Bahraich Violence: Brutality before murder...! Nails pulled out-electricity given-35 pellets found in the body...your soul will tremble after seeing the postmortem reportBahraich Violence
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बहइराच, 16 अक्टूबर। Bahraich Violence : बहराइच हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गई थी। हत्यारोपियों ने रामगोपाल को गोली मारने से पहले उसकी बेरहमी से पिटाई की थी। धारदार हथियार से भी हमला किया था। उसके चेहरे, गले और सीने में गोली के करीब 35 छर्रे लगने के निशान हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जो डिटेल निकलकर सामने आई वो रूह कंपा देने वाली है।

सूत्रों के मुताबिक, 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की हत्या से पहले उसके साथ जमकर बर्बरता की गई थी। करंट और हैमरेज से मौत होने का पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज़िक्र है। उसकी बॉडी पर 35 छर्रे लगने के निशान हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसे भरुआ कारतूस मारी गई है। सिर, माथे और हाथ पर धारदार हथियार से हमले के भी निशान हैं।

इतना ही नहीं रामगोपाल के पैर के नाखूनों को खींच कर बाहर निकाला गया था। अंगूठे इसकी गवाही दे रहे थे। मारने के लिए उसे करंट भी लगाया गया था। आंखों के पास किसी नुकीली चीज से गहरा घाव किया गया था।

बता दें कि बहराइच जिले की महसी तहसील के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान आरोपियों ने रामगोपाल को अगवा कर उसकी हत्या को अंजाम दिया था। शव बरामद होने के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि रामगोपाल को गोली मारने से पहले जमकर टॉर्चर किया गया था। बताया जा रहा है कि करंट लगने और घावों से ज्यादा खून बहने की वजह से रामगोपाल को ब्रेन हेमरेज हो गया और इसकी वजह से ही मौत हुई।

बहराइच में ऐसे भड़की थी हिंसा 

दरअसल, बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा बीते रविवार की शाम करीब 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में शामिल था। ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो दो पक्षों में कहासुनी हो गई। आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई।

इस बीच हुई रामगोपाल को एक घर में ले जाकर मौत के घाट उतार दिया गया। रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज में बवाल शुरू हो गया। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के घर समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी। इस बीच सोमवार को जब मृतक का शव गांव पहुंचा तो भीड़ फिर गुस्साकर बेकाबू हो गई। इस दौरान महराजगंज क्षेत्र में कई घरों, नर्सिंग होम, बाइक शोरूम और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई। वहीं, पुलिस ने बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

हालात बिगड़ते देख इंटरनेट सेवा (Bahraich Violence) पूरे जिले में बंद कर दी गई। पीएसी, आरएएफ को सड़क पर उतार दिया गया। खुद एसटीएफ चीफ पिस्टल लेकर सड़क पर निकल पड़े। घटना के तीन दिन होने के बाद भी महसी के महाराजगंज में अभी स्थित तनावपूर्ण बनीं हुई है।

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