मुंबई, 13 फरवरी। Political Game : लोकसभा चुनाव से पूर्व महाराष्ट्र में भाजपा ने एक बार फिर ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साथ उनके वफादार अमर राजुरकर ने भी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के 12 विधायकों का इस्तीफा भी तैयार है। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का आगे-आगे देखो होता है क्या वाला बयान सुर्खियों में है। उन्होंने संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में राज्य में बड़ा राजनीतिक भूचाल आने वाला है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के इस्तीफे से न केवल कांग्रेस बल्कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को भी तगड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस की टूट का मतलब महा विकास आघाड़ी का अंत माना जा रहा है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पहले ही दो फाड़ हो चुकी हैं। सूबे में कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी थी जिसमें बगावत नहीं हुई थी लेकिन अब कांग्रेस भी सदमे में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले सोमवार को दिल्ली पहुंच गए। साथ ही, कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। चर्चा है कि जल्द ही एमवीए की बैठक बुलाई जा सकती है।
चर्चा है कि अशोक चव्हाण 14 फरवरी को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री रहे अशोक चव्हाण की मराठवाड़ा में अच्छी पकड़ है। मोदी लहर में भी उन्होंने नांदेड से लोकसभा की सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बीच, सोमवार को उत्तर-मध्य मुंबई जिला के कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व पार्षद जगदीश अमीन कुट्टी और पूर्व पार्षद राजेन्द्र नरवणकर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।
संसद में पेश श्वेतपत्र से जोड़कर देखा जा रहा है इस्तीफा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 फरवरी को संसद में अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र जारी किया था जिसमें मुंबई में आदर्श हाउसिंग सोसायटी का भी जिक्र किया गया है। ऐसे में चव्हाण के इस्तीफे को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि आदर्श घोटाले के कारण अशोक चव्हाण को साल 2010 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शिवसेना (यूबीटी) ने ताना मारा है कि आदर्श घोटाले को छुपाने के लिए भाजपा में जा रहे हैं। हालांकि चव्हाण (Political Game) ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का उनका निजी फैसला है।