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Major Reshuffle in Congress: Newly appointed PCC Chief Deepak Baij arrives in Delhi... know who will meet veterans
Raipur

Major Reshuffle in Congress : नव नियुक्त PCC Chief दीपक बैज पहुंचे दिल्ली…जानें किन दिग्गजों से होगी मुलाकात

रायपुर, 13 जुलाई। Major Reshuffle in Congress : कल देर रात कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल हुआ। मोहन मरकाम को हटाकर बस्तर के तेज-तर्रार सांसद दीपक बैज को पीसीसी चीफ बनाया गया, जिसके बाद देर रात नियुक्त किए गए पीसीसी चीफ दीपक बैज दिल्ली पहुंच गए। आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से दीपक बैज मुलाकात करेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी दीपक बैज की मुलाकात हो सकती है। वहीं राहुल गांधी से भी मुलाकात की खबरें आ रही है। बस्तर के तेज तर्रार सांसद आपको बता दें कि देर रात कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल हुआ। कांग्रेस आलाकमान ने पीसीसी चीफ को बदल दिया। हालांकि इसकी अटकलें काफी दिनों से लग रही थी, लेकिन चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा था, इसकी संभावना कम होती जा रही थी। लेकिन बुधवार की रात अचानक से पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की पार्टी ने छुट्टी कर दी, वहीं बस्तर के तेज तर्रार सांसद दीपक बैज को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी गयी। बस्तर सांसद दीपक बैज को पीसीसी अध्यक्ष बनाये जाने पर .कांग्रेसियों में खुशी की लहर है। कांग्रेक नेताओं का कहना है कि बस्तर सांसद को पार्टी ने जन्मदिन का तोहफा दिया है। कल यानि 14 जुलाई को है सांसद दीपक बैज का जन्मदिन है। युवा नेता को पीसीसी अध्यक्ष बमाये जाने पर पार्टी होगी और मजबूत।बस्तर के आदिवासी बेटे को पार्टी ने दिया बड़ा पद। चुनाव में युवाओ को मिलेगा बल। संघटन में सब बड़े नेताओं का आशीर्वाद मिलेगा। कौन हैं दीपक बैज छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आज एक बड़ा फेरबदल हुआ है। दीपक बैज को कांग्रेस ने नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। 42 साल के दीपक बैज बस्तर से आते हैं और आदिवासी वर्ग का बड़ा चेहरा है। एमए और एलएलबी की पढ़ाई कर चुके दीपक बैज ने ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष लोहांडीगुड़ा से अपने संगठन में काम शुरू किया है। 2013 और 2018 विधानसभा चुनाव में वो चित्रकोट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद दीपक बैज ने चुनाव में जीत दर्ज की और छत्तीसगढ़ से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2019 लोकसभा में छत्तीसगढ़ की लोकसभा से कोरबा और बस्तर दो ही सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। बस्तर के लोहांडीगुड़ा के रहने वाले दीपक बैज ने 2019 के लोकसभा चुनाव मंं 38 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। लोहांडीगुड़ा ब्लाक के कार्यकालिक अध्यक्ष वो 2009 से 2011 तक रहे, उसके बाद ब्लाक कांग्रेस कमेटी लोहांडीगुड़ा के पूर्णकालिक अध्यक्ष 2012 से 2014 में रहे। तेज तर्रार नेता और शानदार भाषण शैली (Major Reshuffle in Congress) की वजह से उनहें संगठन की तरफ से 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ाया, जिसमें उन्होंने 12 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।

Bindranwagarh Assembly: Big blow to this party in the election year... Former MLA close to CM left the party
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Bindranwagarh Assembly : चुनावी साल में इस पार्टी को बड़ा झटका…CM के करीबी पूर्व MLA ने छोड़ी पार्टी

