Zero Tolerance in Crime : महिला से अश्लीलता…! पूर्व IPS और मौजूदा मंत्री ने अपने ही सचिव को कराया गिरफ्तार…ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर सख्ती

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लखनऊ, 31 जुलाई। Zero Tolerance in Crime : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ‘ज़ीरो टॉलरेंस ऑन क्राइम’ की नीति को एक बार फिर राजनीतिक कार्यवाही में अनुकरणीय रूप में देखा गया। गुरुवार को लखनऊ में राज्य सरकार के मंत्री और पूर्व IPS अधिकारी असीम अरुण ने अपने ही निजी सचिव जय किशन सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। सचिव पर समाज कल्याण विभाग की महिला कर्मचारी से अश्लील हरकत करने का आरोप है।

मंत्री ने खुद पुलिस को बुलाया

घटना तब हुई जब पीड़िता महिला कर्मचारी मंत्री असीम अरुण से मिलने उनके कार्यालय पहुंची और फूट-फूटकर रोते हुए अपना दर्द बयां किया। उसने आरोप लगाया कि सचिव जय किशन सिंह लगातार अभद्र टिप्पणियां और अश्लील हरकतें कर रहा था। मामला सुनते ही मंत्री ने बिना किसी देरी के सचिव को तलब किया और सामने ही पूछताछ की। जब सचिव बहाने बनाने लगा, तो असीम अरुण ने स्वयं पुलिस को कॉल कर मौके पर बुलाया।

मंत्री की मौजूदगी में दर्ज हुई FIR

गोमती नगर थाना प्रभारी बृजेंद्र चंद्र त्रिपाठी अपनी टीम के साथ कार्यालय पहुंचे। पीड़िता की तहरीर मंत्री की उपस्थिति में ली गई, जिसके आधार पर सचिव जय किशन सिंह को गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया। पुलिस ने संबंधित IPC की धाराओं में केस दर्ज कर आगे की पूछताछ शुरू कर दी है। आरोपी को शीघ्र कोर्ट में पेश किया जाएगा।

कौन है आरोपी जय किशन सिंह?

जय किशन सिंह समाज कल्याण विभाग में समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। वह मूल रूप से प्रयागराज के बमरौली क्षेत्र के रहने वाले हैं और वर्तमान में लखनऊ के चिनहट स्थित विक्रांत खंड में अपने परिवार के साथ रहते हैं। सूत्रों के अनुसार, सचिव का व्यवहार पूर्व में भी संदिग्ध रहा है, लेकिन यह पहला मौका है जब किसी महिला कर्मचारी ने खुलकर शिकायत दर्ज कराई है।

मंत्री असीम अरुण की कार्यशैली की सराहना

पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे असीम अरुण ने राजनीति में आने से पहले भी प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई के लिए पहचान बनाई थी। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित किया कि वह अब मंत्री पद पर रहते हुए भी ‘न्याय पहले’ की नीति पर अमल कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर हो रही सराहना

असीम अरुण की इस निडर और निष्पक्ष (Zero Tolerance in Crime) कार्रवाई की सोशल मीडिया पर व्यापक सराहना हो रही है। आम जनता से लेकर अफसरशाही तक, मंत्री के इस कदम को एक नई राजनीतिक परंपरा की शुरुआत बताया जा रहा है, जहां कानून सबके लिए समान है, चाहे वह कोई मंत्री का सचिव ही क्यों न हो।