रायपुर, 08 अगस्त। Suspended IAS Ranu Sahu : छत्तीसगढ़ कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक और सुधीर अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को जमानत मिल गई है। रानू साहू एक साल से जेल में बंद है। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू का जेल से बाहर आना आसान नहीं है।
रानू को जो जमानत मिली है वह ED के मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला से संबंधित है। लेकिन EOW ने रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत भी मामला दर्ज किया है। जिस वजह से वे जेल में बंद है।
निलंबित IAS पर आपराधिक साजिश का आरोप
EOW ने अपनी FIR में बताया है कि रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं। उन्होंने लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए ये संपत्तियां अर्जित की। रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची।
कोयला ट्रांसपोर्टरों से डीओ और टीपी परमिट जारी किए जाने के लिए 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली में सक्रिय सहयोग दिया। रानू साहू जहां भी पदस्थ रहीं हैं, वहां पर किसी न किसी माध्यम से भ्रष्टाचार कर खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध करती रहीं है। रानू साहू को अपनी सर्विस जॉइन करने के बाद से 31.10.2022 तक की स्थिति में वेतन के रूप में लगभग 92 लाख रुपए प्राप्त होने की जानकारी है।
3 करोड़ 93 लाख 91 हजार के निवेश की जानकारी
जबकि अब तक उनके द्वारा लगभग 3 करोड़ 93 लाख 91 हजार 949 रुपए निवेश अचल संपत्ति में करने की जानकारी मिली है। इसके अलावा रानू साहू (Suspended IAS Ranu Sahu( ने अचल संपत्ति, बीमा, शेयर, एसआईपी, में भी निवेश किया है।