पाकिस्तान, 28 अप्रैल। Pakistan Bomb Blast : पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी इलाके, खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिण वजीरिस्तान में सोमवार को एक भीषण बम विस्फोट ने दहशत फैला दी। यह हमला सरकार समर्थक शांति समिति के कार्यालय के बाहर हुआ, जिसमें कम से कम सात लोगों की जान चली गई और नौ अन्य घायल हो गए। स्थानीय पुलिस प्रमुख उस्मान वजीर ने बताया कि यह धमाका वाना शहर में हुआ, जो कभी पाकिस्तानी तालिबान (TTP) का गढ़ हुआ करता था।
क्या हुआ विस्फोट में?
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, विस्फोट के बाद 16 घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से सात ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि शांति समिति का कार्यालय पूरी तरह नष्ट हो गया, और कई लोग मलबे में फंस गए। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिए गए, लेकिन अभी तक किसी भी आतंकी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
पुलिस का मानना है कि इस हमले के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है, जो अक्सर सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाता रहा है। शांति समिति, जो स्थानीय विवादों को सुलझाने और टीटीपी का विरोध करने में सक्रिय थी, इस हमले का मुख्य लक्ष्य थी।
हमले का समय
यह विस्फोट ऐसे समय में हुआ है, जब हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान में एक बड़े सैन्य अभियान में 54 आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था। ये आतंकी कथित तौर पर अफगानिस्तान से पाकिस्तान में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। जानकारों का कहना है कि यह हमला टीटीपी की ओर से जवाबी कार्रवाई हो सकता है।
टीटीपी और अफगान तालिबान का कनेक्शन
पाकिस्तानी तालिबान (TTP) एक अलग आतंकी संगठन है, लेकिन यह अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी भी है। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से टीटीपी को वहां सुरक्षित पनाहगाह मिली है। कई टीटीपी नेता और लड़ाके अफगानिस्तान में खुलेआम सक्रिय हैं, जिसने पाकिस्तान में उनकी गतिविधियों को और बढ़ावा दिया है।
स्थानीय लोगों में दहशत
वाना के स्थानीय निवासियों में इस हमले के बाद डर का माहौल है। शांति समिति न केवल टीटीपी के खिलाफ मुखर थी, बल्कि यह इलाके में सामाजिक शांति और विवाद समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी। इस हमले ने एक बार फिर दक्षिण वजीरिस्तान में सुरक्षा स्थिति की नाजुकता को उजागर कर दिया है।