Raja Kolander Court Verdict : हड्डियों का संग्रहकर्ता…राजा कोलंदर की दरिंदगी की दास्तां फिर आई अदालत की चौखट पर…देखें Video…

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वाराणसी, 24 मई| Raja Kolander Court Verdict : एक बार फिर इंसाफ ने अपनी गिरफ्त में लिया उस शख्स को, जिसे लोग ‘नरभक्षी’ कहते हैं और जिसने अपराध की दुनिया में ऐसा खौफनाक अध्याय जोड़ा कि सुनकर रूह कांप जाए। हम बात कर रहे हैं राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर की — एक ऐसा नाम, जो उत्तर प्रदेश की क्राइम हिस्ट्री में वहशीपन का प्रतीक बन चुका है।

जहाँ अधिकतर पोर्टल उसकी उम्रकैद की सजा पर बात कर रहे हैं, वहीं हमारी पड़ताल में सामने आया एक और चौंकाने वाला पहलू — राजा कोलंदर न केवल अपने शिकारों को मारता था, बल्कि उनके भेजे का सूप पीता था, उनकी खोपड़ियों को ‘कलेक्शन’ की तरह सहेज कर रखता (Raja Kolander Court Verdict)था, और मानता था कि इससे उसे ‘अलौकिक शक्ति’ मिलती है।

क्यों रखा जाता था भेजा और खोपड़ी?

हमारी तहकीकात में यह तथ्य उभर कर आया है कि राजा कोलंदर का मानना था कि इंसान की खोपड़ी में तांत्रिक शक्ति होती है, और अगर उसका सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो वह इंसान को अमरता या दिव्य शक्ति दिला सकती है। वह मरे हुए लोगों की खोपड़ी पर रातों में ‘साधना’ करता था।

पुराने ज़ख्म, नया फैसला

2001 में दोहरे हत्याकांड में शामिल राजा कोलंदर को पहले भी उम्रकैद की सजा मिली थी, लेकिन हाल ही में अदालत ने इस केस को दोबारा खुलवाया और गवाहों व डीएनए रिपोर्ट के आधार पर उसे एक बार फिर उम्रकैद की सजा (Raja Kolander Court Verdict)सुनाई।

राजा कोलंदर का ‘डायरी ऑफ डेथ’

पुलिस जब उसके घर पर पहुंची थी, तो उन्हें एक डायरी मिली थी जिसमें संभावित शिकारों की सूची थी। यह बताता है कि कोलंदर महज एक पागल कातिल (Raja Kolander Court Verdict)नहीं, बल्कि एक सोची-समझी प्लानिंग के तहत हत्या करने वाला सीरियल किलर था|