गरियाबंद, 12 जुलाई। Bindranwagarh Assembly : बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से दो बार विधायक रहे कुमार ओंकार शाह ने गोड़वाना गणतंत्र पार्टी का दामन छोड दिया है शाह ने कहा कि गोड़वाना गणतंत्र पार्टी का नही बल्कि जनता की सेवा करूंगा। ओंकार शाह के गोड़वाना गणतंत्र पार्टी से त्यागपत्र देने के बाद बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ज्ञात हो कि पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस से टिकट नही मिलने पर कुमार ओंकार शाह समर्थकों के मांग पर गोड़वाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव समर में उतरा था और लगभग 19 हजार वोटों से अधिक वोट बटोर लिये थे, और जानकारों का मनाना है शायद यही कांग्रेस की हार का बडा कारण रहा है, चुनावी साल में ओंकार शाह का गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का साथ छोड़ना अनेक संकेतों की ओर इशारा करता है ओंकार शाह ने चर्चा करते हुए कहा कि गोड़वाना गणतंत्र पार्टी से वह त्यागपत्र दे चुका है और अब जनता की सेवा करना। शाह का अगला रूख क्या होगा विधानसभा चुनाव 2023 को अभी कुछ माह ही बाकी है और सभी राजनीतिक दल अभी से चुनाव मोड में नजर आ रहे है, कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के टिकट के दावेदार अपने अपने स्तर पर टिकट प्राप्त करने जुगत में लग चुके है, पार्टी के निर्धारित कार्यक्रमो के अलावा मैदान में दावेदार खुद को सामने लाने कोई कसर नही छोड रहे है, अभी से रणनीति के तहत काम कर रहे है, कांग्रेस भाजपा के संभावित दावेदारों ने सोशल मिडिया में अपनी उपस्थिति एक ओर दर्ज कराना शुरू कर दी है। वही दुसरी ओर जगह जगह दीवार लेखन कार्य भी किया जा रहा है गरियाबंद जिले के अंतर्गत बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र अ.ज.जा वर्ग के लिए सुरक्षित है, और इसे भाजपा का अभेद किला कहा जाता है, पिछले तीन चुनाव से यहा लगातार भाजपा के विधायक चुनाव जीतकर आ रहे है, आपको बता दे कि इसके पूर्व ओंकार शाह ने कांग्रेस के टिकट पर बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा भाजपा के इस अभेद किला को दो बार भेंदने में कामयाब हुए थे। ओंकार शाह रहते है सक्रिय कांग्रेस के टिकट पर सन् 1993 और वर्ष 2003 में ओंकार शाह ने कांग्रेस से विधायक का चुनाव जीतकर विधायक निर्वाचित हुए थे उसके बाद से लेकर अब तक यह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के ही विधायक निर्वाचित होते आ रहे है। कांग्रेस से दो बार विधायक का चुनाव जीतकर प्रतिनिधित्व करने वाले ओंकार शाह राज परिवार से आते है, और पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के कहने पर कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार प्रसार का कमान भी संभाला था इसके बाद से ही ओंकार शाह एक तरह से गोड़वाना गणतंत्र पार्टी से किनारा कर लिया था लेकिन आज विधिवत उन्होने गोड़वाना गणतंत्र पार्टी से उन्होने इस्तीफा दे दिया है। पूर्व विधायक ओंकार शाह अमात गोंड समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष के पद पर है और अनेक सामाजिक धार्मिक तथा परिवारिक कार्यक्रमो के तहत समय समय पर बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति देते आ रहे है, क्षेत्र के गांव में उनके काफी समर्थक है पुराने  और बूजुर्ग के साथ युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है, कांग्रेस के काफी अनुभवी नेता के रूप में उन्हे जाना जाता है। CM बघेल के माने जाते है करीब मुख्यमंत्री के काफी करीबी भी माने जाते है क्योंकि ओंकार शाह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ विधायक रह चुके है, और पिछले वर्ष आदिवासी समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमात गोंड समाज भवन के लिए 01 करोड रूपये से अधिक की राशि दिया है, जो पूर्व विधायक ओंकार शाह और मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के नजदीकों को बताने के लिए काफी है, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में ओंकार शाह का क्या रूख रहेगा (Bindranwagarh Assembly) यह आने वाला समय ही तय करेंगा।

Bengal Panchayat Election: Big blow to BJP... where the flag was hoisted in the assembly, BJP lost there too... a look at the result
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Bengal Panchayat Election : भाजपा को तगड़ा झटका…विधानसभा में जहां फहराया था झंडा BJP वहां भी हारी…परिणाम पर एक नजर

