बिलासपुर, 8 अक्टूबर। Candidates Names : विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच खींचतान चल रही है। ताजा मामला बिलासपुर का है, जहां मस्तूरी से बीजेपी विधायक डाॅ.कृष्णमूर्ति बांधी और तखतपुर से धर्मजीत सिंह को टिकट देने का अभी से विरोध शुरू हो गया है।
नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष के बंगले का किया घेराव
बीजेेपी की वायरल लिस्ट के बाद बिलासपुर जिले में भी कार्यकर्ता प्रत्याशी बदलने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। शनिवार को कार्यकर्ताओं ने दोनों प्रत्याशियों को बदलने की मांग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव के बंगले का घेराव कर जमकर नारेबाजी की गयी। भले ही बीजेपी ने सबसे पहले 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा दी थी, लेकिन दूसरी लिस्ट जारी करने में बीजेपी के पसीने छूट रहे है।
ठीक यहीं हाल कांग्रेस का भी है, पिछले एक महीने से पार्टी में बैठको और मंथन का दौर जारी है, लेकिन कैडिंडेट के नामों पर अंतिम मुहर नही लग सकी है। कुल मिलाकर देखा जाये तो दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशियों के नामों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इसी बीच बीजेपी की संभावित दूसरी लिस्ट का सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद बीजेपी में बवाल मचा हुआ है।
बांधी और धर्मजीत का हुआ विरोध
रायपुर के धरसींवा से छत्तीसगढ़ी एक्टर अनुज शर्मा का नाम सामने आते ही स्थानीय लोगों ने बाहरी बताकर सीधा विरोध कर दिया था। अभी ये मामला शांत भी नही हुआ था। इसी दौरान शनिवार को सीपत, मस्तूरी और मल्हार के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के बंगले का घेराव कर नारेबाजी की। बताया जा रहा है कि मस्तूरी विधानसभा से पहुंचे नाराज कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पिछले 20 साल से डाॅ.कृष्णमूर्ति बांधी को ही प्रत्याशी बनाये जाने से क्षेत्र में नाराजगी है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस बार नए और युवा चेहरे को मौका देने की बात प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रखी है। इसी तरह तखतपुर विधानसभा में भी संगठन के पदाधिकारियों ने जोगी कांग्रेस से बीजेपी में आए विधायक धर्मजीत सिंह को प्रत्याशी बनाने का विरोध किया है।
सीपत के बीजेपी कार्यकर्ता तीजराम लाठिया, जयराम नगर के शिवानंद महाराज ने डॉ. बांधी को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष होने की बात कही। इसके साथ ही नए चेहरे को मस्तूरी से टिकट देने की मांग की।उधर अरूण साव के बंगले का घेराव कर जब पार्टी कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे, तब वह घर पर ही मौजूद थे। उन्होने पार्टी कार्यकर्ताओं के इस कृत्य पर जमकर नाराजगी जताई।अरुण साव ने साफ किया कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन पार्टी में अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी लोग अपनी बात रखें। लेकिन नारेबाजी (Candidates Names) करने वालों को आश्वस्त किया कि कार्यकर्ताओं की बातों को वे पार्टी के सामने रखेगी।