कानपुर। कानपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामना आई है। जहां घर के एक सदस्य की मौत हो जाने के बाद भी पूरा परिवार यह समझकर रहा कि वह सिर्फ कोमा में है। ऐसा करते-करते पूरे डेढ़ साल बीत गए,
लेकिन परिवार इसी गलतफहमी में था कि सदस्य सिर्फ कोमा में है। लेकिन जब बीते रोत आयकर विभाग की टीम मृतक के यहां पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट, स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक मामले की जांच के लिए व्यक्ति के घर पहुंचे तो इस मामले का खुलासा हुआ और उन्हे उसका शव मिला।
मृतक विमलेश दीक्षित की पिछले साल 22 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी, लेकिन परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए अनिच्छुक था क्योंकि उनका मानना था कि दीक्षित कोमा में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कानपुर के आयकर अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था, जिन्होंने इस मामले की जांच का अनुरोध किया था।’’
सीएमओ ने कहा कि जब मेडिकल टीम उनके घर पहुंची तो परिवार के सदस्य इस बात पर जोर दे रहे थे कि विमलेश जिंदा है और कोमा में है। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान विमलेश की हालत बिगड़ी तो परिजन लखनऊ और फिर कानपुर लेकर आए।
22 अप्रैल 2021 को बिरहना रोड के एक हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया। 23 अप्रैल को परिजन अंतिम संस्कार करने जा रहे थे तो उन्हें बॉडी में हरकत का एहसास हुआ।
परिवार वालों ने ऑक्सीमीटर लगाकर देखा तो पल्स रेट और ऑक्सीजन लेवल बताने लगा। तब परिवार ने अंतिम संस्कार करने की बजाए फिर हॉस्पिटल में एडमिट कराने की कोशिश की,
लेकिन कोविड महामारी के कारण पूरे शहर में खलबली मची हुई थी इसलिए किसी भी हॉस्पिटल ने उन्हें एडमिट नहीं किया। इसके बाद से बैंक अफसर पत्नी, पिता, मां और साथ में रहने वाले दो भाई सेवा में लग गए।
डेढ़ साल तक घर में शव रखे रहे और आयकर विभाग की टीम उनकी जांच करने घर पहुंची तो कल यानी 23 सितंबर 2022 को मौत का खुलासा हुआ।