रायपुर, 14 अगस्त। CG Liquor Scam : छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को 28 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। ED की टीम ने आज दोनों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। ED ने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और अनिल टुटेजा को घोटाले का मास्टर माइंड बताया है।.
जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निर्देशालय ने दोनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ की है, लेकिन ED को कोई अहम जानकारी हाथ नहीं लगी। दोनों आरोपी रायपुर के सेंट्रल जेल में ही रहेंगे।
ED बोली थी- अनवर ढेबर के पास था आबकारी मंत्री का ‘पावर’
ED ने 3 दिन पहले प्रेस नोट जारी कर कहा था कि अनवर ढेबर वो ताकतवर व्यक्ति था, जो तत्कालीन IAS रहे अनिल टुटेजा के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट चलाता था। दोनों ने मिलकर पूरे घोटाले की साजिश रची।
अनिल टुटेजा के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अनवर आबकारी विभाग में अपने पसंदीदा अधिकारियों को नियुक्त करता था। इस तरह वह वास्तविक रूप से आबकारी विभाग का मंत्री बन गया था।
एपी त्रिपाठी की घोटाले में अहम भूमिका
ED के मुताबिक, जांच में यह खुलासा हुआ है कि, अरुणपति त्रिपाठी ने सरकारी शराब की दुकानों (जिसे पार्ट-बी कहा जाता है) के जरिए बेहिसाब शराब बिक्री की योजना को लागू करने में अहम भूमिका निभाई। उसने ही 15 जिले जहां अधिक शराब बिक्री होती थी और राजस्व आता था, उन जिलों के आबकारी अधिकारियों के साथ मीटिंग कर अवैध शराब बेचने के निर्देश दिए थे।
डुप्लीकेट होलोग्राम की व्यवस्था की : ED
ED ने अपने प्रेस नोट में बताया कि, एपी त्रिपाठी ने ही विधु गुप्ता के साथ डुप्लीकेट होलोग्राम की व्यवस्था की थी। शराब की बिक्री से आने वाले पैसों में एक निश्चित राशि अरुण पति त्रिपाठी (CG Liquor Scam) को दी जाती थी।
बता दें कि 25 सौ करोड़ के क़रीब हुए शराब घोटाले में दोनों मुख्य आरोपी हैं। नकली होलोग्राम और शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी की रिमांड आज बुधवार को समाप्त हो गई है।