मुंबई। कंगना रनौत की मूवी में नजर आने वाला बच्चा यज्ञ भसीन आज उस मुकाम पर हैं। जहां तक जाने के लिए लोग बहुत ही पापड़ (Yagya Bhasin) बेलते हैं और कुछ का तो ये सपना ही बनकर रह जाता है।
यज्ञ भसीन ने ‘बिश्वा’ और ‘बाल नरेन’ जैसी फिल्मों से पूरी एंटरटेनमें ट इंडस्ट्री में अलग एक्टिंग की नई शुरूआत की और सबको बता दिया कि इस उम्र में भी बड़े-बड़े एक्टरों से एक्टिंग के मामले में पंगा लिया जा सकता (Yagya Bhasin) है। लेकिन यज्ञ की इस सक्सेस के पीछे उनके माता-पिता ने अपने सपनों को दाव पर लगा दिया।
7 साल की उम्र में जब यज्ञ ने पिता से एक्टर बनने की ख्वाहिश दिखाई तो पिता ने बिना सोचे समझे अपनी सरकारी गजेटेड ऑफिसर की लाख रुपये महीने की नौकरी छोड़ दी और यज्ञ को लेकर मुंबई आ गए।
उत्तराखंड का ऐसा इंसान जो अपनी 10-7 की नौकरी के बाहर कुछ नहीं (Yagya Bhasin) जानता था उसने बिना कुछ सोचे सबकुछ छोड़कर बेटे के सपने को पूरा करने को ही अपना मिशन बना लिया। मुंबई आकर न सिर्फ बेटे का बल्कि उनके पिता का भी स्ट्रगल शुरू हुआ।
यज्ञ बताया कि पापा ने उनके कहने पर उत्तराखंड में सरकारी नौकरी छोड़कर मां के साथ मुंबई रहने आ गए। यहां हम शुरुआत में वॉशरूम के बराबर घर में रहते थे।
यज्ञ ने अपने करियर का सारा श्रेय अपने पिता को दिया। हमने यज्ञ के पिता दीपक भसीन से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके 7 साल के बेटे ने जब उनसे कहा कि पापा मैं एक्टिंग करना चाहता हूं तो इस बात ने उन्हें परेशान कर दिया।
लेकिन उन्हें लगा कि ये शायद यज्ञ के पिछले जन्म का अधूरा काम था जो पूरा करने के लिए भगवान ने उन्हें मौका दिया है तो वो मना नहीं कर पाए। महज 6 महीने बाद उन्होंने अपनी पत्नी सोनिया भसीन से बात की और तीनों सबकुछ छोड़कर मुंबई आ गए।
दीपक भसीन एक ऐसे पिता हैं जिन्होंने अपने बच्चे के सपने को पूरा करने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट में राजस्व अधिकारी की पोस्ट से इस्तीफा दिया और उसे लेकर मुंबई आ गए।
उन्हें ना ऑडिशन शब्द के बारे में पता था न ये पता था कि ये सब कहां होता है लेकिन वो बच्चे का स्कूल में एडमिशन कराकर हर रोज 14-15 किलोमीटर पैदल ही चलते और लोगों से पूछते थे कि फिल्मों में काम करना है मेरे बेटे को तो कहां जाएं?
दीपक भसीन ने बताया कि ये आसान नहीं था कई लोग झिड़क देते थे और पागल समझते थे, लेकिन उन्हीं में से किसी ने बताया कि अंधेरी में ये ऑडिशन होते हैं।
दीपक भसीन ने बताया कि यज्ञ बहुत मेहनती है और वो कभी भी मुसीबत से नहीं घबराता है, स्कूल के बाद ऑडिशन पर जाना वहां लाइन में लगना हर तरह की मुसीबत का सामना उनका बच्चा करता था।
पिता और बेटे की मेहनत रंग लाई क्योंकि 52 ऑडिशन के बाद आखिरकार यज्ञ का चयन एक टीवी सीरियल में एक छोटे से रोल के लिए हो गया। ‘मेरे साईं’ सीरियल से यज्ञ को ब्रेक मिला, वो दिन है और आज का दिन है यज्ञ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
यज्ञ को स्टार प्लस का सीरियल ‘ये है चाहतें’ में सारांश का लीड रोल मिला। वहीं यज्ञ बहुत ही जल्द ‘बाल नरेन’ और ‘बिश्वा’ जैसी टाइटल रोल वाली फिल्मों में नजर आने वाले हैं। ‘बिश्वा’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना भी मिल चुकी है।