नई दिल्ली/पटना, 8 नवंबर। Assembly Session : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बड़ा ही अटपटा माहौल तब बन गया जब CM नीतीश कुमार ने सदन में सेक्स पर भाषण दिया। जिसके बाद वह विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। सीएम के भाषण का वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल रहा है। लोग कह रहे हैं कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री को भरी सभा में ‘सेक्स एजुकेशन’ पर इस तरह से बोलते हुए पहली बार सुना जा रहा है। नीतीश कुमार ने तो हद कर दी।
शीतकालीन सत्र में कई मुद्दों पर हुई चर्चा
बता दें कि सोमवार को ही बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है। पहले दिन जातिय जनगणना में गड़बड़ी के आरोप को लेकर भाजपा विधायकों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई थी, वहीं सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भाजपा को राष्ट्र स्तर पर घेरने की तैयारी कर ली। मंगलवार को दूसरे दिन की कार्यवाही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट आ जाने के बाद सभी जातियों संख्या की वास्तविक स्थिति सामने आ गई है।
इसे देखते हुए आरक्षण बढ़ाना की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के आरक्षण की सीमा को 20 फ़ीसदी कर दिया जाए। पहले इस वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता था। इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया जाए जो पहले एक प्रतिशत था। अत्यंत पिछड़ा वर्ग, ईबीसी और ओबीसी को मिलाकर 43 प्रतिशत आरक्षण देने की बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कही।
जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतना बह गए कि उनकी बातें हर किसी को आपत्तिजनक लगने लग गई। सीएम साहब ने जातीय जनगणना के मुद्दे को जनसंख्या नियंत्रण पर लाते हुए भरी सभा में सेक्स को लेकर ज्ञान दे शुरू कर दिया। उन्होंने सेक्स को इस कदर परभाषित किया कि अंदर बैठे लोग भी झेंप गए, खासकर महिलाएं शर्म महसूस करने लग गईं, लेकिन नीतीश अपने बयान को पूरा करने में ही लगे रहे।
नीतीश कुमार ने क्या कहा?
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा सदन के अंदर बोलते हुए कहा, ‘जब लड़की पढ़ लेगी और फिर जब लड़की और लड़का में शादी होगी तो जो पुरुष है वो तो रोज रात में उसके साथ……. है, उसी में और पैदा हो जाता है, लेकिन अगर लड़की पढ़ लेती है तो उसको मालूम है कि वह ……. ठीक है लेकिन लड़की कह देगी कि अंतिम में …. बाहर कर दो, पुरुष… तो है, तो उसी में आप समझ लीजिए। सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि अब जनसंख्या घट रही है, मेरा मतलब सभी लोग ठीक से समझिए…’।
बयान किसी गली के लफंगों जैसा है : केंद्रीय मंत्री
इस घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा बिहार विधानसभा में महिलाओं पर की गई टिप्पणी को बेहद अभद्र बताया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने लोकतंत्र की गरिमा और मर्यादा को तार-तार किया है। इनका बयान किसी गली के लफंगों जैसा है एवं महिला विरोधी है, विधानसभा में ऐसा वक्तव्य देना बहुत शर्मनाक है। ऐसा लगता है वह मानसिक रूप से बीमार हैं। उन्हें इस्तीफा देकर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।