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साबरकांठा, 10 अप्रैल। Crores Of GST Bill : जीएसटी और सीजीएसटी कर आमतौर पर आर्थिक दृष्टि से व्यापक आय वाले लोगों से वसूला जाता है, लेकिन इस बार आयकर विभाग ने गुजरात के साबरकांठा जिले के ईडर तहसील के एक शख्स को 36 करोड़ के बकाए के लिए नोटिस जारी कर दिया। नोटिस की रकम देख पूरे परिवार का रोना आ गया। गरीब परिवार यह सोचा कर व्याकुल हो उठा कि उसकी सैलरी मात्र 12 हजार को कैसे इतनी बड़ी रकम चुका पाएगा?

36 करोड़ का जारी हुआ नोटिस

दरअसल, जितेशभाई मकवाना साबरकांठा के इडर के रतनपुर गांव में अपने 5 सदस्यीय परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे थे और एक दिन अचानक आयकर विभाग ने उन्हें 36 करोड़ रुपये का नोटिस जारी कर दिया जिसे देख परिवार दंग रह गया।

जितेशभाई मकवाणा अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अहमदाबाद में एक निजी कंपनी में 12 हजार रुपए की नौकरी कर रहे (Crores Of GST Bill)हैं। जानकारी दे दें कि युवक को इंदिरा आवास का लाभ भी मिल चुका है, जिससे पता चल रहा कि वह कितना गरीब है।

पहले भी आ चुका है बकाया नोटिस

आयकर विभाग ने 2021-22 में करोड़ों रुपए बकाया का नोटिस जारी किया गया था, जिससे पूरा परिवार ऐसी स्थिति में था, अब फिर नोटिस आया है जिससे मानो परिवार पर आसमान टूट गया हो।

परिवार ने पुलिस विभाग सहित आयकर विभाग को इस मामले की सूचना दी, पर अधिकारियों ने युवक को पैसा भरने की बात कही जिस पर युवक अपने परिवार के साथ रोने पर मजबूर हो (Crores Of GST Bill)गया, आज भी 36 करोड़ की बकाया नोटिस देख परिवार बेहाल है।

महज 12 हजार कमाता है मजदूर

आम तौर पर आयकर विभाग पिछले वर्षों में देय कर का भुगतान न करने पर विभिन्न नोटिस जारी करता है और उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती है, हालांकि जितेशभाई मकवाना के पास वर्तमान में केवल 12 हजार की आमदनी हैं और बैंक में मात्र 12 रुपये का बैंक बैलेंस है।

इस कारण कि वे आज तक पिछले टैक्स की रकम जमा नहीं कर पाए हैं। जिसे लेकर स्थानीय लोगों सहित परिवार में हंगामा हुआ है, अब उन्हें एक साथ 36 करोड़ रुपये का भुगतान करने का नोटिस मिला (Crores Of GST Bill)है और जो परिवार के लिए वज्रपात बन चुका है।

छोटी-मोटी करता है मजदूरी

आमतौर पर गरीबी की जिंदगी जी रहा यह परिवार सुबह 200 रुपये से लेकर 350 रुपये तक की छोटी-मोटी मजदूरी करके अपना गुजारा कर रहा है, परिवार में विधवा मां, अपने पिता की छत्रछाया खो चुके जितेसभाई मकवाणा और एक बहन, पत्नी और दो बच्चे हैं जो छोटे मोटे काम कर अपने पूरे परिवार की आजीविका चला रहा है।

जितेशभाई मकवाना को 4 दिनों से आयकर विभाग द्वारा दिए गए नोटिस से उसके साथ-साथ उसकी मां, बहन और पत्नी की आंखें भी आंसू बहा रही हैं और परिवार सरकार सहित सरकारी तंत्र से उचित न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है। बहन भावनाबेन मकवाणा ने कहा भाई छोटी-मोटी मजदूरी करता है, हम इतनी बड़ी रकम कैसे चुकाएंगे।

जितेश ने कहा ये बात

वहीं, जितेश ने कहा कि मुझे 36 करोड़ की नोटिस आई है, जिसे लेकर मैं इनकम टैक्स ऑफिस गया, तो उन्होंने कहा पैसे भरने होंगे, फिर मैंने उन्हें बताया कि मेरी 12 हजार की कमाई है ये कैसे भर सकूंगा, तो उन्होंने कहा कि जीएसटी ऑफिस जाओ,

वहां भी उन्होंने पैसे भरने की बात कही और साइबर क्राइम जाने को कहा फिर उन्होंने कहा ये हमारे अंडर नहीं आता थाने जाओ। फिर थानें में कहा गया कि आप से पहले ही बता दिया ये हमारा काम नहीं है। अब मैं क्या करूं कहां जांऊ कुछ समझ नहीं आ रहा।    

लोग कर रहे सरकारी तंत्र से सवाल

अब लोग सवाल कर रहे कि इंदिरा गांधी आवास का लाभार्थी जो साधारण आय पर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है उसे करोड़ों रुपए का नोटिस जारी किया गया है, आयकर विभाग द्वारा दिया गया यह नोटिस कहां तक ​​वाजिब है, इस परिवार को न्याय कब मिलेगा कहां मिलेगा यह देखने वाली बात होगी?