पश्चिम बंगाल, 12 जुलाई। Bengal Panchayat Election : पश्चिम बंगाल में पचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से अधिकांश क्षेत्रों में पीछे है, जहां उसने 2021 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था। मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों में भाजपा कांग्रेस, सीपीआई (एम) और भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के गठबंधन से भी पीछे रह गई है। आपको बता दें कि 9 जून के बाद से मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक झड़पें और मौतें हुईं। टीएमसी ने दक्षिण 24 परगना में 6383 ग्राम पंचायत सीटों में से 2568 सीटें जीतीं और मुर्शिदाबाद में 5593 सीटों में से 1441 सीटें जीतीं। इन इलाकों राज्य की सबसे अधिक 63% मुस्लिम आबादी रहती है। 2019 और 21 में भाजपा ने टीएमसी को चौंकाया बीजेपी ने 2019 में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटें जीतकर टीएमसी को बड़ा झटका दिया था।  2021 में 294 विधानसभा सीटों में से 75 सीटें हासिल की थी। दोनों चुनावों में उत्तर बंगाल के आठ जिलों में भाजपा के प्रदर्शन ने टीएमसी के लिए चिंता का विषय बना दिया था। 2021 में बीजेपी ने इन आठ जिलों की 54 सीटों में से 30 सीटें हासिल कीं। वहीं, टीएमसी ने राज्य की 294 सीटों में से 215 सीटें जीतीं। 2019 में 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा को 18 सीटें मिलीं जिनमें उत्तर बंगाल की आठ सीटों में से सात सीटें शामिल थीं। पंचायत चुनाव में पिछड़ी बीजेपी रात 8 बजे तक उत्तरी बंगाल के कूच बिहार जिले की 2507 ग्राम पंचायत सीटों में से केवल 315 सीटें ही जीत सकी। जलपाईगुड़ी जिले में भाजपा ने 1701 ग्राम पंचायत सीटों में से केवल 161 सीटें जीतीं। उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों में भाजपा ग्राम पंचायत की 2220 और 1308 सीटों में से क्रमशः 82 और 37 ही जीत सकी। उत्तर बंगाल में हार का सामना करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने कहा, “भाजपा ने चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन गिनती से पहले मतपत्र बदल दिए गए।” आपको बता दें कि वह अलीपुरद्वार से सांसद हैं। हालांकि, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और कूचबिहार से सांसद निसिथ प्रमाणिक ने सत्तारूढ़ दल को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “मेरी बात लिख लो। 2024 में बंगाल से टीएमसी का सफाया हो जाएगा।” आपको बता दें कि पंचायत चुनाव पूरी तरह से गांव के विकास से संबंधित स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं, लेकिन सभी दलों ने 2024 में महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले इस प्रतियोगिता को एक एसिड टेस्ट के रूप में देखा था। 14 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल की अपनी पहली बंगाल रैली की और पूर्वी राज्य बीरभूम जिले में भाजपा के लोकसभा अभियान की शुरुआत की थी।  इसे टीएमसी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। परिणाम पर एक नजर मंगलवार रात 8 बजे तक टीएमसी ने बीरभूम की 2859 ग्राम पंचायत सीटों में से 705 सीटें जीत ली थीं और अन्य 228 पर आगे चल रही थीं।  झाड़ग्राम जिले में राज्य की सबसे अधिक आदिवासी आबादी रहती है। यहां टीएमसी ने 1007 ग्राम पंचायत सीटों में से 495 सीटें जीतीं और 94 पर आगे चल रही है। भाजपा केवल 90 जीत सकी और 19 पर आगे चल रही है।  पुरुलिया और बांकुरा में भी यही हाल है। पुरुलिया में टीएमसी (Bengal Panchayat Election) ने 2476 ग्राम पंचायत सीटों में से 932 सीटें हासिल कीं, जबकि बीजेपी ने केवल 236 सीटें जीतीं।

BJP BIG BREAKING: Big blow to BJP at the last moment of elections… A close friend of BJP's richest veteran leader caught the hand of 'Hath'…VIDEO
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BJP BIG BREAKING : चुनाव के ऐन वक्त पर BJP को बड़ा झटका…भाजपा के सबसे अमीर दिग्गज नेता के करीबी ने पकड़ा ‘हाथ’ का साथ…VIDEO

