नई दिल्ली। मुंबई में रहने वाली 22 साल की इस लड़की ने बताया कि ब्वॉयफ्रेंड से दो साल पहले ब्रेकअप होने के बावजूद उन दोनों के बीच फिजिकल रिलेशन थे। लड़की ने बताया, प्रेग्नेंट होने से कुछ महीने पहले ही मैंने एक कंपनी में इंटर्नशिप शुरू की थी।
मैं अपनी लाइफ और नई नौकरी में काफी खुश थी लेकिन एक दिन मुझे एहसास हुआ कि मेरा वजन बढ़ रहा है लेकिन मैंने इस पर यह सोचकर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि शायद यह सब खुशी की वजह से है, पर मैं गलत थी। मेरे पीरियड्स 10 दिन लेट थे। जिसके बाद मैंने प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का फैसला लिया।
प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के बाद जो रिजल्ट सामने आया उससे में काफी ज्यादा दुविधा में पड़ गई क्योंकि ऐसा पहले कभी भी नहीं हुआ था। प्रेग्नेंसी टेस्ट किट में दो लाइंस आई लेकिन मुझे यकीन था कि मैं प्रेग्नेट नहीं थी।
मैंने कुछ दिनों तक और इंतजार किया क्योंकि पीरियड्स का लेट होना काफी आम होता है। चार दिनों के बाद, मेरे जन्मदिन वाले दिन, मैंने एक बार फिर टेस्ट किया और मैं प्रेग्नेंट थी।
लड़की ने कहा, मैंने ये टेस्ट सुबह 3.30 बजे किया. टेस्ट करने के बाद में सो गई और फिर काम करने के लिए अपने टाइम पर उठी। काम पर जाने से पहले मैं डॉक्टर के पास गई।
वहां जाकर मैंने अपना ब्लड टेस्ट करवाया और फिर ऑफिस के लिए निकल गई। इसके बाद मैंने अपना अल्ट्रासाउंड करवाया और इस बात का पता चला कि मेरी प्रेग्नेंसी को 6 से 7 हफ्ते हो चुके हैं। मैंने एक अबॉर्शन पिल खरीदी और खा ली। अबॉर्शन पिल खाने के बाद मुझे काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ा।
दवाई खाने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरे शरीर को अंदर से चीर रहा था। इस तरह के दर्द का एहसास मुझे पहले कभी भी नहीं हुआ था।
दवाई खाने के कुछ दिनों के बाद मैंने फिर से सोनोग्राफी करवाई। लेकिन इसमें पता चला कि मेरा अबॉर्शन पूरी तरह से नहीं हो पाया. दवाई खाने के बाद भी मेरे पेट में छोटे टिशू बचे हुए थे.
ऐसे में मैंने वैक्यूम प्रोसीजर की मदद ली. यह काफी जल्दी हो गया और इससे बिल्कुल भी दर्द का एहसास नहीं हुआ. अबॉर्शन के इस पूरे प्रोसेस में काफी ज्यादा पैसे खर्च हुए.
मेरे घर वालों को इस बारे में नहीं पता था. इसके लिए मुझे अपनी दोस्त से मदद लेनी पड़ी. मैंने फैसला किया कि मैं इस बारे में अपने एक्स ब्वॉयफ्रेंड को कुछ भी नहीं बताऊंगी. लेकिन वैक्यूम प्रोसीजर काफी ज्यादा महंगा था जिसके चलते मुझे उससे मदद लेनी पड़ी, जिस पर उसने कहा कि जो भी खर्चा आएगा उसे हम बराबर बांट लेंगे.
लड़की ने बताया कि प्रेग्नेंसी का पता चलने से लेकर अबॉर्शन कराने तक मैं काफी शांत थी और मुझे किसी भी चीज से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. लेकिन एक मूमेंट ऐसा आया जब मैं अपनी सोनोगॅाफी करवा रही थी तो मुझे बच्चे की हार्ट बीट सुनाई दी लेकिन मुझे इससे बहुत ज्यादा गिल्ट महसूस नहीं हुआ.
कुछ सेकेंड्स के लिए मुझे भले लगा कि क्या ये सब असली में हो रहा है? लेकिन फिर मैं नॉर्मल हो गई. प्रेग्नेंट होने की यह पूरी स्थिति वैसी नहीं थी जैसे फिल्मों में दिखाई जाती है. मुझे ये सब एक छोटी गलती महसूस हो रही थी जो कोई बड़ी बात नहीं थी. मुझे पता था कि क्या करना था.
लड़की ने कहा कि इन सभी चीजों में मुझे सबसे ज्यादा जिस चीज से नफरत है वो ये कि इससे मेरी पूरी स्किन खराब हो गई. लड़की ने बताया, मुझे अबॉर्शन कराए हुए लगभग 4 से 5 महीने हो चुके हैं लेकिन मेरी स्किन अभी भी काफी खराब है और मुझे इसके लिए किसी स्किन डॉक्टर के पास जाना है.
लड़की ने कहा, प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन की ये मेमोरी अब मेरे दिमाग में काफी धुंधली हो चुकी है और अब में बिना किसी नेगेटिव फीलिंग्स के सोनोग्राफी की रिपोर्ट को देख सकती हूं.
लड़की ने कहा कि मैं चाहती हूं कि अबॉर्शन के लिए कोई ऐसी दवाई हो जो 100 फीसदी इफेक्टिव हो, लेकिन मैंने जो खाई वह अबॉर्शन में पूरी तरह से इफेक्टिव नहीं थी. मैं सोचती हूं कि काश ये पिल्स खाने के बाद दर्द कम हो.
लड़की ने बताया कि अबॉर्शन पिल खाने के बाद पीरियड्स क्रैंप्स की तुलना में काफी ज्यादा दर्द होता है. लड़की ने यह भी बताया कि अबॉर्शन पिल खाने के बाद इतना ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ा कि ना तो मैं खड़ी हो सकती थी और ना ही बैठ सकती थी, मुझे कब्ज के साथ ही डायरिया की समस्या भी हो रही थी. वह बहुत ही मुश्किल समय था.