मऊगंज, 17 मार्च। Announcement : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को मऊगंज जिले में भीड़ के हमले में मारे गए पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (ASI) रामचरण गौतम के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौतम को शहीद का दर्जा दिया जाएगा, क्योंकि वह ड्यूटी के दौरान मारे गए। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
दरअसल, बीते शनिवार को आदिवासियों के एक समूह ने एक अपहृत व्यक्ति की हत्या कर दी और फिर उसे बचाने का प्रयास करने वाली पुलिस टीम पर हमला कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर गदरा गांव में ASI की मौत हो गई।
CM यादव ने कहा कि विशेष सशस्त्र बल की 25वीं बटालियन में पदस्थ एएसआई को अपने जीवन का बलिदान देने के लिए शहीद का दर्जा दिया जाएगा। दिवंगत गौतम के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी और उनके योग्य उत्तराधिकारी को सरकारी सेवा में समायोजित किया जाएगा। राज्य सरकार हमेशा अपने वीर सपूतों के आगे सिर झुकाती है।
पुलिसकर्मी का अंतिम संस्कार सतना जिले के गुलुआ पवैया गांव में किया गया। बड़े बेटे सुनील गौतम ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। प्रदेश सरकार की मंत्री प्रतिमा बागड़ी और वरिष्ठ अधिकारी अंतिम संस्कार में शामिल हुए. गौतम के तीन बेटे और दो बेटियां हैं।
क्या है मामला?
दो महीने पहले हुए एक सड़क हादसे में आदिवासी युवक की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच भी खत्म हो चुकी थी। परिजनों के सनि नामक एक युवक को दुर्घटना का जिम्मेदार बताया। उसे बंधक बनाकर ले आयें और पीटकर मार डाला। शनिवार को युवक को छुड़ाने पुलिस की टीम पहुंची। लेकिन इस दौरान आदिवासी समुदाय के कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। धरधार हथियार से हमला भी किया है। कई पुलिसकर्मी घायल हुए। हिंसक झड़प के बीच एएसआई की जान चली गई।
डीजीपी कैलाश मकवाना भी मऊगंज पहुंचे, जांच जारी
सीएम मोहन यादव ने इस मामले का संज्ञान लिया। अधिकारियों को सख्त निर्देश गए। डीआईजी रीवा, मऊगंज एसपी और अन्य अधिकारियों द्वारा धारा 163 लागू कर स्थिति पर काबू पाया गया। डीजीपी कैलाश मकवाना भी घटनास्थल पहुंचे। अलग-अलग एंगल से मामले की जांच जारी है। मुख्यमंत्री ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश भी दिया है।