रायपुर। केंद्रीय माल एवं सेवा कर (CGST) ने राजधानी रायपुर में नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) बिल के जरिए GST चोरी करने वाले 7 फर्मों पर बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने राजधानी में 68.04 करोड़ रुपए की कर चोरी का खुलासा किया है। वहीं इन फर्मों के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल, इन फर्मों पर आरोप है कि ये माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ले रहे थे। बताया जा रहा है कि ये फर्म प्रदेश के साथ ही प्रदेश के बाहर के भी करदाताओं को ITC पारित कर रहे थे।
CGST के प्रधान आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया कि विभाग ने इन नकली आइटीसी बिल जारी करने वाली 7 फर्मों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया गया। जो GST के तहत नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी कर टैक्स क्रेडिट ले रहे थे। इसके तहत CGST के रायपुर कार्यालय ने 21 सितम्बर को सात फर्मों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।
प्रधान आयुक्त ने बताया कि जिन फर्मों पर मामला दर्ज हुआ है उनमें बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेडिंग कंपनी, बद्री इंटरप्राइजेस, कुमार ट्रेडर्स और सिंह ब्रदर्स का नाम शामिल है। इनसे 68.04 करोड़ की कर चोरी का खुलासा हुआ है।
विभाग का कहना है कि ये फर्जी फर्म छत्तीसगढ़ के भीतर और बाहर कई करदाताओं को माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने और पास करने में लगी हुई थीं। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में आइटीसी रैकेट संचालित करने वाले व्यक्तियों की पहचान भी हो जाएगी और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) रजिस्टर्ड व्यक्ति को ही दी जाती है। जो व्यक्ति GST में रजिस्टर्ड नहीं है, उसे क्रेडिट नहीं दिया जाता। क्रेडिट सिर्फ बिजनेस के लिए काम में आने वाले गुड्स को ही दिया जाएगा। व्यक्तिगत काम में आने वाले गुड्स की क्रेडिट नहीं दी जाएगी।
मतलब जिसमें आपको पहले कहीं चुकाए गए टैक्स के बदले क्रेडिट मिल जाते हैं। बाद में अगर कभी आपको टैक्स चुकाने की जरूरत पड़ती है तो पैसों के बदले इस क्रेडिट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह से आपको एक वस्तु के कारोबार पर पर बार-बार टैक्स नहीं चुकाना पड़ता।