Dwarka Fire Incident : छठी मंजिल की आग…जब बचने की चाह में कूद पड़ा एक परिवार…तीन जिंदगी बुझ गईं आसमान से पहले…देखें Video…

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नई दिल्ली, द्वारका,  10 जून| Dwarka Fire Incident : यह कोई आम हादसा नहीं था। यह एक परिवार की आखिरी कोशिश थी — ज़िंदा रहने की। दिल्ली के द्वारका स्थित एक अपार्टमेंट की छठी मंजिल पर सोमवार सुबह लगी भीषण आग ने एक ऐसा मंजर दिखाया, जिसने इंसानियत को झकझोर दिया।

सैकड़ों आंखों के सामने, लपटों में घिरे अपार्टमेंट से तीन लोगों ने बालकनी से छलांग लगा दी — दो मासूम बच्चे और उनका पिता। इनमें से कोई नहीं बचा।

बच जाओ…!” — ये शायद आखिरी चीख थी

सुबह 10 बजे के करीब लगी आग ने कुछ ही मिनटों में ऊपरी मंजिलों को अपनी चपेट में ले लिया। जान बचाने की कोशिश में 10 वर्षीय बेटे और बेटी ने पहले छलांग (Dwarka Fire Incident)लगाई, फिर उनके पिता ने भी वही रास्ता अपनाया। तीनों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

किसी चमत्कार से कम नहीं — मां और बड़ा बेटा बचे

जहां इस त्रासदी ने तीन जिंदगियों को लील लिया, वहीं एक उम्मीद की किरण भी बची — मृतकों की पत्नी और बड़ा बेटा सुरक्षित (Dwarka Fire Incident)हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

फ्लेक्स बोर्ड का कारोबारी था परिवार

जान गंवाने वाले 35 वर्षीय यश यादव द्वारका में फ्लेक्स बोर्ड का व्यापार करते थे। वो अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद घर पर ही थे। हादसे के वक्त उनकी पत्नी और बड़ा बेटा घर के दूसरे हिस्से में थे, जहां आग देर से पहुंची।

पूरी इमारत खाली, सुविधाएं बंद, जांच शुरू

संबंधित एजेंसियों ने तुरंत एक्शन लिया। इमारत की सभी सुविधाएं — बिजली, पीएनजी गैस — बंद कर दी गई हैं। संरचनात्मक सुरक्षा की जांच शुरू हो गई है।

8 दमकल वाहन और स्काई लिफ्ट ने संभाला मोर्चा

दमकल की आठ गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू (Dwarka Fire Incident)किया। स्काई लिफ्ट की मदद से ऊपर फंसे अन्य लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

अगर कुछ मिनट पहले मदद मिल जाती…” — पड़ोसियों की बेबसी

स्थानीय निवासी अभी भी सदमे में हैं। कई लोगों ने बताया कि दमकल आने से पहले ही धुआं और लपटें जानलेवा हो चुकी थीं।