नई दिल्ली , 02 मार्च। Election Commission Advice : लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को विशेष सलाह जारी की। आयोग ने राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से कहाकि वे जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगने से परहेज करें। साथ ही भक्त और भगवान के बीच के संबंधों का उपहास नहीं उड़ाएं अथवा दैवीय प्रकोप का हवाला नहीं दें। आयोग ने कहाकि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ ‘नैतिक भर्त्सना’ के बजाय कठोर कार्रवाई की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
लोकसभा चुनाव एवं चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से कुछ दिनों पहले यह परामर्श जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले नोटिस मिला है, उन्हें आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हाल में इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक दलों को ऐसे नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देना चाहिए, जो विभाजन के बजाय प्रेरणा देता हो, व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा देता हो।
आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि इस परामर्श ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब औपचारिक रूप से नैतिक राजनीतिक विमर्श के लिए मंच तैयार कर दिया है और 2024 के आम चुनावों में अव्यवस्था की आशंका पर अंकुश लगाया है। उनका यह भी कहना है कि चुनाव आचार संहिता के लिए उल्लंघन को लेकर व्यवस्थित दृष्टिकोण ने सभ्य चुनावी अभियान के लिए जमीन तैयार की है। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में शिष्टाचार बनाए रखने और स्टार प्रचारकों एवं उम्मीदवारों, खासकर उन लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी की चेतावनी दी है जिन्हें अतीत में नोटिस जारी किए गए थे। उसने चुनाव अभियान के स्तर को मुद्दों पर आधारित बहस तक ले जाने का विभिन्न राजनीतिक दलों से आह्वान किया और कहा कि राजनीतिक दलों तथा उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देना चाहिए या मतदाताओं को गुमराह नहीं करना चाहिए।
परामर्श में सोशल मीडिया गतिविधियों को भी शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने या उनका अपमान करनी वाली तथा गरिमा पर चोट करने वाली पोस्ट नहीं किए जाने चाहिए या ऐसी सामाग्री साझा नहीं की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से ऐसे किसी भी कार्य या कदम अथवा कथन से परहेज करने को कहा है जिसे महिलाओं के सम्मान और गरिमा के प्रतिकूल माना जा सकता है। उसने पार्टियों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को चेतावनी देते हुए उन्हें मीडिया में असत्यापित और भ्रामक विज्ञापन देने से बचने के लिए कहा है। परामर्श में यह भी कहा गया है कि खबर के रूप में विज्ञापन भी जारी नहीं किए जाने चाहिए। आयोग ने पिछले चुनावों के दौरान प्रकाश में आए आचार संहिता के परोक्ष उल्लंघन (Election Commission Advice) के कुछ मामलों का भी उल्लेख किया।