रायपुर, 28 दिसंबर। B.Ed Assistant Teachers : छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक शिक्षक अपनी नौकरी की सुरक्षा के लिए हड़ताल पर हैं। हड़ताल के नौंवे दिन, शुक्रवार को माना तूता धरना स्थल पर सामूहिक मुंडन किया गया। बीएड सहायक शिक्षक सरकार से समायोजन की मांग कर रहे हैं।
इस आंदोलन में पुरुष शिक्षकों के साथ-साथ महिला शिक्षिकाओं ने भी अपने बाल कटवाए। उन्होंने कहा कि वे अपने भविष्य के लिए न्याय की मांग कर रहे (B.Ed Assistant Teachers)हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया है।
बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा की शुरुआत की। रायपुर पहुंचने के बाद, 19 दिसंबर से यह यात्रा धरने में तब्दील हो गई। इस दौरान शिक्षकों ने अपनी समस्याओं को सरकार और जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखने के लिए पत्र भी भेजे, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन प्राप्त नहीं हुआ (B.Ed Assistant Teachers)है।
शर्तों का पालन किया, लेकिन हमारा भविष्य संकट में
महिला शिक्षक ने बताया कि हमने सरकार की निर्धारित शर्तों का पालन करते हुए बीएड की पढ़ाई पूरी की, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की, और बच्चों को शिक्षा देने का कार्य आरंभ किया। अब हमारी योग्यता को ही खारिज किया जा रहा है। क्या शिक्षकों का भविष्य इस तरह से असुरक्षित रहेगा? हम सभी ने स्पष्ट किया है कि हम न्याय की मांग कर रहे हैं, दया की नहीं। सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि हमारे भविष्य को सुरक्षित करे।
अन्याय कर रही है सरकार – दीपक बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मामले में कहा कि सरकार बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। हालांकि इन शिक्षकों की नौकरी पर संकट का कारण तकनीकी रूप से अदालती फैसले हैं, लेकिन सरकार चाहती तो इस समस्या का त्वरित समाधान कर सकती थी।
सरकार के पास शिक्षा विभाग में कई ऐसे पद हैं, जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। इन्हें प्रयोगशाला सहायक या उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। वर्तमान शिक्षा विभाग में 70 हजार पद रिक्त हैं, और सरकार ने 33 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी रोक रखी है। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है।