Reliance Power : स्टॉक मार्केट में ‘गदर’…! 168% की छलांग…1457% का रिटर्न…RPower बना मल्टीबैगर किंग…यहां देखें

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मुंबई, 30 जून। Reliance Power : अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस पावर एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह है कंपनी का तेज गति से हो रहा अंतरराष्ट्रीय विस्तार। भूटान में बड़ी सौर (500 मेगावाट) और जलविद्युत (770 मेगावाट) परियोजनाएं स्थापित करने के बाद अब कंपनी ने कुवैत, यूएई और मलेशिया में भी 1,500 मेगावाट की गैस आधारित बिजली परियोजनाएं हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

ग्लोबल प्रोजेक्ट्स की बड़ी रणनीति

कंपनी ने इन तीनों देशों में बोलियां जमा कर दी हैं, और यह Reliance Power की वैश्विक विस्तार नीति का हिस्सा है। खास बात यह है कि जहां GE जैसी वैश्विक कंपनियों को ऐसे संयंत्रों के लिए उपकरण देने में 3–5 साल लगते हैं, वहीं रिलायंस पावर के पास पहले से 1,500 मेगावाट की उपकरण क्षमता मौजूद है, जिससे परियोजनाओं की तेजी से डिलीवरी संभव है।

स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ता कदम

  • कुवैत, यूएई और मलेशिया में गैस आधारित बिजली की भारी मांग है, जिसे पर्यावरण अनुकूल विकल्प माना जाता है।
  • इन परियोजनाओं से रिलायंस पावर न केवल नई मार्केट में प्रवेश करेगी, बल्कि खुद को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी खिलाड़ी के रूप में स्थापित भी कर सकती है।

शेयर बाजार में गदर- RPower बना मल्टीबैगर

  • RPower का स्टॉक बीते एक साल में 168% उछल चुका है।
  • जुलाई 2024 में 25.76 रुपये के लो से अब यह शेयर 70.34 रुपये पर पहुंच गया है, जो लगभग 1,457% का 5 साल का रिटर्न दर्शाता है।
  • पिछले 6 महीने में 64%, 1 महीने में 13% और पिछले 5 कारोबारी दिनों में 10% की तेजी देखी गई है।
  • कंपनी का मार्केट कैप अब ₹28,810 करोड़ तक पहुंच गया है।

प्रवक्ता की पुष्टि

रिलायंस पावर के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि कंपनी ने विदेशी परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया में भाग लिया है, जो उसकी वैश्विक रणनीति का हिस्सा है।

अनिल अंबानी की रिलायंस पावर (Reliance Power) भले ही कभी वित्तीय चुनौतियों में घिरी रही हो, लेकिन अब वह न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऊर्जा क्षेत्र में मजबूती से वापसी कर रही है। तेजी से मिल रहे प्रोजेक्ट्स, स्टॉक की गगनचुंबी रफ्तार, और वैश्विक मांग के अनुरूप उपकरण उपलब्धता, ये सभी संकेत करते हैं कि RPower आने वाले समय में निवेशकों और ऊर्जा बाजार दोनों के लिए बड़ी भूमिका निभा सकती है।