रायपुर, 22 मई| DGP Office Circular Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में शनिवार की छुट्टी खत्म होने का फैसला केवल ड्यूटी शेड्यूल का मामला नहीं है — यह प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही की एक नई लकीर खींचने की शुरुआत भी मानी जा रही है।
पुलिस मुख्यालय (PHQ) से जारी सर्कुलर में डीजीपी के निर्देश पर शनिवार को भी पूरे स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। यह आदेश न केवल पुलिस कर्मियों को प्रभावित करेगा, बल्कि सरकारी कामकाज की सोच और कार्यसंस्कृति में बदलाव का संकेत भी देता है।
क्या है आदेश का असली मतलब?
पत्र में कहा गया है कि प्रकरणों के समय-सीमा में निराकरण के लिए सप्ताह का हर कार्यदिवस जरूरी है। इसीलिए अब शनिवार को भी पुलिस मुख्यालय और अधीनस्थ शाखाएं चालू (DGP Office Circular Chhattisgar)रहेंगी। एडीजी और एआईजी स्तर के अधिकारियों को खुद मौजूद रहकर सभी शाखाओं की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया है।
यह केवल एक ‘ऑफिशियल कम्युनिकेशन’ नहीं, बल्कि उस सोच का हिस्सा है जहां सरकार “वर्क लाइफ बैलेंस” से ज्यादा “वर्क कमिटमेंट” पर ज़ोर देती दिख रही है।
वर्क–कल्चर शिफ्ट: क्या यही है नया प्रशासनिक टेम्पलेट?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फैसला वर्क कल्चर रिफॉर्म की दिशा में पहला सख्त कदम है। पहले ही मंत्रालय और एचओडी कार्यालयों में शनिवार को अधिकारी नियमित रूप से उपस्थित हो रहे (DGP Office Circular Chhattisgarh)हैं। अब इस व्यवस्था को धीरे-धीरे जनसेवा से जुड़े अन्य विभागों तक ले जाने की तैयारी भी हो सकती है।
जनता के लिए कितना फायदेमंद?
शुक्रवार को अधूरे कामों को लेकर जो असुविधा होती है, वह अक्सर सोमवार तक खिंच जाती है। यदि कलेक्ट्रेट, राजस्व और जनसेवा कार्यालय शनिवार को भी खुले (DGP Office Circular Chhattisgarh)रहेंगे, तो जनता को राहत मिल सकती है। यानी, छुट्टी तो गई—but सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।