ACB EOW Joint Action Breaking

ADR Report: ADR keeping a close eye in the election season...! Which party spent more than its income and who saved a lot of 'party fund'...see here
Uncategorised

ADR Report : चुनावी मौसम में ADR पैनी नजर…! आमदनी से ज्यादा खर्च किस पार्टी ने किया और किसने खूब बचाया ‘पार्टी फंड’…यहां देखें बड़ा खुलासा

नई दिल्ली, 29 फरवरी। ADR Report : चुनावी मौसम शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इसके बाद पूरा क्षेत्र जगह-जगह प्रत्याशियों के बड़े-बड़े होर्डिंग्स और विज्ञापनों से पट जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन सी राजनीतिक पार्टियां कितनी कमाई करती हैं, कितना खर्च करती हैं और इन खर्चों का स्रोत क्या है? चुनाव और राजनीतिक दलों पर पैनी नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में छह राष्ट्रीय पार्टियों ने 2022-23 में 3,077 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। ये 6 राष्ट्रीय पार्टियां है- बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा, सीपीएम और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) हैं। इसमें से 76% की कमाई बीजेपी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में बीजेपी ने 2,061 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। एक साल में बीजेपी की कमाई 77% तक बढ़ गई। 2021-22 में बीजेपी ने 1,917 करोड़ रुपये की कमाई की थी। बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा कमाई आम आदमी पार्टी की बढ़ी। आम आदमी पार्टी ने 2021-22 में 45 करोड़ रुपये कमाए थे, जबकि, 2022-23 में उसकी कमाई 91% तक बढ़कर 85 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि, बीजेपी के बाद सबसे रईस पार्टी कांग्रेस है। कांग्रेस ने 2022-23 में करीब 452 करोड़ रुपये कमाए। दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के उलट कांग्रेस की कमाई कम हुई है। 2021-22 में कांग्रेस ने 541 करोड़ रुपये कमाए थे। यानी, एक साल में उसकी कमाई 16% कम हो गई। कहां-कहां से कमाया? सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए रद्द कर दिया था। राजनीतिक पार्टियों की आधी से ज्यादा कमाई इसी से होती है। ऑडिट रिपोर्ट की मानें तो बीजेपी की 55% कमाई इलेक्टोरल बॉन्ड से ही हुई। बीजेपी को 1,294 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले। वहीं, कांग्रेस को 38% यानी 171 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड से आमदनी हुई। आम आदमी पार्टी की भी 45 करोड़ यानी 53% कमाई इसी स्कीम से हुई। कुल मिलाकर 6 राष्ट्रीय पार्टियों को 2022-23 में 1,511 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड से मिले। इसके अलावा 1,034 करोड़ रुपये चंदे और 532 करोड़ रुपये दूसरे जरियों से मिले हैं। कांग्रेस-AAP ने कमाई से ज्यादा खर्च किया हर राजनीतिक पार्टी को हर साल अपनी कमाई और खर्च को लेकर एक ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को देनी होती है। इसमें पार्टियों को बताना होता है कि उन्होंने कहां से कितना कमाया और कहां कितना खर्च किया। रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपनी आमदनी से ज्यादा खर्चा किया। 2022-23 में कांग्रेस ने अपनी कमाई से करीब 15% ज्यादा खर्च किया। कांग्रेस ने 467 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा किया। इसी तरह आम आदमी पार्टी ने भी अपनी कमाई से 17% ज्यादा खर्च किया। उसने 2022-23 में 102 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। वहीं, बीजेपी ने अपनी कमाई का लगभग 58% ही खर्च किया। उसने 1,362 करोड़ रुपये खर्च किए। बीजेपी ने 80% खर्च चुनाव पर किया चुनाव प्रचार पर खर्च करने में बीजेपी सबसे आगे हैं। बीजेपी ने पिछले साल जितना खर्च किया, उसमें से 80% से ज्यादा चुनाव प्रचार पर किया। 2022-23 में बीजेपी ने 1,092 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।  वहीं, कांग्रेस ने अपने कुल खर्च का लगभग 41% यानी 193 करोड़ ही चुनाव पर खर्चा किया, जबकि, आम आदमी पार्टी ने 36 करोड़ रुपये चुनाव प्रचार पर लगाए। यानी, अपने कुल खर्च का करीब 36 फीसदी। इसके अलावा राजनीतिक पार्टियां प्रशासनिक काम, अपने कर्मचारियों को सैलरी देने और बाकी दूसरे कामों (ADR Report) पर खर्च करती हैं।

