पुणे, 09 अप्रैल। Hospital Not Admit Pregnant Woman : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि का भुगतान नहीं करने के कारण पुणे के एक अस्पताल द्वारा गर्भवती महिला को भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने की घटना की जांच के लिए पुणे में तैनात धर्मार्थ विभाग के संयुक्त आयुक्त के नेतृत्व में एक समिति गठित करने का आदेश दिया है।
इस मुद्दे को एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमित गोरखे ने उठाया था और एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि उनके निजी सहायक की पत्नी तनीषा भिसे को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया, जिसके बाद उन्हें दूसरे अस्पताल में ले जाया गया जहां जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद महिला की मौत हो गई|
सीएम फडणवीस ने समिति गठित करने का दिया आदेश
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करने से इनकार किए जाने के बाद एक महिला की मौत की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने घटना की जांच के लिए पुणे में तैनात धर्मार्थ विभाग के संयुक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच समिति के गठन का आदेश दिया है।’’
इसमें कहा गया है कि जांच समिति का नेतृत्व पुणे में तैनात धर्मार्थ विभाग के संयुक्त आयुक्त करेंगे और इसमें उप सचिव यमुना जाधव, धर्मार्थ अस्पताल सहायता प्रकोष्ठ के उप प्रमुख के प्रतिनिधि और प्रकोष्ठ के अधिकारी, मुख्यमंत्री सचिवालय और सर जे.जे.अस्पताल समूह मुंबई के अधीक्षक, विधि एवं न्याय विभाग के उप सचिव/अवर सचिव इस जांच समिति के सदस्य सचिव होंगे।’’
अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा
इस बीच, दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने अपनी आंतरिक जांच रिपोर्ट में कहा है कि 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि का भुगतान न करने पर गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार करने के आरोप ‘भ्रामक’ हैं और उसके परिजन द्वारा ये आरोप ‘निराशा में’ लगाए गए (Hospital Not Admit Pregnant Woman)हैं।
इसमें कहा गया है कि महिला की गर्भावस्था उच्च जोखिम वाली श्रेणी में थी और उसके सात महीने के कम वजन वाले दो भ्रूणों तथा पुरानी बीमारियों के इतिहास के कारण कम से कम दो महीने तक नवजात को गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में उपचार की आवश्यकता थी। इसमें कहा गया है कि उपचार के लिए 10 से 20 लाख रुपये की आवश्यकता थी और परिवार को सलाह दी गई थी कि धन की कमी की स्थिति में वे मरीज को जटिल सर्जरी के लिए सरकारी ससून जनरल अस्पताल में भर्ती करा सकते हैं।
अस्पताल ने बनाई चार सदस्यीय समिति
इन आरोपों के मद्देनजर, अस्पताल ने चार सदस्यीय समिति द्वारा जांच कराई, जिसमें डॉ.धनंजय केलकर (चिकित्सा निदेशक), डॉ.अनुजा जोशी (चिकित्सा अधीक्षक), डॉ.समीर जोग (गहन चिकित्सा इकाई के प्रभारी) और डॉ.सचिन व्यवहारे (प्रशासक) शामिल थे।
समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में दावा किया कि जब महिला के रिश्तेदारों ने डॉ.केलकर से संपर्क किया तो उन्होंने उनको जितना हो सके उतनी राशि का भुगतान करने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने सलाह नहीं मानी। गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार के मामले में अजित पवार व बावनकुले ने कार्रवाई का वादा किया।
अजित पवार ने कही ये बात
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि का भुगतान न किए जाने पर अस्पताल में भर्ती न किए जाने के कारण एक गर्भवती महिला की मौत के मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा। पवार ने कहा कि घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए(Hospital Not Admit Pregnant Woman) हैं। पुणे के जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने कहा कि जिला सिविल सर्जन को इस घटना के संबंध में दो दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
यह कथित घटना दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में 28 मार्च को हुई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमित गोरखे के निजी सहायक की पत्नी तनीषा भिसे की दूसरे अस्पताल में जुड़वां लड़कियों को जन्म देने के बाद मौत हो गई थी।
चंद्रशेखर बावनकुले बोले- सीएम और डिप्टी सीएम ने इसे गंभीरता से लिया
पुणे जिले के संरक्षक मंत्री पवार ने एक बयान में कहा, ‘‘विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक समिति द्वारा घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। मैंने जिलाधिकारी से बात की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जांच में तेजी लाई जाए और यह पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से की जाए। उन्होंने बताया कि अस्पताल ने इस घटना के संबंध में अपना बयान दर्ज करवा दिया है और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
पवार ने कहा, ‘‘सरकार इस घटना से आक्रोशित लोगों की भावनाओं को समझती है और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दी (Hospital Not Admit Pregnant Woman)जाएगी। नागरिकों को संयम बरतना चाहिए और सरकार का सहयोग करना चाहिए।’’ मंत्री और भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है