नई दिल्ली। श्रीलंका में आर्थिक संकटों के बीच नया राष्ट्रपति मिल गया है। रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका की संसद ने नया राष्ट्रपति चुना है। रानिल विक्रमसिंघे, डलास अल्हाप्पेरुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को राष्ट्रपति उम्मीदवारों के रूप में चुना था
जिसके बाद रानिल विक्रमसिंघे चुनाव जीत गए और संसद ने उन्हें नया राष्ट्रपति नियुक्त किया है। बता दें कि वहां किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए देश की 225 सदस्यीय संसद में 113 से अधिक मत हासिल करना जरूरी होता है।
देश में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से निपटने में श्रीलंकाई सरकार की नाकामी के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और राजनीतिक उथल पुथल तथा देश में फैले अराजकता के माहौल के बीच गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। देश में फिलहाल लागू है।
देश में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के चलते खाद्य उत्पादों, ईंधन और दवाओं जैसी जरूरी चीजों के आयात पर बुरा असर पड़ा है। विदेशी लोन 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। इस साल श्रीलंका को 7 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाना है।
श्रीलंका में संकट मार्च में शुरू हुआ, जब चंद लोग एक छोटे से समूह में एकत्र हुए और मिल्क पाउडर, नियमित बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।