Himachal Pradesh News: All 6 rebel MLAs of Congress are disqualified...! Speaker took action on violation of whip
Uncategorised

Himachal Pradesh News : कांग्रेस के सभी 6 बागी MLA अयोग्य…! व्हिप के उल्लंघन पर स्पीकर ने की कार्रवाई

शिमला, 29 फरवरी। Himachal Pradesh News : हिमाचल प्रदेश के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले सभी 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कहा कि दल-बदल कानून के तहत 6 माननीय विधायकों के खिलाफ शिकायत विधायक और मंत्री हर्ष वर्धन जी के माध्यम से हमारे सचिवालय को मिली। जिसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों को सुना और अपना फैसला सुनाया। स्पीकर कुलदी सिंहप पठानिया ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि विधायकों ने चुनाव तो कांग्रेस पार्टी से लड़ा, लेकिन पार्टी का व्हिप उल्लंघन किया, लेकिन वोट नहीं दिया। मैंने सभी पक्षों को सुना. मेरे ऑर्डर के तीस पेज है। माननीय इस मामले पर पूरी सुनवाई की। मैंने दोनों पक्षों को पूरी तरह सुना। ‘ जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनके नाम सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर,राजेंद्र सिंह राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंदर भुट्टो, इंदर दत्त लखनपाल हैं। इन सभी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया था। राज्यसभा चुनाव में कैसे हुआ खेला? हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव था। इसे जीतने के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत थी। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, इसलिए पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। बीजेपी के यहां 25 विधायक हैं। उसके पास 10 वोट कम थे, फिर भी पार्टी ने हर्ष महाजन को उम्मीदवार बना दिया था। जब चुनाव हुए तो कांग्रेस के 6 विधायकों (Himachal Pradesh News) ने तो क्रॉस वोटिंग की। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट कर दिया। इससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार को 34-34 वोट मिले।आखिरकार पर्ची के जरिए फैसला किया गया, जिसमें बीजेपी के हर्ष महाजन की जीत हुई।

MP Assembly Election Expenses: You will be surprised to see the election expenses of the candidates...! This BJP guy spent only Rs 18 thousand, the poorest MLA spent so much...see full list
Uncategorised

MP Assembly Election Expenses : प्रत्याशियों के चुनावी खर्च देख हैरान हो जाएंगे…! BJP का ये बंदा मात्र 18 हजार तो सबसे गरीब MLA ने किया इतना खर्च…देखें पूरी LIST

