Election Manifesto: Only Rs 34 crore assets should be mentioned in the election manifesto... Rs 210 crore cash found... Now this MLA is in a bad situation.Election Manifesto
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नई दिल्ली, 08 दिसंबर। Election Manifesto : अलमारियों में ठूंस-ठूंस कर नोटों के बंडल, जिसमें अधिकतर 500 रुपये की गड्डियां, कुछ 200 रुपये की गड्डियां भी नजर आती हैं। पहली नजर में तो लगता है कि किसी बैंक की तस्वीर है, लेकिन जब तस्वीर के पीछे की कहानी सामने आती हैं तो हर कोई हैरान हो जाता है। ये नोटों के बंडल कांग्रेसी सांसद के ठिकानों से बरामद हुई है।

दरअसल झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में पिछले तीन दिन से आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है। ये कार्रवाई कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर चल रही है। अब तक जांच एजेंसियों की इस कार्रवाई में करीब 210 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मिल चुकी है और अभी भी कार्रवाई जारी है। पता चला है कि 30 आलमारियों में नोटों के बंडल ऐसे ही मिले हैं।

रुपए से भरा 150 बैग SBI की मुख्य शाखा लाया गया

नोटों की गिनती में 30 से अधिक बैंक कर्मी लगे हुए हैं. नोट गिनने के लिए आठ से अधिक मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। नोटों से भरे करीब 150 बैग बोलांगीर में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में ले जाए जा चुके हैं। छापेमारी में 210 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई है। ये इतनी बड़ी खेप है, इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि इसे गिनने वाली मशीन फूंक गई थी, जिसके बाद हैदराबाद और भुवनेश्वर से नोट गिनने वाली बड़ी मशीनें मंगाई गई हैं।

दरअसल ये कार्रवाई शराब से जुड़े कारोबार में टैक्स चोरी की आशंका में शुरू हुई थी। जिसमें आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के आरोप में शराब कारोबार से जुड़ी कंपनी समूह के ठिकानों पर छापे शुरू किए थे। जिसमें बौद्ध डिस्टीलरी प्राइवेट लिमिटेड, बलदेव साहू इन्फ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बिवरेज लिमिटेड नाम की कंपनियां शामिल हैं। इसमें एक कंपनी बलदेव साहू इन्फ्रा फ्लाई ऐश ईंटों का काम करती है, बाकी कंपनियां शराब कारोबार से जुडी हैं। इनकी टैक्स चोरी के शक में जांच एजेंसी ने झारखंड के रांची और लोहरदगा के अलावा ओडिशा के बलांगीर, संबलपुर, रायडीह इलाकों में कार्रवाई शुरू की थी।

शराब कारोबार है धीरज साहू का परिवार

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से जुडे़ ठिकानों पर ये छापेमारी हो रही है. बौद्ध डिस्टिलरी राज्यसभा सांसद धीरज साहू के परिवार की कंपनी है. धीरज साहू का परिवार शराब व्यवसाय से जुड़ा है। उनकी ओडिशा में शराब बनाने की कई फैक्ट्रियां हैं। 

इस मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है, बीजेपी कांग्रेस को घेरने में जुट गई है। दरअसल धीरज प्रसाद साहू राजनीति में भी बड़ा नाम है। धीरज साहू तीसरी राज्यसभा सांसद बने हैं। इसके अलावा वे चतरा लोकसभा सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। पहली बार धीरज साहू साल 2009 में हुए उपचुनाव में राज्यसभा सांसद बने थे। उसके बाद फिर 2010 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे।

धीरज साहू की घोषित संपत्ति 

अगर घोषित संपत्ति की बात करें तो साल 2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान धीरज प्रसाद साहू ने जो शपथ पत्र चुनाव आयोग को दिया था, उसमें अपनी संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी। उन्होंने खुद पर 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी घोषित किया था।जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न में उन्होंने अपनी आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी। 

कांग्रेसी सांसद धीरज प्रसाद साहू का परिवार शराब कारोबार से जुड़ा है। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से झारखंड के लोहरदगा जिले की है। इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देशी शराब बनानी शुरू की थी। कंपनी की बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) की साझेदारी फर्म है। इसी कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड (Election Manifesto) भी है।

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