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बांदा, 4 मार्च। Shehzadi Khan Hanged In UAE : अबू धाबी में एक भारतीय महिला शहजादी खान को फांसी की सजा दी गई। वहीं उसके पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी शहजादी खान को न्याय नहीं मिला और भारत सरकार ने परिवार को कोई सहायता नहीं दी।

परिवार के वकील अली मोहम्मद ने फांसी को ‘न्यायिक हत्या की आड़ में न्यायेतर हत्या’ करार दिया है। बता दें कि शहजादी खान (33) को अबू धाबी में चार महीने के बच्चे की हत्या के मामले में 15 फरवरी को फांसी दी गई थी। शहजादी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गोयरा मुगलई गांव की रहने वाली थी।

क्या कहा पिता ने

शहजादी के पिता शब्बीर खान ने कहा कि उनकी बेटी को न्याय नहीं (Shehzadi Khan Hanged In UAE)मिला। हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हमने भारत सरकार से संपर्क किया और कई जगहों पर आवेदन दिए, लेकिन हमारे पास न तो पैसे थे और न ही वहां जाकर वकील करने का कोई साधन था। सरकार ने हमारा साथ नहीं दिया।

शहजादी खान 10 फरवरी, 2023 से अबू धाबी पुलिस की हिरासत में थी और उसे 31 जुलाई, 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी। उसे फांसी दिये जाने की खबर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आई, जब विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसे पिछले महीने फांसी दी जा चुकी है। उसका अंतिम संस्कार अबू धाबी में पांच मार्च को होगा।

शहजादी खान के परिवार को 28 फरवरी तक उसे फांसी दिए जाने के बारे में जानकारी नहीं थी। इसकी आधिकारिक पुष्टि होने पर परिवार को जानकारी मिली। शब्बीर खान ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी से आखिरी बार 14 फरवरी को बात की थी। इसके एक दिन बाद ही उसे फांसी दी गई। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने कोई समर्थन का आश्वासन दिया था, इस पर शब्बीर खान ने कहा कि नहीं, हमें कोई सहायता नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने नेताओं और यहां तक ​​कि फिल्मी हस्तियों से भी संपर्क किया था, लेकिन कोई फायदा नहीं (Shehzadi Khan Hanged In UAE)हुआ। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए शब्बीर खान ने कहा कि योगी जी और मोदी जी की बेटियां नहीं हैं, इसलिए वे इस दर्द को नहीं समझ सकते। अगर उनका कोई करीबी होता, तो वे कार्रवाई करते।

क्या कहा विदेश मंत्रालय ने

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय दूतावास ने शहजादी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार के सामने दया याचिका और माफी का अनुरोध भेजने समेत हर संभव कानूनी सहायता प्रदान की। संयुक्त अरब अमीरात में शहजादी को एक शिशु की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था और उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।

संयुक्त अरब अमीरात की सर्वोच्च अदालत ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ ने इस सजा को बरकरार रखा। संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने 28 फरवरी, 2025 को (भारतीय) दूतावास को सूचित किया कि शहजादी की सजा पर अमल स्थानीय कानूनों के अनुसार किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शहजादी के परिवार को मामले की जानकारी दे दी गई है।

क्या है मामला, क्यों मिली फांसी

शब्बीर खान ने बताया कि उनकी बेटी अबू धाबी में नाजिया नाम की एक महिला के लिए काम करती थी, जिसने हाल में एक बच्चे को जन्म दिया था। शब्बीर खान के अनुसार जब बच्चा चार महीने का था, तो उसे एक टीका लगाया गया था, जो आमतौर पर छह महीने में दिया जाता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि शिशु की मौत टीके की वजह से हुई थी, लेकिन शहजादी पर गलत तरीके से हत्या का आरोप लगाया गया और उसे मौत की सजा सुनाई गई। शब्बीर खान ने दावा किया कि बच्चे की मां ने शहजादी की दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया, जिसके कारण उसे फांसी की सजा मिली।