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नई दिल्ली, 02 अगस्त। Housing Allotted to Ministers : मोदी सरकार के नए मंत्रियों के लिए सरकारी आवास का आवंटन हो गया है। एक को छोड़ बाकी सभी नए कैबिनेट मंत्रियों को टाइप-8 आठ का बंगला दिया गया है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और मौजूदा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अब बारह सफदरजंग रोड पर रहेंगे, जबकि मनोहर लाल खट्टर तीन कृष्णा मेनन मार्ग पर रहेंगे।

देखें किस मंत्री को कहां मिला आवास

-शिवराज सिंह चौहान बारह सफ़दरजंग रोड पर रहेंगे।

  • मनोहर लाल को 3 कृष्णा मेनन मार्ग पर रहेंगे।
  • लल्लन सिंह को 9 त्यागराज मार्ग पर रहेंगे।
  • के राममोहन नायडू को अनुराग ठाकुर का घर 22 अकबर रोड मिला।
  • जीतन राम मांझी 7-B जनपथ पर रहेंगे।
  • एच डी कुमारस्वामी 6 कुशक रोड पर रहेंगे।
  • चिराग पासवान एक सुनहरी बाग रोड पर रहेंगे।
  • सी आर पाटिल को दो सफदरजंग लेन का टाइप- 6 का बंगला दिया गया।
  • जयंत चौधरी को टाइप-8 का बंगला 25 तुगलक रोड दिया गया।
  • राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रताप राव जाधव को भी टाइप-8 का बंगला 23 अशोक रोड दिया गया।

लोकसभा पूल में कुल 517 घर

लोकसभा पूल में कुल 517 घर हैं जिनमें टाइप-आठ बंगलों से लेकर छोटे फ्लैट तक हैं। हॉस्टल भी हैं। बंगला अलॉट करने संबंधित सभी फैसले हाउस कमेटी लेती है। उन्हें विभिन्न श्रेणियों में उपलब्ध फ्लैटों और इनके लिए मिले आवेदनों की संख्या के आधार पर फैसला लेना होता है। लोकसभा पूल के लिए उपलब्ध रिहाइशी ठिकानों में 159 बंगले, 37 ट्विन फ्लैट, 193 सिंगल फ्लैट, 96 बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट और 32 इकाइयां सिंगुलर रेगुलर ठिकानों की हैं। ये सारे आवास सेंट्रल दिल्ली के नार्थ एवेन्यू, साउथ एवेन्यू, मीना बाग, बिशम्बर दास मार्ग, बाबा खड़क सिंह मार्ग, तिलक लेन और विट्ठल भाई पटेल हाउस में हैं।

टाइप 8 बंगला

टाइप 8 बंगला, सबसे उच्च श्रेणी का माना जाता है। यह लगभग तीन एकड़ (थोड़ा कम-ज्यादा भी) का होता है। इन बंगलों की मुख्य बिल्डिंग में 8 कमरे (5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 बड़ा डाइनिंग रूम और एक स्टडी रूम) होते हैं। इसके अलावा कैम्पस में एक बैठकखाना और बैकसाइड (कैम्पस के अंदर ) में एक सर्वेन्ट क्वार्टर भी होता है। आम तौर पर टाइप 8 बंगला कैबिनेट मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, पूर्व प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति (अथवा इनके जीवित पत्नी/पति) और वरिष्ठतम नेताओं को आवंटित किया जाता है। टाइप 8 बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, कृष्णमेनन मार्ग, अकबर रोड, सफदरजंग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर हैं।

टाइप 7 बंगला

टाइप 7 बंगला का रकबा एक से डेढ़ एकड़ के बीच होता है। इसमें टाइप 8 बंगलों की तुलना में एक बेडरूम कम ( 4 बेडरूम) होता है। ऐसे बंगले अशोका रोड, लोधी इस्टेट, कुशक रोड, कैनिंग लेन, तुगलक लेन आदि में हैं। इस प्रकार के बंगले अक्सर राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों, कम से कम पांच मर्तबा सांसद रहे व्यक्तियों को आवंटित होता है। राहुल गांधी जिस तुगलक लेन के बंगले में रहते हैं, वह टाइप 7 ही है।

नए सांसदों को मिलता है टाइप-5 बंगला

पहली बार सांसद बनने वाले लोगों को आम तौर पर टाइप-5 आवास मिलता है। हालांकि नई शर्तों के मुताबिक, उन्हें टाइप-6 आवास भी मिल सकता है। इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें तय करनी पड़ती है। इनमें पहले विधायक या राज्य सरकार में मंत्री बनने की शर्तें शामिल हैं। टाइप फाइव निवास में चार श्रेणियां हैं। टाइप फाइव (ए) के तहत एक ड्राइंग रूम और एक बेडरूम सेट आवंटित किया जाता है। वहीं टाइप फाइव (बी) में एक ड्राइंग रूम और दो बेडरूम सेट मिलता है। जबकि टाइप फाइव (सी) में ड्राइंग रूम और तीन बेडरूम सेट दिया जाता है। वहीं टाइप फाइव (डी) में ड्राइंग रूम और चार बेडरूम सेट मिलता है।

किराए को लेकर क्या है नियम?

सांसदों को रहने के लिए केंद्र सरकार आवास मुहैया कराती है। अगर किसी सांसद को घर आवंटित नहीं किया गया है और वो दिल्ली आकर किसी होटल में ठहरते हैं तो उसका किराया भी सरकार की तरफ से दिया जाता है। अगर कोई पूर्व सांसद किसी सरकारी आवास में रह रहे होते हैं तो फिर उन्हें मार्केट रेट के हिसाब से किराया चुकाना होता है। इतना ही नहीं सांसदों को फ्लैट्स और बंगले के रखरखाव के लिए भत्ता भी दिया जाता है। अगर खर्च 30 हजार से ज्यादा हुआ है तो फिर शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से फंड अप्रूव किया जाता है। वहीं 30 हजार तक के खर्च का अप्रूवल हाउस कमिटी कर सकती है।