CM Vishnu Dev Sai की पहल…! पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर…डिजिटल पेंशन की एक नई सुविधा…यहां देखें 7 फायदे

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रायपुर, 13 जून। CM Vishnu Dev Sai के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के वित्त विभाग और पेंशन संचालनालय ने डिजीलॉकर प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक पेंशन भुगतान आदेश (ePPO) और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित की है।

इस पहल से लगभग 3.61 लाख सरकारी कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनभोगी अब डिजीलॉकर के माध्यम से अपने जीपीएफ स्टेटमेंट, अंतिम भुगतान आदेश, पेंशन प्रमाण पत्र और पेंशन भुगतान आदेश जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कहीं से भी, कभी भी, सुरक्षित एवं प्रमाणिक रूप में प्राप्त कर सकते हैं।

डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में एक कदम

यह पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ की ओर से एक उदाहरण बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री साय की इस पहल से पेंशनरों, कर्मचारियों और प्रशासन- तीनों को सीधा लाभ मिल रहा है।

इस डिजिटल पहल से दस्तावेजों की फिजिकल प्रतियों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी और कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। यह कदम छत्तीसगढ़ सरकार की पारदर्शिता, दक्षता और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

पेंशन प्रणाली के डिजिटलीकरण के प्रमुख लाभ

पेंशन प्रणाली के डिजिटलीकरण से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिल रहे हैं। यह पहल पारदर्शिता, दक्षता और नागरिकों की सुविधा को बढ़ावा देती है।

1. सुविधाजनक और त्वरित पहुंच

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पेंशनभोगी अपने पेंशन विवरण, भुगतान आदेश और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को कहीं से भी, कभी भी, सुरक्षित रूप से एक्सेस कर सकते हैं। इससे कार्यालयों के अनावश्यक दौरे कम होते हैं और समय की बचत होती है।

2. पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी

डिजिटल लेन-देन से पेंशन वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ी है। मध्यस्थों की भूमिका समाप्त होने से भ्रष्टाचार की संभावना कम हुई है, जिससे पेंशन सीधे लाभार्थियों तक पहुंचती है।

3. भुगतान में त्वरितता और सुरक्षा

डिजिटल भुगतान प्रणालियाँ जैसे UPI और DBT के माध्यम से पेंशन सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुँचती है। इससे भुगतान में देरी कम होती है और लेन-देन की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

4. दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण और भंडारण

डिजीलॉकर और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पेंशनभोगी अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकते हैं। इससे दस्तावेज़ों की फिजिकल प्रतियों पर निर्भरता समाप्त होती है और एक्सेस में आसानी होती है।

5. आधिकारिक जीवन प्रमाण पत्र

पेंशनभोगी अब अपने जीवन प्रमाण पत्र को डिजिटल रूप से उत्पन्न और प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे बैंक या पेंशन कार्यालयों में व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह प्रक्रिया तेज़, सरल और सुरक्षित है।

6. किसी भी समय और कहीं से भी एक्सेस

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पेंशनभोगी अपने पेंशन विवरणों को किसी भी समय और कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं, जिससे उनकी सुविधा और संतुष्टि बढ़ती है।

7. प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि

डिजिटल प्रणालियाँ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को स्वचालित करती हैं, जिससे मानव त्रुटियाँ कम होती हैं और कार्यों की गति बढ़ती है। इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों के लिए कार्यों में आसानी होती है।

इन पहलुओं से स्पष्ट है कि पेंशन प्रणाली का डिजिटलीकरण (CM Vishnu Dev Sai) न केवल सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए, बल्कि समग्र प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी लाभकारी है। यह पहल शासन की पारदर्शिता, दक्षता और नागरिकों की सुविधा को बढ़ावा देती है।