भोपाल, 11 जुलाई। BJP BIG BREAKING : चुनाव के ऐन मौके पर भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा। BJP नेता संजय पाठक के करीबी माने जाने वाले संदीप बाजपेई आज विधिवत कांग्रेस में शामिल हो गए। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उन्हें स्वस्ति वाचन के साथ सदस्यता दिलाई। कमलनाथ ने कहा बीजेपी के पास सिर्फ पैसा, पुलिस और प्रशासन ही बचा है। इसी के साथ कटनी जिले के जनपद सदस्य भी कांग्रेस में शामिल हुए। इसी के साथ कटनी से बड़ी संख्या में समर्थक भी पहुंचे जिन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली। संदीप वाजपेयी ने कहा में कांग्रेस की रीति नीति और कमलनाथ से प्रभावित हो कर कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। रही बात बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने की तो मैंने पहले से कोई प्लान नहीं बनाया था। बस बिजली तो अचानक गिरती है, वहीं हुआ।

Bengal Panchayat Election Results: TMC's hat-trick starts in Bengal...! See also BJP-Congress Hall
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Bengal Panchayat Election Results : बंगाल में TMC की हैट्रिक शुरुआत…! बीजेपी-कांग्रेस हाल भी देखें

पश्चिम बंगाल, 11 जुलाई। Bengal Panchayat Election Results : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई।शुरुआती रुझानों में टीएमसी आगे चल रही है। पंचायत चुनाव के लिए बंगाल में 8 जुलाई को मतदान हुआ था, लेकिन पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के चलते चुनाव आयोग ने 10 जुलाई को 697 बूथों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया था। बंगाल में अब तक हिंसा में 39 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार रात को कूचबिहार के दिनहाटा में वोटिंग सेंटर के बाहर टीएमसी और बीजेपी समर्थकों में भिड़ंत हो गई। उधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने पंचायत चुनाव (Bengal Panchayat Election Results) के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बारे में जानकारी दी। 

Dis's Qualify MP: When Rahul Gandhi planted paddy by wading in knee-deep water…see VIDEO
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Dis’s Qualify MP राहुल गांधी जब घुटनेभर पानी में उतरकर की धान की रोपाई…देखें VIDEO

सोनीपत, 08 जुलाई। Congress Leader : राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कर दिया कि ना सिर्फ विपक्ष उनकी चर्चा कर रहा है बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है। दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को सुबह अचानक दिल्ली से शिमला जाते समय सोनीपत में रुके। यहां उन्होंने खेतों में काम कर रहे किसानों से बातचीत की। राहुल गांधी ने खेत में खड़े एक ट्रैक्टर को भी चलाया। उन्होंने किसानों से खेती की जानकारी ली। राहुल गांधी सुबह करीब 7 बजे गांव मदिना व बरोदा में किसानों के साथ मिलकर धान की रोपाई की। खेतों का निरीक्षण किया​ राहुल गांधी ने खेतों का निरीक्षण किया। खेतों में धान रोपाई की जानकारी ली और खुद भी मजदूरों के साथ धान रोपने लगे। रोपाई से पहले जमीन तैयार करने को ट्रैक्टर भी चलाया​ राहुल गांधी ने इस दौरान ग्रामीणों से भी उबातचीत की। उन्होंने खेत में धान की रोपाई से पहले जमीन तैयार करने को ट्रैक्टर भी चलाया। अचानक बदला कार्यक्रम कुंडली बॉर्डर पर पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने अचानक अपना कार्यक्रम बदला और सोनीपत का रुख कर लिया।

Modi Surname: Rahul Gandhi was punished by the petition of this person with the picture...! Learn...?
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Modi Surname : तस्वीर वाले इस शख्स की याचिका से राहुल गांधी को मिली सजा…! जानें…?

