भोपाल, 18 दिसंबर। Financial Challenge : मध्य प्रदेश में नई सरकार के खजाने पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। वित्तीय चुनौती के बीच राज्य सरकार पर 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है।
हालांकि, राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसी है कि वह अभी भी 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है, लेकिन कोशिश यही होगा कि अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने की होगी। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि राजस्व वसूली का निर्धारित लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाये।
इस बीच नई सरकार ने 38 विभागों की योजनाओं पर वित्तीय रोक लगा दी है। वित्त विभाग ने विभागों की योजनाओं में राशि खर्च करने पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें नगरीय प्रशासन विभाग की महाकाल परिसर विकास योजना, मेट्रो ट्रेन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा संचालित तीर्थ दर्शन योजना भी शामिल है। इसके अलावा अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि देने की योजना भी समाप्त कर दी गयी है।
इन योजनाओं पर रोक
गृह विभाग के अंतर्गत थानों के सुदृढ़ीकरण, परिवहन विभाग की ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, खेल विभाग के खेलो इंडिया एमपी, सहकारिता विभाग की मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना, लोक निर्माण विभाग की विभागीय संपत्तियों के संधारण, स्कूल शिक्षा विभाग की नि:शुल्क पाठ्य सामग्री के प्रदाय, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटाप प्रदाय, एनसीसी के विकास एवं सुदृढीकरण, जनजातीय कार्य विभाग टंट्या भील मंदिर के जीणोद्धार, उच्च शिक्षा विभाग की योजना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नए आईटी पार्क की स्थापना, विमानन विभाग की भू- अर्जन के लिए मुआवजा, ग्रामीण विकास विभाग की पीएम सड़क योजना में निर्मित सड़कों का नवीनीकरण और महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण सहित अन्य योजनाओं में व्यय बिना वित्त विभाग की अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। मध्य प्रदेश के अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी।
अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि योजना बंद
नई राज्य सरकार (Financial Challenge) ने 9 साल पहले शिवराज सरकार के समय बनाई योजना, जिसमें अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनकी दुर्घटना में मृत्यु पर तीन हजार रुपये अंत्येष्टि सहायता एवं एक लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का प्रविधान था, इसे भी बंद कर दिया है। 13 जनवरी 2017 में इस योजना में बदलाव कर प्रविधान किया गया था कि दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रुपये एवं दुर्घटना में स्थाई अपंगता आने पर दो लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। अब यह योजना पूरी तरह बंद कर दी गई है।