गुवाहाटी/शिलांग, 12 जून| Kamakhya Temple Murder Case : राजा रघुवंशी की जिंदगी की आखिरी यात्रा ‘हनीमून’ के नाम पर शुरू हुई और ‘हत्या’ की साजिश में खत्म हो गई। अब इस बहुचर्चित मेघालय मर्डर केस में वो पहली तस्वीर सामने आई है जो इस भयावह षड्यंत्र की नींव बन गई।
कामाख्या देवी मंदिर में पूजा करते राजा की तस्वीर न सिर्फ उनकी श्रद्धा की गवाही है, बल्कि अब पुलिस के लिए ये एक क्राइम सिंबल बन गई है — क्योंकि इसी दर्शन के बहाने राजा को मौत की ओर धकेला गया था।
“मैं मन्नत मांग चुकी हूं” — प्रेम की नहीं, प्लान की शुरुआत थी ये बात
नवविवाहिता सोनम रघुवंशी ने अपने पति राजा से कहा था कि शादी के बाद वे तभी शारीरिक रूप से करीब आ पाएंगे, जब कामाख्या देवी के दर्शन कर (Kamakhya Temple Murder Case)लेंगे। यह महज आस्था नहीं, एक पूर्व-निर्धारित झूठ था।
असल मकसद?
सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर पहले से ही गुवाहाटी और मेघालय यात्रा का ब्लूप्रिंट तैयार कर रखा था।
‘ऑपरेशन हनीमून’ में हुआ खुलासा: शिलांग की घाटी में छिपा था मौत का जाल
23 मई को ट्रैकिंग के बहाने सोनम राजा को शिलांग के सोहरा ले (Kamakhya Temple Murder Case)गईं, जहाँ आकाश राजपूत, विक्की ठाकुर और आनंद कुर्मी पहले से राजा की हत्या के लिए मौजूद थे।
2 जून को राजा की लाश एक खाई में पाई गई।
कामाख्या मंदिर की तस्वीर क्यों है अहम सबूत?
तस्वीर बताती है कि राजा को कैसे भरोसे के साथ फंसाया गया।
ये वही मोड़ था जहाँ से हत्या की कहानी ‘आस्था की आड़ में’ शुरू हुई।
पुलिस अब इसे साजिश की पहली कड़ी मानकर केस को आगे बढ़ा रही (Kamakhya Temple Murder Case) है।
आस्था की आड़ में हत्या: नया सामाजिक ट्रेंड?
इस केस ने एक खतरनाक सामाजिक संकेत भी दिया है — धार्मिक आस्था का उपयोग अब भावनात्मक शोषण और अपराध की दिशा में भी हो रहा है।
कामाख्या जैसे शक्तिपीठ के नाम पर धोखे की यह कहानी आने वाले समय में क्राइम साइकोलॉजी का गहरा केस स्टडी बन सकती है।