नई दिल्ली, 7 जुलाई। Modi Surname : गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया था। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी। मानहानि का यह केस भाजपा नेता पूर्णेश मोदी द्वारा चार साल पहले दायर किया गया था।  पूर्णेश मोदी सूरत जिले की सूरत पश्चिम सीट विधायक हैं। पूर्णेश मोदी का जन्म 1965 में हुआ था। उनके पिता का नाम ईश्वरलाल मोदी है। मोदी प्रोफेशनल ग्रेजुएट हैं। बी. कॉम करके 1992 में उन्होंने सूरत की सर चौवाशी लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। भाजपा नेता की संपत्ति की बात करें तो वो 1.73 करोड़ रुपये के मालिक हैं। उनके नाम 35 लाख से ज्यादा का कर्ज भी है। फिलहाल उनका पेशा वकालत है। ऐसा रहा सियासी सफर  2022 गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के मजबूत गढ़ वाले सूरत की सूरत पश्चिम सीट पर पूर्णेश मोदी ने जीत दर्ज की थी। मोदी ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय आर. शाह को 1,04,312 वोटों के विशाल अंतर से हराया था। पूर्णेश मोदी को सितंबर 2021 में भूपेंद्र पटेल की सरकार में सड़क और भवन मंत्री बनाया गया था। राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर, सूरत एकमात्र ऐसा शहर था जिसके पास उस वक्त बनी भूपेंद्र पटेल सरकार में चार मंत्री थे। चार में से एक कैबिनेट मंत्री थे जबकि अन्य राज्य मंत्री थे। हालांकि, मंत्रालय के कामकाज में शिकायतें आने के बाद 11 महीने में ही पूर्णेश मोदी का मंत्री पद वापस ले लिया गया। पूर्णेश मोदी 2009-12 और 2013-16 में सूरत नगर बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मोदी को इस क्षेत्र में ओबीसी समुदाय का बड़ा चेहरा माना जाता है। 2017 में भाजपा को दिलाई थी जीत  2017 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में मोदी ने कांग्रेस के इकबाल पटेल को 77 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी। 2013 में पहली बार बने विधायक  2017 से पहले 2013 उपचुनाव में भी मोदी ने इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाने में मदद की थी जो उनकी पहली जीत थी। बता दें, भाजपा के तत्कालीन विधायक किशोर भाई वांकावाला के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुए थे। चर्चा में आये 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी (Modi Surname) है? इसी को लेकर पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

CG BREAKING: Aam Aadmi Party released the list of candidates for the assembly elections...see
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BJP BIG BREAKING : भाजपा ने घोषित किए चुनाव प्रभारी…देखें लिस्ट

रायपुर, 07 जुलाई। BJP BIG BREAKING : 4 राज्यों के लिए चुनाव प्रभारी घोषित कर दिए गए है। छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी बने ओम माथुर को बनाया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया सह प्रभारी बने। मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी भूपेंद्र यादव और अश्वनी वैष्णव को दी गई है।

CM Vs PM: Modi ji went away after reading the speech... CM's aggressive tweet... you can also see
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CM Vs PM : आप तो भाषण पढ़कर चले गए मोदी जी…CM का आक्रमक ट्वीट…आप भी देखे

रायपुर, 07 जुलाई। CM Vs PM : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रायपुर दौरे को लेकर मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम पर आक्रमक हमला किया है। मोदी के दौरे के बाद CM भूपेश बघेल ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि आप आए तो फिर झूठ की बयार बहने लगी मोदी जी। प्रदेश भाजपा के नेता लगातार किसानों को गुमराह कर रहे थे कि धान खरीदी केंद्र के पैसों से होती है। आप प्रधानमंत्री हैं, आपको तो सच पता है, लेकिन आप भी झूठ बोल गए। उनके ट्वीट में आगे लिखा कि, यह किसानों के नाम पर सबसे बड़ा झूठ है कि केंद्र राज्य के धान उपार्जन का 80 प्रतिशत केंद्र ले लेता है। अगर आपकी सरकार की भूमिका राज्यों के धान खरीदी में इतनी ही है तो आपके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में किसान 1000-1200 रुपए क्विंटल में धान क्यों बेचने पर मजबूर हैं मोदी जी? आपको छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने ग़लत जानकारी दी और आप भाषण पढ़कर चले गए। छत्तीसगढ़ का बच्चा बच्चा जानता है कि हमने गंगाजल की कसम दस दिनों के भीतर किसानों की कर्जमाफ़ी के लिए खाई थी और दो घंटों के भीतर कर्ज माफ़ी हो गई थी, लेकिन भाजपा की सुई अटक गई है। भाजपा का ‘2100 रूपए क्विंटल’ और ‘बोनस’ का वादा कभी पूरा न सका। अब तो वह वादा भी किसानों को ठीक तरह से याद नहीं होगा। वो ये भी जानते हैं कि कांग्रेस की सरकार उनके लिए क्या कुछ कर रही है। अब छत्तीसगढ़ के किसानों को कोई गुमराह नहीं कर सकता, आप भी नहीं।

WB Panchayat Election: Voting begins...! Triangular contest… Father TMC- Son BJP- Brother Left candidate… See violence-sabotage-some deaths at many places
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WB Panchayat Election : मतदान शुरू…! त्रिकोणीय मुकाबला…बाप TMC-बेटा BJP-भाई Left का उम्मीदवार…देखें कई जगहों पर हिंसा-तोड़फोड़-कुछ मौतें

