनकी संख्या दर्जनों में है। ये लोग पत्थर-डंडो से दुकान को क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हुए दिखते हैं। उपद्रवियों के बगल में ही एक जली हुई बाइक दिखाई दे रही है।  सोमवार शाम भड़की हिंसा बता दें कि सबस पहले सोमवार शाम महाल इलाके के चिटनिस पार्क के पास शाम 7.30 बजे हिंसा भड़की। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने बताया कि हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित यही इलाका है। यहां उपद्रवियों ने कुछ गाड़ियों में आग लगा दी। कुछ लोगों के घरों पर भी पत्थर फेंके गए। इसके बाद रात 10.30 से 11.30 के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसापुरी इलाके में एक और झड़प हुई। भीड़ ने कई गाड़ियों को जला दिया। नागपुर पुलिस का कहना है कि अफवाहों की वजह से झड़प हुई। नागपुर पुलिस के डीसीपी (ट्रैफिक) अर्चित चांडक ने बताया कि घटना गलतफहमी की वजह से हुई लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है। पत्थरबाजी हो रही थी, इसलिए हमने बल प्रयोग किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। हिंसा के चश्मदीद बोले एक तीसरे वीडियो में उपद्रवी डंडे आकर आते हुए दिखते हैं। और गाडियों पर पत्थर बरसाते दिख रहे हैं। गाड़ियों में उपद्रवियों के अलावा कोई नहीं दिखता है। यहां पूरा सन्नाटा पसरा हुआ है। इस हिंसा के एक चश्मदीद ने कहा कि उपद्रवियों के हाथ में तलवार और चाकू थे। नागपुर के हंसापुरी में एक स्थान पर 8 बाइक्स जली हुई भी मिली। हंसापुरी के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कल रात को 10.30 बजे पीछे से चिल्लाते हुए आए, फिर अचानक 50-100 से ज्यादा लोग आ गए। इनमें से किसी के हाथ में चाकू, किसी के हाथ में तलवार तो कोई जलता हुआ अंगार लेकर आया था। हमनें जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया। तब वे लोग पत्थर मारने लगे। कई लोग अंगार फेंक रहे थे। कई लोगों को चोट आई। कई लोग मुंह पर कपड़ा बांध हुए थे। उन्होंने लोहे का दरवाजा तोड़ डाला। अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने आश्वस्त किया है कि हालात नियंत्रण में हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने कहा कि वर्तमान में शहर में स्थिति शांतिपूर्ण है। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंगल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत एक नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर पुलिस थाना क्षेत्रों पर लागू होता है। अगली सूचना तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे।

Uncategorised

Blinded By Treatment For Baldness : गए थे गंजेपन का इलाज करवाने…अब अंधे होकर पडे है अस्पताल में…इलाज ने छीनी सभी की आँखों की रोशनी…

मेरठ, 18 मार्च। Blinded By Treatment For Baldness : गंजेपन का इलाज करवाने पहुंचे, लेकिन अस्पताल के बिस्तर पर आंखों पर पट्टी बांधे पड़े रहे। यह किसी फिल्मी कहानी का सीन नहीं, बल्कि हकीकत है। पंजाब के संगरूर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया है। गंजेपन से परेशान लोगों के लिए एक ‘चमत्कारी’ इलाज कैंप लगाया गया, जहां दावा किया गया था कि कुछ ही दिनों में सिर पर घने बाल आ जाएंगे। लेकिन हुआ इसका उल्टा. बाल तो दूर, लोगों की आंखों में इतनी जलन होने लगी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अगर आपको यह किस्सा मेरठ की किसी पुरानी खबर की याद दिला रहा हो, तो यह महज इत्तेफाक नहीं है. मेरठ में भी कुछ समय पहले इसी तरह का एक मामला सामने आया (Blinded By Treatment For Baldness)था, जहां गंजेपन की दवा लगाने के लिए भीड़ जुट गई थी। अब वैसा ही कांड संगरूर में देखने को मिला है। संगरूर की काली देवी मंदिर में यह कैंप लगाया गया था, जिसमें सैकड़ों लोग पहुंचे थे. कैंप का सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रचार किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस चमत्कारी दवा से बाल झड़ना बंद हो जाएंगे और नए बाल उग आएंगे. लेकिन जैसे ही इस दवा को सिर पर लगाया गया, लोगों की आंखों में जलन शुरू हो गई. देखते ही देखते हालात इतने बिगड़ गए कि 65 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंच गए, और कुछ को प्राइवेट क्लीनिक में भी इलाज कराना पड़ा. अब इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। संगरूर पुलिस स्टेशन में डॉक्टर अमनदीप सिंह और तजिंदर पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की (Blinded By Treatment For Baldness)है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच में तेजी ला दी है और प्रशासन ने भी कैंप लगाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अब तक 65 से ज्यादा लोग आंखों में जलन और सूजन की समस्या लेकर आ चुके हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। सिविल सर्जन संजय कैमरा ने बताया कि इस मामले में मेडिकल जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में इसी तरह 20 रुपये में बाल उगाने की दवा सिर पर लगवाने के लिए भीड़ इकट्ठी हो गई (Blinded By Treatment For Baldness)थी। बाल झड़ने से रोकने में हर जतन करने के बाद नाकाम रहे लोग यहां लाइन में लग गए थे. उन्हें यकीन था कि 20 रुपये की दवा सिर में लगवाकर और 300 रुपये का तेल खरीदकर लगाएंगे तो सिर पर बाल उग आएंगे। पहले तो ऐसे ही लाइन में लगाकर सिर पर दवा लगाई जा रही थी, लेकिन भीड़ इतनी हो गई कि भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को टोकन देकर लाइन में लगवाया गया था। पुलिस ने बिना जानकारी लोगों की भीड़ जुटाने की शिकायत पर दवा बांटने वालों को हिरासत में ले लिया था।

