Agreement Suicide: Area shaken by mass suicide...! Parents and 2 young sons hanged themselves in DharamshalaAgreement Suicide
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वाराणसी, 8 दिसंबर। Agreement Suicide : वाराणसी में सामूहिक आत्महत्या की वारदात ने सभी को दहला दिया है। एक ही परिवार के चार सदस्यों ने एक धर्मशाला के कमरे में फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। मरने वाले सभी आंध्रा प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के रहने वाले थे। मरने वालों में माता-पिता और उनके 2 जवान बेटे शामिल हैं। पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि आंध्र प्रदेश का ये परिवार आर्थिक तंगी का शिकार था। 

पुलिस के मुताबिक, ये परिवार दो महीनों तक भटकने के बाद वाराणसी पहुंचा था और फिर यहां आकर पूरे परिवार ने एक साथ सुसाइड कर लिया। खुदकुशी के इस तरीके को अग्रीमेंट सुसाइड कहा जाता है। जिसका चलन बढ़ता जा रहा है। ये वो तरीका है, जिसमें कुछ लोग या परिवार के सदस्य आपसी सहमति से एक साथ मौत को गले लगा लेते हैं।

वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के देवनाथपुर पांडेहवेली इलाके में आंध्रा आश्रम से संबंधित काशी कैलाश भवन धर्मशाला है। जहां कमरा नंबर एस-6 ये पूरा परिवार रुका था। जिनमें पति-पत्नी और उनके दो बेटे थे। गुरुवार की शाम तक इन लोगों ने कमरा नहीं खोला तो धर्मशाला के स्टाफ को शक हुआ। उन्होंने पुलिस को इस बारे में सूचना दी। पुलिस मौके पर जा पहुंची और धर्मशाला का वो कमरा खुलवाया।

जैसे ही कमरे का दरवाजा जबरन बाहर से खोला गया तो सामने का मंजर देखकर सभी के होश उड़ गए। कमरे में उस परिवार के चारों सदस्यों की लाशें छत में लगी खूंटी पर नायलॉन की रस्सी के सहारे लटक रही थीं। पुलिस ने फौरन मौके पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड भी बुलाया और जांच पड़ताल की। मरने वालों की पहचान कोंडा बाबू (50), लावण्या (45), राजेश (25) और जयराज (23) के रूप में हुई है।

धर्मशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी ने बताया कि ये सभी लोग 3 दिसंबर की सुबह 11:30 पर वाराणसी आए थे और काशी यात्रा का बोलकर कमरा लिया था। धर्मशाला में कमरा खाली होने पर परिवार को अलॉट कर दिया गया था। इसके बाद सभी कमरे में रहने लगे. एक दिन पहले उन लोगों ने ऑफिस पहुंचकर यह बताया कि 7 दिसंबर की सुबह 7:30 बजे कमरा खाली कर देंगे।

उन लोगों ने 6 दिसंबर को ही 7 दिसम्बर को निकल जाने की बात बात कहकर चेक आउट कर लिया था। जब गुरुवार की सुबह सफाई करने के लिए कर्मचारी पहुंचे तो दरवाजा नहीं खुला। स्टाफ ने उन सभी के सोने की बात सोचकर उन्हें परेशान नहीं किया, लेकिन जब शाम तक भी दरवाजा नहीं खुला तो इसकी सूचना कर्मचारी ने आफिस में दी। इसके बाद ऊपर आकर खिड़की खोलकर देखने पर पता चला कि चारों के शव फंदे के सहारे लटक रहे हैं। 

इसकी सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गई। उन्होंने बताया कि हमारे यहां दिए गए पता के अनुसार, ये सभी आंध्रा प्रदेश के जिला ईस्ट गोदावरी के माण्डा पेटा इलाके के रहने वाले थे। ये लोग माता-पिता और 2 बेटे थे। इनके किसी परिवारीजान या रिश्तेदार से संपर्क नहीं हो पाया है। क्योंकि जो नंबर इन लोगों ने वहां लिखवाया था, वो इन्ही लोगों का था।

वाराणसी के पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने मौके पर जाकर पड़ताल की। उन्होंने बताया कि यह घटना बहुत ही दुखद है। जिसमें एक ही परिवार के तीन पुरुष और एक महिला का शव आश्रम में कमरे के अंदर छत के सहारे लटका हुआ पाया गया था। इनके पास से तेलुगु में लिखा सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट को पढ़ने पर यह पता चला है कि परिवार का आंध्र प्रदेश में ही पैसे को लेकर विवाद था, जिसको लेकर ये काफी परेशान थे। सुसाइड नोट में कुछ लोगों पर आरोप भी लगाया गया है।पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस कमिश्नर ने साफ किया कि पैसे का विवाद आंध्र प्रदेश का ही है। वाराणसी का नहीं। सुसाइड छत से फंदे के सहारे लटककर किया गया है। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही जानकारी मिल पाएगी। उन्होंने आगे बताया कि मरने वालों में मां-बाप और उनके दो बेटे हैं। उन्होंने सुसाइड नोट के हवाले से बताया कि यह परिवार पिछले दो महीने से परेशान होकर घर छोड़े हुए था। 

सुसाइड नोट में परिवार की तरफ से यह लिखा गया है कि यह कई जगहों पर रह चुके हैं और अब इनका पैसा खत्म हो चुका है और आगे कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। इसी वजह से परिवार ने बहुत ही कठोर कदम उठा लिया। पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया कि यह जिस जगह ये काम किया करते थे आंध्र प्रदेश (Agreement Suicide) में, वहीं इनका पैसे को लेकर विवाद हुआ था। केस दर्ज करके नियमानुसार इस पर कार्रवाई की जाएगी।