भोपाल, 28 फरवरी। MP Assembly Election Expenses : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों का चुनाव आयोग को अपने खर्चों से संबंधित लेखा जोखा देने का सिलसिला जारी है। 2533 प्रत्याशियों में से अब तक 2438 प्रत्याशियों ने लेखा जोखा दे दिया है। वहीं, 95 प्रत्याशियों ने अब तक लेखा जोखा नहीं दिया है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को खर्च की लिमिट 40 लाख रुपए तय की थी, लेकिन किसी भी प्रत्याशी ने इतनी राशि खर्च नहीं की है।  चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार सबसे कम खर्च को भाजपा के टिकट पर देपालपुर से चुनाव लड़े मनेाज पटेल ने किया। पटेल ने महज 18 हजार 495 रुपए ही चुनाव में खर्च किए। जबकि सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडिया ने 13.34 लाख रुपए खर्च किए हैं। शिवराज चौहान और मोहन यादव ने कितने खर्च किए? चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के दौरान 18 लाख 80 हजार रुपए खर्च किए, उन्हें पार्टी फंड से 20 लाख रुपए की राशि मिली थी। इसी तरह सीएम डॉ. मोहन यादव ने 19 लाख 67 हजार रुपए खर्च किए। उन्हें भी पार्टी फंड से 20 लाख रुपए प्राप्त हुए थे। शेष बचे 1 लाख 66 हजार रुपए उन्होंने पार्टी फंड में जमा करा दिए हैं। इधर पूर्व सीएम कमलनाथ ने स्वयं के व्यय पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने पार्टी से फंड नहीं लिया था। धनवान प्रत्याशियों ने नहीं किए ज्यादा खर्च प्रदेश के धनवान जनप्रतिनिधियों ने भी विधानसभा चुनाव में ज्यादा राशि खर्च नहीं की है। 242 करोड़ रुपए की सम्पत्ति के मालिक संजय पाठक ने महज 12 लाख 63 हजार रुपए में चुनाव लड़ा, जबकि 177 करोड़ संपत्ति के मालिक निलय डागा ने भी 17 लाख 52 हजार रुपए खर्च किए। इसी तरह 74 करोड़ रुपए की सम्पत्ति के मालिक सुदेश राय ने 33 लाख 16 हजार रुपए खर्च किए। सबसे ज्यादा किसने किए खर्च? मध्य प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा राशि खर्च करने वाले जनप्रतिनिधियों में केपी सिंह 37.38 लाख, राजा मंधवानी 37.20 लाख, सिद्धार्थ कुशवाह 35.82 लाख, कैलाश कुशवाह 34.82 लाख, पीसी शर्मा 34.51 लाख और सजन मंडलोई ने 34 लाख 16 हजार रुपए खर्च किए हैं। चुनाव आयोग करता है जांच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन के अनुसार प्रत्याशी (MP Assembly Election Expenses) अपने खर्च की जानकारी स्वयं देता है। चुनाव आयोग इस खर्च की जांच करता है, आयोग को लगता है कि खर्च में कोई राशि नहीं जुड़ पाई तो प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाता है।

Rajya Sabha Election: A worker struggles on the road and the House is sent to someone else...! What did the rebel MLA say after cross voting? listen
Uncategorised

Rajya Sabha Election : सड़क पर कार्यकर्ता जूझता है और सदन दूसरे को भेजा जाता है…! क्रॉस वोटिंग के बाद बागी MLA क्या बोले…? सुने

लखनऊ, 27 फरवरी। Rajya Sabha Election : यूपी की 10 सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने ही विधायकों से झटका लगा है। कारण, सपा के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवारों को समर्थन दे दिया। वहीं एक विधायक वोटिंग से नदारद रहीं, जिसका नुकसान भी सपा को हुआ। इन्हीं 7 विधायकों में एक राकेश प्रताप सिंह ने क्रॉस वोटिंग करने के बाद कहा कि सपा ने जिन तीन प्रत्याशियों को उतारा है, वो हमारे कार्यकर्ता नहीं है। सपा के बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह ने एक चैनल को कहा कि मैंने और 6 विधायकों ने मिलकर बीजेपी को वोट किया है। महाराजी देवी स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते नहीं आ सकीं। जिन 3 प्रत्याशी को सपा की तरफ से उतरा गया, वह हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं। सड़क पर कार्यकर्ता जूझता है और सदन दूसरे को भेजा जाता है। 21 साल से मैं पार्टी में हूं। मुलायम सिंह की राह पर चला, अखिलेश को समझा, लेकिन अभी पार्टी वो नहीं रही। आगे की राह जो होगी, सो तय होगा। हम सातों ने अपना मत बीजेपी को मिलकर दिया है। बता दें कि सपा अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही थी, लेकिन इस बीच सपा के सात विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ के समर्थन में मतदान कर दिया। सपा के चीफ व्हिप रहे मनोज पांडेय और राकेश पांडेय के साथ ही राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया। वहीं सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी मतदान करने नहीं पहुंचीं। क्रॉस वोटिंग के बाद कैसे बदला नंबर गेम? बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास कुल मिलाकर आठ उम्मीदवारों की जीत के लिए जरूरी प्रथम वरीयता के 296 वोट के मुकाबले 286 विधायकों का समर्थन था। इनमें से ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के एक विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं।ऐसे में एनडीए का संख्याबल 285 रह गया। राजा भैया की पार्टी के दो विधायकों ने भी बीजेपी को वोट किया, जिससे पार्टी के प्रथम वरीयता के वोट 287 पर पहुंच गए। अब सपा के सात विधायकों (Rajya Sabha Election) के क्रॉस वोटिंग करने से बीजेपी के प्रथम वरीयता वाले वोट 294 पहुंच गए।

