मुंबई, 15 फऱवरी। Robbery In New India Co-Operative Bank : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर द्वारा ब्रांच की तिजोरी लूटने की घटना सामने आई है।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक ने बैंक के खजाने से 122 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। आरोपी पूर्व जनरल मैनेजर का नाम हितेश प्रवीणचंद मेहता है। जब हितेश बैंक के महाप्रबंधक थे तो वे दादर और गोरेगांव ब्रांच की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
पुलिस ने दर्ज किया केस
उस समय यह बात सामने आई थी कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दोनों शाखाओं के खातों से 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की (Robbery In New India Co-Operative Bank)थी। पुलिस ने इस मामले में बैंक के मुख्य लेखा अधिकारी द्वारा दादर थाने में दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया।
साल 2020 से 2025 के बीच हुआ घोटाला
पुलिस को संदेह है कि हितेश और एक अन्य व्यक्ति इस घोटाले में शामिल हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले को आगे की जांच के लिए EOW में ट्रांसफर किया गया (Robbery In New India Co-Operative Bank)है। शिकायत के मुताबिक, यह घोटाला 2020 से 2025 बीच हुआ है। दादर पुलिस ने इस संदर्भ में BNS की धारा 316(5) और 61(2) के तहत FIR दर्ज की है।
RBI ने बैंक में हैराफेरी के मामले में की कार्रवाई
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है। बैंक कर्मचारियों द्वारा धन की हेराफेरी के आरोपों के कारण कार्रवाई की गई है। मुंबई स्थित इस बैंक के 1.3 लाख जमाकर्ताओं में 90 प्रतिशत से अधिक के खातों में पांच लाख रुपये तक जमा (Robbery In New India Co-Operative Bank) हैं। ऐसे में वे जमा बीमा के माध्यम से अपना पूरा धन हासिल कर सकेंगे।
RBI बैंक खातों की जांच में पाईं थी खामियां
सूत्रों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खातों की जांच में कुछ खामियां पाई थी। इसके बाद बैंक के मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) ने गुरुवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि यह मामला बैंक के कुछ कर्मचारियों द्वारा धन के दुरुपयोग से जुड़ा है। हालांकि, उन्होंने कुल राशि या इसमें शामिल लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया।