Raipur News : राजधानी रायपुर के तेलीबांधा से वीआईपी चौक के बीच डिवाडर पर सौंदर्यीकरण के कथित घोटाले में राज्य शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निगम के दो इंजीनियरों को सस्पेंड (2 Engineers Suspended) कर दिया है। तत्कालीन जोन-10 कमिश्नर के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने को कहा गया है। इनके अलावा दो रिटायर अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
ये दोनों अफसर जब सौंदर्यीकरण का काम चल रहा था तब ड्यूटी पर थे। पड़ताल में पता चला है कि निगम अफसरों जांच टीम के सामने झूठ बोला। वही झूठ उनके खिलाफ अहम सुबूत बना। अफसरों ने योजना के तहत काम करने से इंकार कर दिया, लेकिन प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज उनकी फाइलों से मिले।
रायपुर नगर निगम में करीब ढाई साल पहले डिवाडर सौंदर्यीकरण के नाम पर किया गया घोटाला फूटा था। मेयर इन काउंसिल और नगर निगम की जानकारी के बिना तेलीबांधा चौक से वीआईपी तिराहे के बीच डिवाइडर में करीब दो करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण किया जा रहा था। मामला तब फूटा जब सौंदर्यीकरण का काम लगभग आधा हो चुका था। इस काम को लेकर किसी को कुछ जानकारी नहीं थी।
यह एनएच की सड़क है। एनएच ने इस सड़क पर किसी तरह के काम की स्वीकृति नहीं दी थी। निगम के अफसरों ने भी था कहा कि ये प्रोजेक्ट उनका नहीं है। हालांकि वे ये भी नहीं बता पाए कि आखिर काम कौन कर रहा है। इसके बाद नगर निगम ने 2 करोड़ 36 लाख का टेंडर निकाला।
टेंडर भी 19.67 लाख के 12 अलग-अलग टुकड़ों में जारी किया गया। एक ही काम के लिए 12 टुकड़ों में टेंडर किए जाने से फर्जीवाड़े की तह खुलती गई। दरअसल 20 लाख से ऊपर के टेंडर ऑनलाइन किए जाते हैं। इसके लिए स्वीकृति की जरूरत पड़ती है।
अफसरों ने फर्जीवाड़ा करने के लिए जानबूझकर 20 लाख से कम का टेंडर जारी किया। ताकि एमआईसी और सामान्य सभा से मंजूरी ना लेनी पड़े। मामले को लेकर भाजपा पार्षदों ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की है।
जांच एजेंसी के अफसरों ने बताया कि नगर निगम के अफसरों से जब डिवाइडर पर सौंदर्यीकरण काम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया। इसके बाद जांच एजेंसी के सदस्यों ने जोन कार्यालय की जांच की। संबंधित अफसरों के पास से उक्त प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज मिले। आधे-अधूरे काम की हूबहू फोटोज फाइलों में मिले। प्रोजेक्ट से संबंधित आदेश-निर्देश मिले। इससे यह स्पष्ट था कि जोन अफसरों को डिवाइडर पर हुए काम की पूरी जानकारी थी। इससे गड़बड़ी पता चलती है।
इन पर हुई कार्रवाई (2 Engineers Suspended)
नगर निगम के सब इंजीनियर प्रभाकर शुक्ला और सहायक अभियंता फत्तेलाल साहू को सस्पेंड कर दिया है। तत्कालीन जोन-10 कमिश्नर और वर्तमान में भोपालपट्टनम नगर पंचायत के सीईओ दिनेश कोसरिया के खिलाफ विभागीय आरोप पत्र जारी करने कहा गया है।
रिटायर अधीक्षण अभियंता हेमंत शर्मा और ईई शिबुलाल पटेल के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई की जाएगी। संचालनालय के अफसरों के अनुसार इस मामले में अब सभी के खिलाफ विभागीय जांच होगी, जो दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।