MLA Ishwar Sahu: Shocking news...! Saja MLA spent so much money in elections...defeated CM and EX CM
Raipur

MLA Ishwar Sahu : चौंकाने वाली…! साजा विधायक चुनाव में जमकर बहाया रुपए…उनके सामने CM और EX CM फैल…यहां जानिए विस्तार से

रायपुर, 27 फरवरी। MLA Ishwar Sahu : छत्तीसगढ़ के साजा से विधायक ईश्वर साहू ने विधानसभा चुनाव के दौरान खर्च में दिग्गजों को भी पछाड़ दिया है। उनकी सालाना कमाई महज 25 हजार रुपए है, लेकिन उन्होंने चुनाव में 35 लाख 87 हजार 635 रुपए खर्च किए हैं, जो CM विष्णुदेव साय, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व सीएम भूपेश बघेल से कहीं ज्यादा है। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, ईश्वर साहू ने चुनाव में 21 लाख 71 हजार 729 रुपए खुद और एजेंट के माध्यम से खर्च किया है।उन्होंने जानकारी दी कि पार्टी फंड से 11 लाख 45 हजार 923 रुपए मिला था। वहीं ईश्वर साहू ने 2 लाख 78 हजार 406 रुपए अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं से मिलने की बात कही है। ईश्वर साहू बिरनपुर हिंसा के पीड़ित थे, जिन्हें बीजेपी ने साजा से प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में उन्होंने दिग्गज नेता और मंत्री रविंद्र चौबे को हरा दिया था, जिसके चलते वो काफी सुर्खियों में रहे है। चुनाव में सबसे ज्यादा किसने खर्च किया? विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा पैसा डौंडीलोहारा विधायक अनिला भेड़िया ने खर्च किया है। ADR के आंकड़ों के अनुसार, अनिला भेड़िया ने 38 लाख 59 हजार 871 रुपए खर्च किए हैं। इनके बाद बेमेतरा विधायक दिपेश साहू, मंत्री दयाल दास बघेल, विधायक अंबिका मरकाम, संपत अग्रवाल, रोहित साहू, संगीता सिन्हा, रेणुका सिंह और प्रबोध मिंज का नाम शामिल है। इन नेताओं ने पार्टी फंड से लड़ा चुनाव विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिन्होंने पार्टी फंड से पूरा चुनाव लड़ा है, अपना एक भी रुपए खर्च किए बगैर वो चुनाव जीत गए। इनमें डिप्टी सीएम विजय शर्मा, कांग्रेस के दिग्गज नेता कवासी लखमा, विधायक शेषराज हरबंश, विधायक प्रणव कुमार और विधायक सुशांत शुक्ला शामिल हैं। CM और पूर्व CM ने कितना खर्च किया? कुनकुरी से चुनाव लड़ने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (MLA Ishwar Sahu) की बात करें तो उन्होंने चुनाव में 29 लाख 87 हजार 837 रुपए खर्च किए। इसके अलावा भूपेश बघेल ने 30 लाख 91 हजार 671 रुपए और शिक्षा मंत्री बृजमोहन ने 18 लाख 66 हजार 462 खर्च किए हैं।

