Exit Polls: 8 big signals emerged from the survey of 5 states...! Will Congress be able to defeat BJP in this category? See the exit poll releasedExit Polls
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नई दिल्ली, 02 दिसंबर। Exit Polls : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से चार के नतीजे आने में अब 36 घंटे से भी कम का समय बचा है। यानी मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के नतीजे 3 दिसंबर को आ जाएंगे। पहले मिजोरम के नतीजे भी इसी दिन आने थे, लेकिन शुक्रवार को चुनाव आयोग घोषणा कर दी कि इस राज्य के नतीजे 4 दिसंबर को जारी होंगे।

नतीजों से पहले गुरुवार को एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। इसके साथ ही सवाल उठने लगा है कि क्या पांच राज्यों के एग्जिट पोल में 2024 के लोकसभा चुनाव का रुझान समझा-देखा जा सकता है? दरअसल, पांच राज्यों में तीन राज्य मध्य और पश्चिम भारत के हैं, जहां हिंदी प्रमुखता से बोली जाती है। एक राज्य दक्षिण का है और एक राज्य पूर्वोत्तर का।

देश के बड़े हिस्से का एक सैंपल

इन पांच राज्यों में जहां 83 लोकसभा सीट आती हैं, उनमें बीजेपी का वोट प्रमुखता से बढ़ रहा है।
कर्नाटक, हिमाचल जीतने के बाद तीन और राज्यों में कांग्रेस बढ़त बनाकर सरकार भी बना सकती है. कांग्रेस टक्कर में बनी हुई है।
जाति गणना-ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष बीजेपी को घेरता नजर नहीं आ रहा है।
नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर वोट देना प्राथमिकता बना हुआ है।
महिला वोटर पर और ज्यादा पकड़ बीजेपी की मजबूत हो रही है।
पसंद की पार्टी के तौर पर प्राथमिकता तय करके वोट देना, कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी के वोटर की ज्यादा है।
वोटर चुनावी वादों को इस्तेमाल करके भरोसा करके वोट देने में विश्वास करने लगा है।
तेलंगाना में बीजेपी की सीट बढ़ी है, यानी दक्षिण में कर्नाटक गंवाने के बाद तेलंगाना में बीजेपी का वोट बढ़ रहा है।

2024 का ट्रेलर समझने के लिए 2018 के नतीजे जरूरी

2023 के एग्जिट पोल में 2024 का ट्रेलर समझने के लिए 2018 के नतीजों को भी समझना जरूरी है। 2018 में मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने शपथ ली, जिनकी सरकार 2020 तक चल पाई. 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत कांग्रेस के सीएम बने। 2018 में छत्तीसगढ़ में भी सरकार कांग्रेस की बनी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बने। 2018 में तेलंगाना में बीआरएस जीती थी तो मिजोरम में कांग्रेस की हार के साथ पूर्वोत्तर से देश की सबसे बड़ी पुरानी पार्टी की विदाई हो गई थी।

हालांकि 2018 के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बावजूद बीजेपी ने 5 महीने के भीतर 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में से 28, राजस्थान की सभी 25 और छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा में 9 लोकसभा सीट बीजेपी (एनडीए) ने जीतीं। 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ एक सीट जीत पाई, लेकिन 5 महीने के भीतर 2019 लोकसभा चुनाव में 17 में से 4 लोकसभा सीट तेलंगाना में जीत ली गईं।

2018 में पांच राज्यों में विधानसभा के सेमीफाइनल में तीन राज्य में सरकार गंवाने के बावजूद बीजेपी 2019 में उन्हीं पांच राज्यों की 83 में से 65 लोकसभा सीट जीतती है। यानी 78 फीसदी सीट पर सीधा कब्जा.

2023 के एग्जिट पोल में 2024 का रुझान कैसे?

