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रायपुर, 21 फरवरी। Balodabazar Violence Case : विधायक देवेन्द्र यादव 7 महीने 4 दिन बाद जेल से बाहर आ गए हैं। सेन्ट्रल जेल के बाहर विधायक देवेंद्र यादव के परिवार वाले भी मौजूद है। वहीं उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई है, जो फूल माला मिठाई लेकर पहुंचे हैं।

वहीं जेल के बाहर आते ही समर्थक जमकर आतिशबाजी करते हुए नज़र आए। इस दौरान भीड़ को देखते हुए पुलिस ने जेल के बाहर जबरदस्त बैरिगेटिंग की है। वहीं मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं। विधायक देवेंद्र यादव के बड़े भाई रोहित यादव ने जमानत कराई है। इस दौरान यादव को 25- 25 हजार के दो जमानत पर रिहा किया गया है।

10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिया था। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था। विधायक देवेंद्र यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए, लेकिन वो मंच पर नहीं गए, उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा।

कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौट जाने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है। जहां हिंसक घटना हुई, वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति (Balodabazar Violence Case) से प्रेरित है।