Rajya Sabha Election 2024: Big break with Grand Alliance...! 2 MLAs of Congress and one MLA of RJD rebel... towards the 'ruling party' sitting in the current session of the Assembly.
Uncategorised

Rajya Sabha Chunav 2024 : महागठबंधन से बड़ी टूट…! कांग्रेस के 2 और RJD के एक MLA बागी… विधानसभा के चालू सत्र में बैठे ‘सत्तापक्ष’ की ओर

पटना, 27 फरवरी। Rajya Sabha Chunav 2024 : लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। इस बीच बिहार महागठबंधन से बड़ी टूट हुई है। मंगलवार को कांग्रेस के दो और आरजेडी के एक विधायक बागी हो गए। मोहनिया की राजद विधायक संगीता कुमारी, कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ और मुरारी गौतम चलते सत्र के दौरान विधानसभा में सतापक्ष के तरफ बैठ गये। इससे पहले तीनों विधायकों को लेकर सूबे के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सदन में लेकर पहुंचे थे। इस बड़े राजनीतिक उथल पुथल के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस और आरजेडी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। महागठबंधन में हुई टूट को लेकर बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा है कि कोई भी डूबते जहाज में नहीं रहना चाहता। बजट सत्र के दौरान जब विपक्ष के नेता (तेजस्वी यादव) को सदन में रहने का समय नहीं मिलता तो विधायकों को अपना हश्र पता होता है। दोनों पार्टियों में पूरी कवायद वंशवाद की राजनीति को आगे बढ़ाने पर लक्षित है। गौरतलब है कि 12 फरवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान राजद विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव पाला बदलकर सत्ता पक्ष के साथ चले गए थे। मंगलवार को एक बार फिर यही नजारा बिहार विधानसभा में सदन की दूसरी पाली में भी देखने को मिला। करीब चार बजे कांग्रेस के विक्रम विधायक सिद्धार्थ सौरव, चेनारी विधायक मुरारी गौतम के साथ ही राजद की मोहनिया विधायक संगीता देवी सत्ता पक्ष में आकर बैठ गईं।  सूबे में हुए इस प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव से पहले राजद और कांग्रेस की ताकत कम हो सकती है। यदि ये बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो आरजेडी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने का दर्जा भी खो देगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को महागठबंधन के इन विधायकों को बिहार बीजेपी अध्यक्ष (Rajya Sabha Chunav 2024) और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के साथ घूमते और उनके कक्ष में जाते देखा गया था। 

Lok Sabha Elections 2024: Big blow to Congress...! If one wanted to meet the top leadership, the name would be scanned at many levels...! The only Congress MP left the party with this serious allegation...joined BJP
Uncategorised

Lok Sabha Elections 2024 : कांग्रेस को बड़ा झटका…! शीर्ष नेतृत्व से मिलना चाहे तो कई स्तर पर होता नाम स्कैन…! इस गंभीर आरोप के साथ कांग्रेस की ‘एकमात्र सांसद’ ने छोड़ी पार्टी…जॉइन की BJP