2023 के अंतिम महीने में पांच राज्यों के एग्जिट पोल में 2024 का रुझान क्या है? यही समझने की जरूरत है। दरअसल, 2024 का चुनाव जब होगा तो सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा? अगर पिछले दो से ढाई महीने की राजनीति पर नजर डालें तो ओबीसी यानी पिछड़ों का वोट और जाति गणना की देश में मांग। यही वो मुद्दा है, जिसके सहारे कांग्रेस और पूरा विपक्ष बीजेपी को घेरना चाहता है, लेकिन क्या पांच राज्यों के एग्जिट पोल में ऐसा लगता है कि पिछड़ों के वोट पर बीजेपी घिर सकती है?

ओबीसी वोट को लेकर पांच राज्यों के Exit Polls की बड़ी बातें समझें

ओबीसी वोट में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ता नजर आ रहा है।

फिलहाल जाति गणना और ओबीसी को आबादी मुताबिक हिस्सेदारी के मुद्दे पर कांग्रेस जनता के सामने बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने में फेल रही है।

ओबीसी वोट बीजेपी का अभी के बड़े चुनावी राज्यों में ना घटने का सीधा सा मतलब है कि पिछड़े वर्ग से आने वाले प्रधानमंत्री, पिछड़ों को विधायक और सांसद का ज्यादा टिकट देने का संदेश बीजेपी मतदाता तक पहुंचाने में कामयाब है।

पिछड़े वर्ग के पुरुष जितना वोट बीजेपी को तीन बड़े चुनावी राज्यों में एग्जिट पोल में देते नजर आए हैं, उनसे ज्यादा पिछड़े वर्ग की महिलाएं बीजेपी को वोट दे सकती हैं।

2023 के पांच राज्यों के एग्जिट पोल से 2024 के रुझान में पहला संकेत मिलता है कि फिलहाल आबादी मुताबिक हिस्सेदारी और जाति गणना के सियासी जाल में विपक्ष बीजेपी को नहीं फंसा पाया है।

ओबीसी वोट में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा

राजस्थान का Exit Polls कहता है कि ओबीसी के किसी भी वर्ग में बीजेपी को कांग्रेस पीछे नहीं कर पाई। ओबीसी के ज्यादातर वर्ग में बीजेपी का वोट शेयर घटा नहीं बल्कि बढ़ा ही है। ओबीसी के अलग-अलग वर्ग में कांग्रेस से 4 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक की बढ़त बीजेपी के पास है। जिस माली ओबीसी वर्ग से खुद मुख्यमंत्री गहलोत आते हैं, उनके वर्ग ने भी बीजेपी को ज्यादा वोट दिया है।

वहीं छत्तीसगढ़ में भी ओबीसी के हर वर्ग ने बीजेपी को ही ज्यादा वोट किया है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी के हर वर्ग में बीजेपी का वोट कांग्रेस से ज्यादा ही नहीं बल्कि पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा भी है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी के हर वर्ग में बीजेपी ने कांग्रेस पर 7 फीसदी से लेकर 31 फीसदी तक की बढ़त बना रखी है। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को पिछड़ा वोट लेने में आगे नहीं होने दिया है।

देश में जब पांच राज्यों के एग्जिट पोल गुरुवार को आने वाले थे। तब दिन में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार कैटेगिरियों में अपना लक्ष्य तय कर दिया। ये हैं-
-गरीब
-महिला
-युवा
-किसान

क्या कहता है इन चार कैटेगिरी के एग्जिट पोल

मध्य प्रदेश का Exit Polls कहता है कि मजदूर वर्ग का सबसे ज्यादा 45 फीसदी वोट बीजेपी पा सकती है। महीने के सिर्फ 10 हजार रुपए तक कमा पाने वर्ग का भी सबसे अधिक 48 फीसदी वोट बीजेपी पा सकती है। राजस्थान में मजदूर वर्ग का सबसे ज्यादा 49 फीसदी औऱ 10 हजार की महीने की कमाई तक वालों का 44 फीसदी वोट लेकर बीजेपी आगे है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी 42-42 फीसदी वोट लेकर कांग्रेस से आगे है। यानी गरीबों का वोट लेने में तीन बड़े राज्यों में बीजेपी आगे है।