Uncategorised

BLA Train Hijack In Pakistan : जानें ट्रैन हाईजेक करने वाले BLA के बारे में…आखिर पाकिस्तान से आजादी क्यों चाहते हैं बलूच…औरंगजेब से क्या है कनेक्शन…?

बलूचिस्तान, 18मार्च। BLA Train Hijack In Pakistan : पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है बलूचिस्तान, वैसे तो यह जर्मनी के आकार का है लेकिन यहां की आबादी काफी कम है, सिर्फ डेढ़ करोड़ यानी जर्मनी से सात करोड़ कम। बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से भरा पूरा है जैसे यहां तेल, सोना, तांबा सहित कई अन्य खदान मिलते हैं। बलूचिस्तान के इन्हीं संसाधनों का पाकिस्तान इस्तेमाल करता है। इतना सबकुछ होने के बावजूद बलूचिस्तान सबसे पिछड़ा इलाका है और यहां के लोगों का जीवन स्तर सामान्य से भी नीचे का है। इसके 1.5 करोड़ निवासियों में से 70% गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। संसाधन से भरा पूरा लेकिन गरीबी की मार झेल रहा गरीबी और पिछड़ेपन को लेकर ही बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ नफरत बढ़ रही है और आए दिन वहां विद्रोह होते रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बलूचिस्तान में 60% से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते (BLA Train Hijack In Pakistan)हैं। यह प्रांत स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर न केवल पाकिस्तान में बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में सबसे निचले पायदान पर है। कैसे शुरू हुआ बलूचों का विद्रोह पाकिस्तान के बनने के बाद से ही बलूचिस्तान का इतिहास विद्रोह से भरा पड़ा है। बलूचिस्तान का इतिहास देखें तो इसकी कहानी 1876 से शुरू होती है, जब ब्रिटिश सरकार और कलात के बीच संधि हुई। संधि के मुताबिक अंग्रेजों ने कलात को प्रोटेक्टोरेट स्टेट का दर्जा दिया। चार अगस्त 1947 को दिल्ली में एक बैठक हुई जिसमें मीर अहमद खान के साथ जिन्ना और जवाहर लाल नेहरू के साथ ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन भी शामिल हुए जिसमें कहा गया कि चार जिलों- कलात, खरान, लास बेला और मकरान को मिलाकर एक आजाद बलूचिस्तान बनाया जाए और इस तरह 11 अगस्त को बलूचिस्तान अलग देश बन गया। पाकिस्तान में विलय की बात बलूचिस्तान आजाद देश तो बन गया और देश में मस्जिद से कलात का पारंपरिक झंडा फहराया गया। आजादी घोषित करने के ठीक एक महीने बाद 12 सितंबर को ब्रिटेन ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि बलूचिस्तान एक अलग देश बनने की हालत में नहीं (BLA Train Hijack In Pakistan)है। वह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां नहीं उठा सकता। ऐसे में उसकी सुरक्षा पाकिस्तान के हवाले थी। जिन्ना ने अहमद खान से बलूचिस्तान का पाकिस्तान में विलय करने की बात कही। पाकिस्तान ने ढाए जुल्म कलात के शासक ने बात नहीं मानी और कहा कि बलूचिस्तान आजाद मुल्क रहेगा या पाकिस्तान के साथ जाएगा ये वहां की जनता तय करेगी। पाकिस्तान बलूचिस्तान के विलय का दबाव बढ़ाने लगा था। इस तरह से बगावत बढ़ने लगी। बलूचों का पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज होने लगा। बलूच इतने भड़के थे कि उन्होंने तोतत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हत्या की भी कोशिश की।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 15 साल में पाकिस्तानी सेना ने पांच हजार से ज्यादा बलूचों को गायब कर दिया। कहा जाता है कि या तो इन्हें मार दिया गया है या फिर इन्हें ऐसी जगह कैद कर रखा है, जिसकी कोई खबर नहीं है। औरंगजेब से कनेक्शन भारत के पहले मुगल शासक बाबर के बेटे हुमायूं को बिहार के शेरशाह सूरी ने युद्ध में हरा दिया, जिसके बाद हुमायूं भारत से भाग गया और उसने ईरान में शरण ली। फिर जब 1545 में शेरशाह सूरी की मौत हो गई तो हुमायूं ने भारत वापस लौट आया। हुमायूं को भारत लौटने में तब बलूचिस्तान के कबीलाई सरदारों ने मदद की थी। बलूचों की मदद से ही साल 1555 में हुमायूं ने दिल्ली पर फिर से कब्जा किया था।फिर साल 1659 में मुगल बादशाह औरंगजेब दिल्ली का शासक बना। उसकी सत्ता पश्चिम में ईरान के बॉर्डर तक थी। तब बलूच सरदारों ने मुगल हुकूमत के खिलाफ विद्रोह छेड़ा था और बलूच लीडर मीर अहमद ने 1666 में बलूचिस्तान के दो इलाकों- कलात और क्वेटा को औरंगजेब से छीन लिया था।