रांची, 26 फरवरी। Lok Sabha Elections 2024 : कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले झारखंड में बड़ा झटका लगा है। राज्य में पार्टी की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। वह पश्चिमी सिंहभूम जिले की चाईबासा लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद हैं। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में झारखंड की 14 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ चाईबासा में ही जीत मिली थी। वहीं राजमहल सीट से जेएमएम का उम्मीदवार चुनाव जीता था।  पिछले आम चुनावों में झारखंड की 12 लोकसभा सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने जीत हासिल की थी। गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के साथ कांग्रेस झारखंड में शून्य पर आ गई है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा कथित तौर पर राज्य में कांग्रेस पार्टी द्वारा झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ किए गए गठबंधन से नाखुश थीं। उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सांसदों से बात तक नहीं करता रांची बीजेपी कार्यालय में भगवा पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद गीता कोड़ा ने कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली। उनका आरोप है कि कांग्रेस के देश में महज 45 से 50 सांसद ही रह गए हैं, लेकिन पार्टी उनसे भी बातचीत करने या फीडबैक लेने की जहमत नहीं उठाती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आला नेताओं से मिलना भी सांसदों के लिए बेहद मुश्किलों भरा काम है। गीता कोड़ा ने कहा, ‘अगर कोई सांसद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलना चाहे तो कई स्तर पे उनका नाम स्कैन होता है। ऐसे में जनहित को लेकर काम कैसे संभव है? कांग्रेस का वास्ता सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा देने से है। तुष्टीकरण की राजनीति से उसे फुरसत नहीं है। जबकि देश और विश्व में सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं से लेकर हर वर्ग का काम करते हैं और उनकी सोच सबके विकास की है’। बीजेपी में नेता जनहित से जुड़े कार्य कर सकते हैं चाईबासा सांसद ने कहा कि महिलाओं के तीन तलाक का मामला हो या फिर उनके सशक्तिकरण का, बीजेपी देश की सबसे लोकप्रिय पार्टी है, जहां नेता जनहित में कार्य कर सकते हैं। झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गीता कोड़ा के बीजेपी में आने से कोल्हान में पार्टी मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शिबू सोरेन से लेकर मधु कोड़ा तक लगातार आदिवासी नेताओं को छलती रही है। मरांडी ने कहा, ‘कांग्रेस ने मधु कोड़ा में से मधु निकाल लिया और उन्हें कोड़ा खाने के लिए छोड़ दिया’। गीता कोड़ा हो सकती हैं BJP प्रत्याशी बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों में झारखंड (Lok Sabha Elections 2024) की जिन दो सीटों पर उसे हार मिली थी, उन्हें अबकी बार जीतने के लिए रणनीति बना रही थी। सूत्रों की मानें तो अमित शाह पिछले साल जनवरी में जब चाईबासा आए थे, तभी गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने की पटकथा लिख दी गई थी. सूत्रों के मुताबिक गीता कोड़ा ही चाईबासा से 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की उम्मीदवार हो सकती हैं। क्योंकि 2019 में देश के साथ झारखंड में पीएम मोदी और बीजेपी की लहर होने के बावजूद उन्होंने जीत दर्ज की थी। गीता कोड़ा ने तब अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा को 72,000 से अधिक मतों से हराया था।

Lok Sabha Polls: 'Game' on Rahul Gandhi's parliamentary seat...! This strong woman leader was made the candidate
Uncategorised

Lok Sabha Polls : राहुल गांधी की संसदीय सीट पर हो गया ‘खेल’…! इस कद्दावर महिला नेता को बनाया उम्मीदवार

तिरुवनंतपुरम, 26 फरवरी। Lok Sabha Polls : भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बता दें कि सीपीआई केरल के सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा में दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन भागीदार है। राहुल गांधी को टक्कर देंगी एनी राजा केरल की जिस वायनाड सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी सांसद हैं, वहां भी I.N.D.I.A गठबंधन लड़खड़ाती दिख रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एनी राजा (Annie Raja) को महत्वपूर्ण वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकित किया गया है। वर्तमान में यह सीट कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास है। वहीं, पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद पन्नियन रवींद्रन तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ेंगे। यह एक अन्य महत्वपूर्ण सीट है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर करते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में की घोषणा यह घोषणा पार्टी के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Lok Sabha Polls) में की। उन्होंने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार त्रिशुर और पार्टी की युवा शाखा AIYF के नेता सी ए अरुणकुमार को मवेलिककारा सीट से चुनावी मैदान में उतारा जाएगा।

Christian Community: Thanks to BJP...this is the difference...! What did MLA Kavita Pran Lahere say about the video...? listen to the video
Raipur

