नई दिल्ली, 14 जून। New Liquor Policy : दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा लागू की गई 2021-22 की आबकारी नीति को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। केंद्र सरकार के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस नीति के कारण दिल्ली सरकार को लगभग ₹2,002.68 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ।
सीएजी रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- लाइसेंसिंग में अनियमितताएं : आबकारी विभाग ने लाइसेंस जारी करते समय आवश्यक वित्तीय और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच नहीं की। इसके परिणामस्वरूप, कुछ लाइसेंसधारियों के पास एक से अधिक दुकानें थीं, जबकि पहले यह सीमा दो थी। कुछ व्यक्तियों को 54 दुकानें आवंटित की गईं, जिससे एकाधिकार की स्थिति बनी।
- राजस्व हानि : सरेंडर किए गए खुदरा लाइसेंसों को फिर से टेंडर न करने, कोविड-19 के आधार पर लाइसेंस शुल्क में छूट देने और अन्य कारणों से सरकार को ₹2,002.68 करोड़ का नुकसान हुआ।
- पारदर्शिता की कमी : निजी कंपनियों को शराब की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति देने से पारदर्शिता में कमी आई। कुछ थोक विक्रेताओं ने मूल्य निर्धारण में हेरफेर किया, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान हुआ।
- गुणवत्ता नियंत्रण में खामियां : शराब की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक परीक्षण रिपोर्टें उपलब्ध नहीं थीं, और कुछ मामलों में रिपोर्टें एक वर्ष से अधिक पुरानी थीं।
- प्रवर्तन और निगरानी में कमियां : आबकारी विभाग की प्रवर्तन प्रक्रिया अपर्याप्त थी, जिससे अवैध शराब की बिक्री पर प्रभावी नियंत्रण नहीं पाया गया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की प्रतिक्रिया
नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली सरकार की नीति भ्रष्टाचारपूर्ण और पक्षपातपूर्ण थी। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि नई आबकारी नीति में समाज के संवेदनशील वर्गों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शांति से समझौता नहीं होगा। नई नीति में सामाजिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
नई आबकारी नीति की दिशा
दिल्ली सरकार अब एक नई, पारदर्शी और प्रभावी आबकारी नीति तैयार (New Liquor Policy) करने की प्रक्रिया में है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करके अन्य राज्यों में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का अध्ययन कर रही है। यह कार्य 30 जून तक पूरा किया जाएगा। नई नीति में भ्रष्टाचार की कोई संभावना नहीं छोड़ी जाएगी और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।