Uncategorised

BJP Leader ki Kartut : नगर पालिका अध्यक्ष ने ‘पैर’ से दिया ‘आशीर्वाद’…! होली पर पहुंचा था शख्स…वायरल होने के बाद पार्टी ने लिया गजब एक्शन…यहां देखें VIDEO

नरसिंहपुर, 18 मार्च। BJP Leader ki Kartut : मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा में नगर पंचायत अध्यक्ष विष्णु शर्मा का एक वीडियो वायरल होने से विवाद खड़ा हो गया है। वीडियो में शर्मा एक व्यक्ति को पैर से आशीर्वाद देते नजर आ रहे हैं। यह घटना होली के मौके पर हुई, जब शर्मा ने रज्जन अग्रवाल नामक व्यक्ति को पैर उठाकर उसके सिर पर रखा। मामले ने तूल पकड़ लिया है और बीजेपी के जिला अध्यक्ष रामस्नेही पाठक ने इसे गंभीरता से लेते हुए शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि होली के दौरान लोग एक-दूसरे को गुलाल लगा रहे थे, उसी दौरान तेंदूखेड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने गुलाल लगा रहे रज्जन अग्रवाल को पैर से आशीर्वाद दिया जिसके बाद वह व्यक्ति उठकर चला गया। विष्णु  शर्मा ने मीडिया के कैमरे पर आने से इनकार किया, लेकिन फोन पर दावा किया कि रज्जन उनका बचपन का साथी है। उन्होंने कहा, “वह नगर पंचायत में महिलाओं और कर्मचारियों को गाली दे रहा था, इसलिए उसे रोकने के लिए ऐसा करना पड़ा.” हालांकि, सवाल उठ रहा है कि क्या एक जनप्रतिनिधि को इस तरह की हरकत करनी चाहिए? पार्टी ने लिया संज्ञान बीजेपी जिला अध्यक्ष रामस्नेही पाठक ने कहा, “हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पार्टी अनुशासन को ध्यान में रखते हुए विष्णु शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। अगर वीडियो सही पाया गया, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।” इससे पहले भी शर्मा का रज्जन अग्रवाल को बाजार में लात मारते हुए एक वीडियो वायरल हो चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रज्जन मानसिक रूप से अस्थिर है, लेकिन एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति का ऐसा व्यवहार सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर चर्चा तेज सोशल मीडिया पर यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। लोग शर्मा के व्यवहार की निंदा कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक जनप्रतिनिधि को इस तरह का आचरण करना शोभा देता है। कुछ यूजर्स ने इसे ‘लात वाला आशीर्वाद’ करार देते हुए तंज कसा है। देखें Video