नई दिल्ली, 03 अगस्त। 8th Pay Commission : 8वें वेतन पर राज्यसभा में सांसद सागरिका घोष के प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि आधिकारिक अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है, लेकिन प्रक्रिया ज़ोर-शोर से चल रही है। कानूनी रूप से आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद ही इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति होगी।
Terms of Reference पर मंथन जारी
सरकार ने गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, DoPT, और राज्य सरकारों से आयोग की कार्य-परिसीमा (ToR) पर सुझाव मांगे, जिन्हें मंत्री ने प्रमुख हितधारकों के रूप में संबोधित किया। ToR तय करेगा कि आयोग वेतन-ढाँचा, भत्तों (DA, HRA, TA), पेंशन, अधिशेष पर बहाल प्रभाव (retrospective effect), आदि की समीक्षा किस आधार पर करेगा।
सामान्य तौर पर आयोग को ToR प्राप्ति के बाद 18–24 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य होता है, इस अवधि का अनुमान अक्टूबर 2026 से मार्च 2027 के बीच रखा गया है। सरकारी बजट 2025‑26 में वेतन-समायोजन के लिए कोई एलोकेशन नहीं की गई है, क्योंकि रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं हुई है। एक Kotak Institutional Equities के अनुमान अनुसार, आयोग की प्रतिफल सिफारिशें संभवतः देर से वर्ष 2026 तक सरकार को समर्पित की जा सकती हैं, जिससे इसे लागू करने की प्रक्रिया अप्रारंभिक FY27 तक खिंच सकती है।
कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में प्रत्याशा
राष्ट्रीय परिषद और संयुक्त परामर्शदात्री मशीनरी (National Council – Joint Consultative Machinery) ने अनुरोध किया है कि महंगाई एवं जीवन-यापन के आधार पर वेतन संरचना में व्यापक और व्यावहारिक बदलाव लागू किए जाएं; सिर्फ फिटमेंट फैक्टर वृद्धि पर्याप्त नहीं है। वर्तमान न्यूनतम वेतन ₹18,000 है, यदि फिटमेंट फैक्टर 3.0 लागू होता है, तो यह बढ़कर ₹54,000 हो सकता है; लेकिन DA रीसेट करने से वास्तविक वेतन वृद्धि सीमित रह सकती है।
संभावित लाभ और आर्थिक प्रभाव
अपडेट के अनुसार लगभग 50 लाख केंद्र सरकार कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर 8वें आयोग के अनुरूप लाभ कमा सकते हैं। एक रिपोर्ट अनुमान लगाती है कि 8वें आयोग के कार्यान्वयन से कुल ₹3‑3.15 लाख करोड़ तक का वित्तीय लाभ आर्थिक रूप से प्रवाहित हो सकता है, जो खपत सुधार सकते हुए अर्थव्यवस्था को एक बड़ी स्थिरता देगा।
संक्षिप्त रूप-रेखा
चरण | स्थिति / अपेक्षित कार्रवाई |
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Adhoc Inputs | गृह, रक्षा, DoPT और राज्यों से ToR पर सुझाव अपेक्षित हैं |
आधिकारिक अधिसूचना जारी | जारी होते ही अध्यक्ष-मंचरी की नियुक्ति और आयोग का गठन |
ToR तय होने पर आयोग कार्य प्रारंभ | सामान्यतः चार माह में प्रस्तावित |
रिपोर्ट प्रस्तुत | संभवतः मार्च 2026 तक; पूरी सिफारिश FY27 तक लागू |
अंतिम अमल | रिपोर्ट मंजूर होते ही पिछली तारीख से अग्रिम प्रभाव लागू |
पुराने vs. नए (अनुमानित) बेसिक वेतन
(रूपये प्रति माह)
Pay Level | 7वें वेतन आयोग (पुराना बेसिक) | 8वां (1.92×) | 8वां (2.28×) | 8वां (2.57×) |
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Level 1 | ₹ 18,000 | ₹ 34,560 | ₹ 41,040 | ₹ 46,260 |
Level 2 | ₹ 19,900 | ₹ 38,208 | ₹ 45,372 | ₹ 51,143 |
Level 5 | ₹ 29,200 | ₹ 56,064 | ₹ 66,576 | ₹ 75,044 |
Level 7 | ₹ 44,900 | ₹ 86,208 | ₹ 1,02,372 | ₹ 1,15,393 |
Level 10 | ₹ 56,100 | ₹ 1,07,712 | ₹ 1,27,908 | ₹ 1,44,177 |
Level 15 | ₹ 1,82,200 | ₹ 3,49,824 | ₹ 4,15,416 | ₹ 4,68,254 |
Level 18 | ₹ 2,50,000 | ₹ 4,80,000 | ₹ 5,70,000 | ₹ 6,42,500 |
कैसे हुई गणना: पुराना बेसिक × अनुमानित फ़िटमेंट फैक्टर = नया अनुमानित बेसिक