सीतापुर, 11 अप्रैल। Journalist Murder : सीतापुर जिले के महोली कस्बे में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की दिनदहाड़े हुई हत्या का पुलिस ने 33 दिन बाद खुलासा तो कर दिया, लेकिन खुलासे के साथ ही नए सवाल भी खड़े हो गए हैं। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, राघवेंद्र की हत्या इलाके के एक बाबा शिवानंद द्वारा करवाई गई, क्योंकि पत्रकार ने उसे अपने चेले के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इसी बात को लेकर पत्रकार को ब्लैकमेल किए जाने का डर बाबा को सताने लगा और उसने हत्या की साजिश रच दी, लेकिन अब राघवेंद्र की पत्नी और मां ने पुलिस की इस विवेचना पर ही सवाल उठाते हुए पुलिस थ्योरी को संदिग्ध बता दिया है।

पुलिस ने जारी किया आरोपी बाबा का ‘स्वीकारोक्ति वीडियो’
पुलिस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे हत्याकांड का खुलासा किया और आरोपी बाबा शिवानंद उर्फ विकास राठौड़ सहित दो अन्य सहयोगियों- निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की जानकारी दी। पुलिस ने दावा किया कि बाकी दो शूटरों की तलाश के लिए एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की 10 टीमें नोएडा और अन्य इलाकों में लगी हुई हैं।
लेकिन इस खुलासे के कुछ घंटों बाद ही राघवेंद्र की पत्नी रश्मि और मां रजनी ने एक वीडियो जारी कर पुलिस की जांच को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले पुलिस ने मृतक पर ‘कुकर्म’ का आरोप लगाया और अब उसे हटाकर ‘ब्लैकमेलिंग’ का एंगल सामने ला रही है, जो बेहद असंगत और असंतोषजनक है। परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक हत्या की सच्ची वजह समझ नहीं आ रही। जवाब में पुलिस ने आरोपी बाबा शिवानंद का एक वीडियो जारी किया जिसमें वह अपने जुर्म को स्वीकार करता दिख रहा है। हालांकि यह बयान पुलिस कस्टडी में रिकॉर्ड किया गया है, जिसका कानूनी रूप से सीमित महत्व होता है।
हत्या की कहानी – पुलिस की जुबानी
एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि बाबा शिवानंद महोली के कार्यदेव मंदिर में फर्जी नाम से पुजारी बनकर रह रहा था। वह मूल रूप से सीतापुर के रामकोट थाना क्षेत्र का रहने वाला विकास राठौड़ है, लेकिन खुद को ‘शिवानंद बाबा’ के नाम से प्रचारित करता था। पुलिस के मुताबिक, फरवरी के पहले हफ्ते में पत्रकार राघवेंद्र ने बाबा को एक नाबालिग के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था। इसके बाद उसे डर सताने लगा कि कहीं उसकी पोल न खुल जाए।
एसपी के अनुसार, बाबा ने 4 लाख रुपये में दो अपराधियों निर्मल सिंह और असलम गाजी के जरिए हत्या की साजिश रची और इन लोगों ने दो प्रोफेशनल शूटरों से संपर्क कर घटना को अंजाम दिलवाया। पुलिस का दावा है कि 8 मार्च को राघवेंद्र को बहाने से बुलाया गया और फिर हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद शिवानंद ने एक होटल में रात बिताई और अपने साथी के साथ समलैंगिक संबंध भी बनाए। पुलिस का कहना है कि आरोपी तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास का सहारा लेकर भोले-भाले लोगों को ठगता था। उसके पास से नकली सिक्के, सोने-चांदी के सामान, और दो मोबाइल बरामद हुए हैं।
असली शूटरों की तलाश
हालांकि पुलिस तीन लोगों की गिरफ्तारी और जांच में जुटी टीमों की मेहनत को सफलता मान रही है, लेकिन परिवार की ओर से उठे सवाल इस केस को और पेचीदा बना रहे हैं। राघवेंद्र की पत्नी और मां का साफ कहना है कि उन्हें इस पूरे खुलासे पर भरोसा नहीं है। उनका आरोप है कि असली कारणों को छिपाया जा रहा है और पुलिस मनमानी विवेचना कर रही है। लोगों में भी चर्चा है कि जब तक असली शूटर पकड़े नहीं जाते और हत्या की पूरी कड़ियां नहीं जुड़तीं, तब तक यह मामला केवल सवालों और जवाबों में ही उलझा रहेगा।