महाराजगंज, 15 फ़रवरी। Nishad Party Leader : उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के पनियरा निवासी और निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें प्रदेश सरकार के एक मंत्री और उनके बेटों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने पोस्ट में दावा किया कि उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश हो रही थी, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया।
फेसबुक पोस्ट में लगाए गंभीर आरोप
धर्मात्मा निषाद ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उन्होंने निषाद समाज के हितों के लिए लगातार संघर्ष किया और प्रदेश के 40 से अधिक जिलों में संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से मंत्री और उनके परिवार के सदस्य असहज महसूस करने लगे, जिसके चलते उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जाने लगा।
उन्होंने लिखा, “मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया। यह मेरा आखिरी (Nishad Party Leader) संदेश है। मैंने हमेशा समाज के दबे-कुचले लोगों की मदद की और उनकी आवाज को बुलंद किया, लेकिन मुझे झूठे मुकदमों में फंसाया गया, जेल भेजा गया और मेरे ही करीबी लोगों को मेरे खिलाफ भड़काया गया। इस अन्याय से तंग आकर अब मैं आत्महत्या कर रहा हूं।”
धर्मात्मा निषाद ने मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों पर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने, उनके साथियों को भड़काने और फर्जी मुकदमे दर्ज करवाने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें दो वर्षों से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।
परिवार और समर्थकों में शोक की लहर
धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या की खबर से उनके परिवार, समर्थकों और निषाद समाज में शोक की लहर दौड़ गई। उनके परिवार ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। उनकी पत्नी, माता-पिता और अन्य परिजन इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उनके समर्थकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। समाज के विभिन्न वर्गों से भी इस मामले को लेकर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
समाज के लिए अंतिम अपील
धर्मात्मा निषाद ने अपने फेसबुक पोस्ट के अंत में निषाद समाज से अपील की कि वे उनके परिवार का ध्यान रखें और उनके संघर्ष को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा, मैं समाज के लिए हमेशा लड़ा और आगे भी चाहता हूं कि मेरे साथी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहें। मैं इस दुनिया से जा रहा हूं, तो इसका सबसे बड़ा कारण डॉ संजय कुमार निषाद और उनके बेटे प्रवीण कुमार निषाद और श्रवण कुमार निषाद और मेरे दुष्ट गद्दार दोस्त जय प्रकाश निषाद हैं।
मैं फिर कह रहा हूं कि अगर मैं मारना चाहता तो इन गद्दारों (Nishad Party Leader) को कभी भी मार सकता था, लेकिन मैं हत्यारा नहीं बनना चाहता था। अगर मैंने अपने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में जाने अनजाने में किसी से कोई गलती की है तो आप लोग मुझे माफ कर देना और मेरे परिवार का ख्याल रखना। मुझे माफ करना मां, अंजली, भैया और दीदी।
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