कोलकाता, 6 जुलाई। WB Panchayat Election : पश्चिम बंगाल ग्राम पंचायत चुनाव के लिए आज मतदान शुरू हो गया है। सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा। यहां मतदाता 9,730 पंचायत समिति सीटों और 928 जिला परिषद सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहे हैं। जिसके नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। मतदान के दौरान कई जगहों पर हिंसा की भी खबर है। जिसमें कुछ मौतें भी हो चुकी हैं। कूचबिहार के सीताई में बाराविटा प्राइमरी स्कूल के मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की गई और मतपत्रों में आग लगा दी गई। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की कुल 63,229 ग्राम पंचायत सीटों पर सिर्फ 3 पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर हो। एक परिवार के 3 लोग अलग-अलग पार्टियों से लड़ रहे हैं चुनाव पश्चिम बंगाल के आरामबाग में रहने वाले एक परिवार के तीन लोग चुनाव लड़ रहे हैं और तीनों अलग-अलग पार्टियों से उम्मीदवार हैं। सबसे अहम बात कि तीनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। 78 वर्षीय सुफल चाणोक सालेहपुर गांव से TMC के उम्मीदवार हैं। वहीं उनके भाई 67 वर्षीय सुकुमार चाणोक CPI के उम्मीदवार हैं, जबकि उनके बेटे प्रफुल्ल इस सीट से BJP के उम्मीदवार हैं। सुकुमार चाणोक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि हम मैदान पर बेहद जुझारू हैं क्योंकि हम वैचारिक रूप से मीलों अलग हैं। लेकिन मैंने ‘दादा’ (बड़े भाई) से कहा है कि अगर वह जीतते हैं तो उन्हें हमें मटन करी खिलानी होगी। वहीं अगर मैं जीतता हूं तो मैं एक ड्रम रसगुल्ला खरीदूंगा और इसे अपने दादा और ‘भाइपो’ (भतीजे) सहित हमारे परिवार के सदस्यों के बीच वितरित करूंगा। मतदान को लेकर केंद्रीय बलों के 83 हजार जवानों की तैनाती की गई है। साथ ही 19 राज्यों की सशस्त्र पुलिस भी तैनात है। पंचायत चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी, सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। चुनावी मैदान में दुश्मनी के बावजूद रखते एक-दूसरे का ख्याल बता दें कि परिवार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। वे एक साथ रसोई साझा नहीं करते हैं, लेकिन चुनावी मैदान में दुश्मनी के बावजूद एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। लगातार बारिश के कारण कीच से भरी सड़क की ओर इशारा करते हुए सुकुमार ने कहा कि अपने अभियान के दौरान मैं लोगों को बता रहा हूं कि कैसे मेरे दादा इस सड़क को बनवाने में विफल रहे। सुकुमार ने कहा कि अगर मैं जीत गया, तो मैं इस सड़क को सुधार दूंगा। अगर ‘दादा’ जीत गए तो मैं उन्हें तब तक चैन नहीं लेने दूंगा जब तक कि वह इस सड़क को सही नहीं करवा देते, जो इस गांव का मुख्य मार्ग है। सुफल चाणोक ने दशकों तक ग्रामीण चिकित्सक के रूप में काम किया है और 1998 में कांग्रेस से ममता बनर्जी के नक्शेकदम पर चलते हुए टीएमसी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को देखकर लोग मुझे वोट देंगे। मैं जीवन भर क्षेत्र के लिए काम करता रहा हूं। हालांकि चुनाव का नतीजा कुछ भी हो, मेरे परिवार के सदस्यों के साथ मेरे रिश्ते नहीं बदलेंगे। पिता के स्वास्थ्य को लेकर हैं चिंतित 56 वर्षीय प्रफुल्ल ने कहा कि चुनावी लड़ाई से उनके पिता और चाचा के प्रति उनके सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार के कुशासन और सीपीआई की अप्रासंगिकता को समझाना असंभव है। मेरे चाचा और पिता के पास मेरे खिलाफ जीतने का मौका इस बार नहीं है। प्रफुल्ल ने कहा कि वह अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि वह इतनी उम्र में भीषण गर्मी के बीच चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा उनसे अनुरोध है कि प्रचार के दौरान खुद पर दबाव न डालें और ऐसे वादे न करें जिन्हें आप (WB Panchayat Election) पहले भी पूरा नहीं कर सके हैं।