Christian Community : BJP को धन्यवाद…यही फर्क है…! MLA कविता प्राण लहरे ने वीडियो को लेकर ने क्या कहा…? सुनिए VIDEO

रायपुर, 26 फरवरी। Christian Community : बिलाईगढ़ की कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे का BJP ने सनसनीखेज वीडियो जारी किया हैं जो कि किसी मसीही समुदाय की चंगाई सभा का हैं। अब इसके बाद विधायक कविता प्राण लहरे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, बीजेपी को धन्यवाद. मैं हर धर्म में जाती हूं। मैं राम मंदिर गई हु। शिव मंदिर गई हूँ। बीजेपी ने उस वीडियो को वायरल भी नहीं किया, लेकिन मैं चर्च गई, तो बीजेपी ने मेरे वहां जाने को लेकर बड़ा मुद्दा बना दिया। योजना बनाकर वायरल कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और बीजेपी में यही अंतर है। भाजपा अपनी गंदी सोच का परिचय दे रही है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी के चौतरफा हमलों का सामना कर रहीं बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे के बचाव में अब उनकी पार्टी कांग्रेस उतर आई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख दीपक बैज ने भाजपा पर तीखा हमला बोला हैं। बैज ने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि अपने विचार रख सकते हैं। भाजपा चाहती है लोग सिर्फ अयोध्या जाएँ। भाजपा चाहती है लोग राम के अलावा किसी का नाम न लें। पीएम मोदी भी चर्च जाते है और पादरी से मिलते है। मोदी मिले तो सही और हमारी विधायक मिले तो गलत। ‘ईसाई नहीं हो गई विधायक’ : डॉ महंत इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष और दिग्गज नेता डॉ चरण दास महंत का बयान भी सामने आया हैं। डॉ महंत ने साफ किया हैं कि कांग्रेस सभी धर्मों को मानने वाले पार्टी हैं। डॉ महंत ने कहा, हम जहां जाते हैं उस अनुरूप व्यवहार करना होता है। विधायक ने यीशु का नाम लिया तो ईसाई नहीं हो गई। भाजपा पर आरोप लगते हुए कहा कि, बीजेपी सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति करती है। हम छाती ठोककर बोलते हैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई (Christian Community) आपस में भाई-भाई।

Due to Bhupesh Baghel's dictatorial attitude and anti-people policy...? Congress leader just resigned...see his letter
Uncategorised

Shock to Congress : बिग ब्रेकिंग…! विधानसभा चुनाव से पहले झटका…4 विधायकों ने थामा BJP का दामन

ईटानगर, 25 फरवरी। Shock to Congress : अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को तीन विधायक सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए। इनमें कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के दो-दो विधायक शामिल हैं।  कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक निनोंग एरिंग (पासीघाट पश्चिम सीट) और लोवांगडोंग (बोरदुरिया-बोगापानी सीट) पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा में शामिल हुए। एनपीपी के मुचु मिथी (रोइंग सीट) और गोकर बसर (बसर सीट) भी कार्यक्रम में भगवा पार्टी में शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी मौजूद थे।  इस घटनाक्रम के साथ ही राज्य की साठ सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के अब 53 विधायक हो गए हैं। जबकि तीन निर्दलीय विधायक बाहर से समर्थन दे रहे हैं। सदन में अब कांग्रेस और एनपीपी के दो-दो विधायक हैं। पूर्वोत्तर राज्य में इस साल के अंत में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे।  मुख्यमंत्री खांडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, विधायकों के पार्टी में शामिल होने से उनके चुनावी क्षेत्रों और अरुणाचल प्रदेश में हमारा आधार और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में शामिल होने सुशासन के सिद्धांतों में उनके भरोसे का प्रमाण है, जिसका समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।  खांडू ने आगे कहा, हम समावेशी विकास और जन केंद्रित कल्याण (Shock to Congress) के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने के लिए तत्पर हैं।