रायपुर, 30 जून। Sant Premanand : हाल ही में एक शख्स ने वृंदावन स्थित प्रेमानंद महाराज से फिर से अपनी एक चिंता साझा की, जिसमें उसने बताया कि जब वह मंदिर गया और पंडित ने रुपये मांगे, तो पैसे न देने पर उसे श्राप दिया गया। उस श्राप में कहा गया था: “तेरे को नींद नहीं आएगी, तेरा मल‑मूत्र रुक जाएगा, जन्मों‑जन्मों तक दुख पड़ेगा”।
प्रेमानंद महाराज ने भक्त को आश्वस्त किया और कहा, ‘ऐसे लोगों की बातों का कोई असर नहीं होता, वरना पूरा विश्व तबाह हो जाएगा।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग पैसे के लिए डर, धमकी या श्राप का इस्तेमाल करते हैं, वे साधु नहीं, बल्कि सिर्फ पाखंडी हो सकते हैं। महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘उन्होंने श्राप दिया था, हम मिटा रहे हैं। अब जाओ, निश्चिंत रहो।’
प्रेमानंद महाराज का सुझाव
डरो नहीं, क्योंकि जनता में ऐसे कई पाखंडियों से निपटना पड़ता है; किसी सही संत का उद्देश्य कभी भी हानि नहीं होता। अगर मंदिर या संत किसी को पैसे देने के लिए मजबूर करते हैं, तो वह वास्तविक संत नहीं हो सकता, क्योंकि सच्चा संत तो हमेशा भक्त के हित में कार्य करता है। प्रेमानंद महाराज की यह बात भक्तों के लिए एक मजबूत संदेश है- धर्म में डर नहीं, सद्भाव और सच्चाई का महत्व है।
स्थिति | प्रेमानंद महाराज का दृष्टिकोण |
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श्राप देने वाला | असली संत नहीं- बिना शक्ति वाला, वह खुद के श्राप से प्रभावित होगा |
प्रभाव | ऐसे श्राप का असर नहीं होता |
समाधान | डरने की जरूरत नहीं, चिंता छोड़ें और संतों की असली पहचान करें |