रायपुर, नवप्रदेश। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित केबिनेट की बैठक में प्रदेश में लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विभागीय नीति-2012 की अवधि में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया (Small Hydro Power Projects) गया।
वर्तमान में 25 मेगावाट क्षमता के लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना के लिए जारी अधिसूचना जिसकी अवधि फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है, में 10 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि ऊर्जा विभाग द्वारा लघु जल विद्युत परियोजनाओं (Small Hydro Electric Projects in CG) अंतर्गत 25 मेगावाट क्षमता तक की जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहन करने के लिए वर्ष 2012 में लघु जल विद्युत नीति प्रारंभ (Small Hydro Power Projects) की गई,
जिसकी समय-सीमा 10 वर्ष पश्चात फरवरी, 2022 को समाप्त हो गई है। विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार राज्य में उपलब्ध जल स्त्रोतों के उचित दोहन एवं निवेश को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से लघु जल विद्युत नीति की अवधि में वृद्धि किया जाना राज्यहित में है।
उल्लेखनीय है कि पीक घंटों में पॉवर मैनेजमेंट राज्य की वितरण कंपनी के लिए एक बड़ी समस्या है। अतः पंप आधारित जल विद्युत परियोजनाओं के अंतर्गत जल का उचित भण्डारण एवं प्रबंधन कर पीक घंटों में अतिरिक्त विद्युत उत्पादन किया जा सकता है, जो कि राज्य की वितरण कंपनी के पॉवर मैनेजमेंट तथा ऊर्जा क्रय बाध्यता पूरी करने में सहायक (Small Hydro Power Projects) होगी।
वर्तमान में राज्य में 75.65 मेगावॉट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजनाओं का (Small Hydro Electric Projects in CG) संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 83 मेगावॉट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजनाओं के लिए निवेशकों द्वारा पीपीए निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा 171 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाओं का अंतर्राज्यीय स्वीकृत प्रक्रियागत है।
प्रारंभिक सर्वे उपरांत 385 मेगावट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजना की स्थापना के लिए लगभग 25 स्थलों का चिन्हांकन किया जा चुका है। राज्य में लघु जलविद्युत परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करने के लिए लघु जलविद्युत नीति की अवधि में 10 वर्ष की और वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।