Clerk Suicide Case: Big revelation in the suicide of clerk posted in Raipur Collector's Office...'Love affair' in the report sent to the commissioner...these things were written in the suicide noteClerk Suicide Case
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रायपुर, 26 नवंबर। Clerk Suicide Case : कलेक्टर कार्यालय राजस्व विभाग में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय की आत्महत्या मामले में पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रायपुर पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि प्रदीप ने प्रेम प्रसंग के चलते आत्महत्या की थी। पुलिस ने इस संबंध में जांच प्रतिवेदन कमिश्नर महादेव कावरे को सौंप दिया है।

रायपुर SSP संतोष सिंह ने बताया कि प्रेम प्रसंग चलते क्लर्क ने आत्महत्या की थी। पुलिस को जांच में अन्य लोगों के मोबाइल चैट से यह जानकारी मिली है कि प्रदीप उपाध्याय मानसिक तनाव में थे। हालांकि, मृतक के परिजनों ने जांच में पुलिस का सहयोग नहीं किया। पुलिस ने जांच प्रतिवेदन कमिश्नर को भेज दिया है।

प्रदीप उपाध्याय ने सुसाइड नोट में अधिकारियों पर लगाए थे गंभीर आरोप

बता दें कि क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले प्रदीप उपाध्याय ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने विभाग के 3 अधिकारियों तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र बहादुर सिंह और एडीएम देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद सर्व ब्राम्हण समाज ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया। वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाई थी। विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा था। इस मामले में जांच की जिम्मेदारी GAD ने संभाग आयुक्त महादेव कावरे को सौंपी थी।

सुसाइड नोट में लिखी ये बातें

मृतक प्रदीप उपाध्याय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है। उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी। मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था।’

मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व आपदा का काम सौंपा गया था। मुझे परेशान करने के लिए देवेंद्र पटेल तत्कालीन SDO रायपुर आज दिनांक में कलेक्ट्रेट रायपुर में ADM है। गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर के साथ मिलकर मुझे नजीर शाखा में अतिरिक्त कार्य सौंपा गया।’

‘मैं अपना काम निष्ठा से कर रहा था, लेकिन अधिकारियों तत्कालीन ADM गजेंद्र ठाकुर, तत्कालीन ADM वीरेंद्र बहादुर और SDO देवेंद्र पटेल ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया। हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई। जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि खराब की गई।’

‘लेकिन मेरी शिकायत प्राप्त नहीं होने पर देवेंद्र पटेल और गजेंद्र ठाकुर द्वारा भूमिका बनकर किसी नेता से तत्कालीन कलेक्टर को फोन कर शिकायत कराई गई। मुझे खरोरा ट्रांसफर कर दिया गया। देवेंद्र पटेल द्वारा किसी न किसी रूप से मुझे परेशान किया गया। मेरे खिलाफ बार-बार हर अधिकारी (Clerk Suicide Case) के पास मेरी बुराई की।’