DMF Scam : बिग ब्रेकिंग…सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत…! 3 साल बाद जेल से मिलेगी रिहाई

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रायपुर, 06 अगस्त। DMF Scam : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज न्यास (DMF) घोटाले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। शीर्ष अदालत ने आज यह बड़ा फैसला सुनाया, जिससे तीन साल से जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी को अब रिहाई का रास्ता मिल गया है।

कौन थे पैरवीकर्ता?

सूर्यकांत तिवारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, शशांक मिश्रा और तुषार गिरि ने पैरवी की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत मंजूर की, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि तिवारी को कोर्ट द्वारा निर्धारित सभी शर्तों का पालन करना होगा।

कब से थे जेल में?

सूर्यकांत तिवारी ने 29 अक्टूबर 2022 को जस्टिस अजय सिंह राजपूत की अदालत में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद से वे लगातार जेल में बंद थे। उस वक्त प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी भी कोर्ट पहुंच गए थे।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय क्यों है अहम?

इस फैसले के कई राजनीतिक और प्रशासनिक निहितार्थ माने जा रहे हैं, DMF घोटाले (DMF Scam) की जांच लंबे समय से चर्चा में रही है, जिसमें कई प्रभावशाली नामों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। तिवारी की रिहाई से राजनीतिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है, विशेष रूप से अगर वे सक्रिय राजनीति या कारोबारी गतिविधियों में लौटते हैं। ईडी की आपत्ति के बावजूद सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायिक संतुलन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को रेखांकित करता है।